नई दिल्ली: युवा मामलों और खेल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री विजय गोयल ने कहा कि भारत में खेल प्रसारण के क्षेत्र में परिवर्तन लाने के संबंध में डिजिटल मीडिया प्रसारण एक महत्वूपर्ण भूमिका अदा करेगा। माननीय खेल मंत्री ने आज यहां एक फिल्म संबंधी सम्मेलन में संबोधित करते हुए कहा कि इंटरनेट, मोबाइल और सस्ती डेटा सेवाओं की बढ़ती पहुंच, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में एक गेम चेंजर साबित होगी। उन्होंने कहा कि प्रसारकों को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि कैसे दर्शकों तक इन खेलों की पहुंच बढ़ सकें।
श्री गोयल ने कहा कि आंकड़ों के माध्यम से यह बात पता चली है कि भारत में 60 फीसदी डिजिटल उपभोक्ता 15 से 35 आयु वर्ग के लोग है। यह एक ऐसा आधार है, जिस पर ध्यान देकर खेल के समग्र व्यवसाय में सुधार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि खेलों को पहचान दिलाने के लिए ब्रांड्स और विज्ञापनदाताओं को आगे आना होगा तथा सामाजिक जिम्मेदारी के लिए निवेश भी करना होगा।
श्री गोयल ने कहा कि सरकार खेलों की संस्कृति में सुधार और खेलों के व्यावसायिक विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि खेलों की युवाओं तक पहुंच बनाने के लिए नये तरीकों की खोज होगी, इससे भारत में खेलों के समग्र विकास पर व्यापक असर पड़ेगा।
खेलों की विशेषता को रेखांकित करते हुए श्री गोयल ने कहा कि इस बात के पर्याप्त साक्ष्य है कि भारत में अब अधिकतर लोग खेलों के बारे में बात कर रहे है। पिछले तीन वर्षों के दौरान भारत में खेलों की उल्लेखनीय प्रगति हुई है। कई प्रकार की स्पोर्ट्स लीग्स की शुरूआत हुई है, जिनमें फुटबॉल, कबड्डी, कुश्ती, हॉकी, टेनिस, बैडमिंटन जैसे कई खेल शामिल हैं। उन्होंने कहा कि फुटबॉल, कबड्डी, हॉकी आदि जैसे खेलों में बड़ी मात्रा में प्रतिभाएं है। इससे खेलों का न केवल मनोरंजन के रूप में असर हुआ है, बल्कि इसका प्रभाव पर्यटन और बुनियादी ढ़ांचे के क्षेत्र में भी बढ़ा है।
मंत्री महोदय ने कहा कि एक मनोरंजन के रूप में स्पोर्ट्स लीग्स की पैकेजिंग गेम चेंजर साबित हुई है। इंडियन सुपरलीग के 450 मिलियन दर्शकों की संख्या यह दर्शाती है कि मनोरंजन के रूप में खेल किस तरह से प्रभाव डाल रहे है। सबसे दिलचस्प बात यह रही कि प्रो कबड्डी जैसी लीग की दर्शक संख्या 500 मिलियन से अधिक रही।
उन्होंने कहा कि इससे ज्यादा रोचक क्या हो सकता है कि इनमें से कुछ लीग्स की टेलिविजन दर्शकों की संख्या में 40 प्रतिशत से अधिक महिलाएं है। खेलों के प्रचार के नये मीडिया माध्यमों से खेलों के प्रायोजन राजस्व में बढ़ोतरी हुई है। नई लीगों की सफलता के पीछे टीवी, रेडियो, प्रिंट और डिजिटल माध्यमों जैसे मीडिया मंचों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। श्री गोयल ने कहा कि खेलों को हमें अपने समाज के एक अभिन्न अंग के रूप में आगे बढ़ाना चाहिए।