नई दिल्ली: चंडीगढ़ में पहला कोविड पॉजिटिव मामला सामने आते ही उन सभी लोगों को क्वारंटाइन करना शुरु कर दिया गया, जो उस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए थे। क्वारंटाइन किए गए लोगों को सीवीडी ट्रैकर ऐप के माध्यम से भी चिन्हित किया जा रहा है। क्वारंटाइन किए गए परिवारों को आवश्यक वस्तुएं प्रदान करने के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं।
अपशिष्ट संग्रह: क्वारंटाइन घरों से अपशिष्ट पदार्थों का संग्रह और परिवहन करने के लिए 15 वाहनों को पीपीई किट से युक्त ड्राइवरों और हेल्परों की टीम के साथ प्रतिनियुक्त किया गया है। क्वारंटाइन घरों को चार क्षेत्रों में विभाजित किया गया है और प्रत्येक का निरीक्षण एक पर्यवेक्षक द्वारा किया जाता है। इन संग्रहन वाहनों के सभी चालकों ने ई-मानव संसाधन ट्रैकिंग परियोजना (ई-एचआरटीएस) के अंतर्गत जीपीएस युक्त स्मार्ट घड़ी पहन रखी है। डैशबोर्ड के माध्यम से इन स्मार्ट घड़ियों के द्वारा सभी वाहनों के आवागमन को ट्रैक किया जाता है। इस ट्रैकिंग का एकमात्र लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी क्वारंटाइन किया घर छुट न जाए।
सैनिटाइजेशन: सार्वजनिक स्थलों को नियमित रूप से सैनिटाइज किया जा रहा है। ड्रोन का उपयोग करके घनी आबादी वाले क्षेत्रों/ मलिन बस्तियों और मंडियों को सैनिटाइज किया जा रहा है।
शहरी गरीबों के लिए सेवाएं: मलोया गांव में प्रवासी-श्रमिकों के लिए शेल्टर की स्थापना की गई है, जहाँ पर श्रमिकों को पूर्व पकाया भोजन दिया जा रहा है। शहरी गरीबों के लिए, चंडीगढ़ सरकार ने एनयूएलएम और वेंडर सेल नेटवर्क के माध्यम से भोजन, साबुन, सैनिटरी नैपकिन और राशन का वितरण करने के लिए नागरिक समाज, निजी क्षेत्र, रेस्तरां और विभिन्न दानदाताओं के साथ करार किया है।
शहरी गरीब परिवारों के दहलीज पर वितरण:
∙ एसोसिएशन ऑफ प्रोफेशनल सोशल वर्कर्स एंड डेवलपमेंट प्रैक्टिशनर्स (एपीएसडब्लूडीपी) द्वारा व्यक्तिगत स्वच्छता किट (मास्क, सैनिटाइज़र, सैनिटरी नैपकिन, बेबी डायपर, साबुन, कीटाणुनाशक जैसे डिटॉल, सैवलॉन आदि) मुहैया कराये जा रहा है।
∙ खाने के लिए तैयार 500 किलोग्राम सूखा ओट, मैरिको लिमिटेड, एफआईसीसीआई द्वारा प्रदत्त और एपीएसडब्लूडीपी द्वारा समन्वित किया हुआ।
∙ लॉकडाउन के बाद से इंडियन फेडरेशन ऑफ यूनाइटेड नेशन एसोसिएशन चंडीगढ़ चैप्टर द्वारा नियमित रूप से पूर्व पकाया भोजन
∙ 14 दिनों का सूखा राशन (10 किलो गेहूं का आटा, 1 किलो दाल और चीनी प्रत्येक, 1 लीटर सरसों का तेल, आधा किलो डिटर्जेंट और 200 ग्राम अचार) कम आय और निर्माण स्थलों के लोगों के लिए, नागरिकों द्वारा दान में दिया गया और स्वरमणि एसोसिएशन द्वारा समन्वित किया हुआ।
∙ एमसीसी द्वारा 30,000 से ज्यादा सैनिटरी नैपकिन का वितरण
आपूर्ति श्रृंखला कायम रखना: चंडीगढ़ नगर निगम (एमसीसी) ने दुकानदारों की आवश्यकताओं की पहचान करने के लिए गूगल फार्म विकसित किया है और इसे वितरकों को उपलब्ध कराकर आपूर्ति श्रृंखला को कायम रखा है। प्रशासन ने विक्रेताओं की पहचान कर उन्हें विभिन्न श्रेणियों में पंजीकृत किया है और विक्रेताओं की श्रेणीवार सूची प्रसारित करने (दूध, किराने का सामान, फल सब्जी और दवा, आदि) और होम डिलीवरी के लिए प्रत्येक क्षेत्र के विक्रेताओं का मोबाइल नंबर जारी करने के लिए सोशल मीडिया का प्रभावी ढंग से उपयोग किया है।
चंडीगढ़ प्रशासन ने विभिन्न होम डिलीवरी ऐप आधारित विक्रेताओं और बड़े स्टोरों के साथ भी करार किया है जो घरों तक जाकर सामान पहुंचाते हैं और व्यापक सार्वजनिक हित के लिए अपने नंबरों को प्रसारित करते हैं। चंडीगढ़ नगर निगम ने चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग के सहयोग से नियमित रूप से प्रतिवेश-आधार पर फलों और सब्जियों को पहुंचाना शुरू किया है। यह सेवा सभी 12 लाख नागरिकों के लिए उपलब्ध है और पूरे शहर में इसका उपयोग डेढ़ लाख घरों द्वारा किया जा रहा है।
चंडीगढ़ नगर निगम आवश्यक वस्तुओं को सेक्टरों/ गांवों में ले जाने वाले वाहनों की ट्रैकिंग के लिए मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग कर रहा है जिससे संसाधनों का प्रभावी निगरानी और उपयोग किया जा सके। प्रारंभ में वाहनों को अधिकारियों द्वारा ट्रैक किया जा सकता है।
वेन्डर ट्रैकिंग के लिए एप्लिकेशन: चंडीगढ़ नगर निगम के पास विभिन्न इलाकों में आवश्यक वस्तुओं का वितरण करने के लिए चालकों के साथ डिलीवरी वाहन उपलब्ध हैं। प्रौद्योगिकी आधारित उपयोग के कुछ मामलों में निम्नलिखित शामिल हैं:
∙ पूरे शहर में वाहन के आवागमन के वास्तविक समय को ट्रैक करना
∙ परिसंपत्तियों का बेहतर उपयोग – वाहनों का बेहतर उपयोग करने के लिए ऐप के माध्यम से दैनिक आधार पर उन्हें आवाजाही का काम सौंपा गया है।
∙ स्थानीय नागरिकों से अनुरोध के मामले या आपातकालीन स्थिति में आस-पास के क्षेत्र में सेवा प्रदान करने के लिए चालक को वास्तविक समय की जानकारी
∙ वाहनों की श्रेणी के आधार पर वेब-पोर्टल का उपयोग करके वाहनों के संचालन पर नज़र रखना।
∙ चंडीगढ़ नगर निगम पोर्टल के साथ एकीकरण, जिसके माध्यम से नागरिक आवश्यक वस्तुओं के वितरण का काम करने वाले वाहनों की नवीनतम स्थिति देख सकेंगे।