हिन्दू धर्म का पावन पर्व नवरात्रि साल में दो बार धूमधाम से मनाया जाता है। इस समय चैत्र नवरात्रि का समय चल रहा है। घर घर में अष्टमी तथा नवमी के कन्या पूजन की तैयारियां चल रही हैं। हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक 6 अप्रैल 2019, दिन शनिवार से चैत्र नवरात्रि का शुभारम्भ हुआ था और 14 अप्रैल 2019, दिन रविवार को इसकी समाप्ति होगी।
उत्थान ज्योतिष संस्थान के निदेशक ज्योतिर्विद पं दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली के अनुसार 5 अप्रैल दिन शुक्रवार को दोपहर 01 बजकर 36 मिनट पर ही चैत्र नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि लग गई थी, किन्तु 6 अप्रैल को सूर्य उदय के बाद से ही नवरात्रि का पहला दिन माना गया है। इसी दिन से नवरात्रि का पहला व्रत रखा गया है।
कब है अष्टमी?
इस साल चैत्र नवरात्रि में अष्टमी तथा नवमी पूजा को लेकर लोगों के बीच बढ़ रही दुविधा को दूर करते हुए पंडित जी ने बताया कि जो 12 अप्रैल 2019 दिन शुक्रवार को सुबह 10:18 बजे से 13 अप्रैल दिन शनिवार को सुबह 08:16 बजे तक अष्टमी तिथि रहेगी। इसके बाद नवमी तिथि शुरू हो जाएगी।
कब है नवमी?
पंचांग के मुताबिक 13 अप्रैल दिन शनिवार को सुबह 08:16 बजे अष्टमी तिथि के ख़त्म होते ही नवमी तिथि लग जाएगी। चूंकि अष्टमी तिथि का सूर्य उदय 13 अप्रैल को हुआ है और सुबह ही 8:16 बजे नवमी तिथि भी शुरू हो जाएगी, इसलिए महाष्टमी और नवमी का व्रत एवं पूजन दोनों ही 13 अप्रैल को होगा।
कन्या पूजन 2019 तिथि
अब जिन लोगों को दुविधा है कि अष्टमी और नवमी का कन्या पूजन किस दिन होगा, उनके लिए पंडित जी ने बताया कि 13 अप्रैल को ही अष्टमी तिथि का सूर्य उदय और तत्पश्चात कुछ ही देर में लगने वाली नवमी तिथि के कारण इसीदिन अष्टमी-नवमी तिथि का व्रत, पूजन और साथ ही कन्या पूजन भी किया जाएगा।
कन्या पूजन 2019 समय
पंडित जी की राय में जो लोग पूर्ण निष्ठा से केवल अष्टमी तिथि को कन्या पूजन करते हैं वे सुबह 8:15 बजे तक किसी भी हाल में पूजा समाप्त कर लें। कन्याओं को भी भोग लगा लें। इसके बाद नवमी पर कन्या पूजा करने वाले अपनी पूजा कर सकते हैं। पंडित ही ने आगे बताया कि नवमी तिथि अगले दिन यानी 14 अप्रैल को सुबह 6 बजे तक मान्य है तो इस तिथि का पूजन, हवं आदि कार्य किसी भी समय किए जा सकते हैं।
चैत्र नवरात्रि 2019 पारण तिथि
नवरात्रि का पारण दशमी तिथि 14 अप्रैल दिन रविवार को प्रातः काल 6 बजे के बाद किया जाएगा। साथ ही 13 अप्रैल दिन शनिवार को मध्यान्ह नवमी तिथि होने के कारण प्रभु श्री राम की जयतीं यानी रामनवमी का पुण्य पर्व भी मनाया जाएगा।