देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों को सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश सम्बंधित जिलाधिकारियों
को दिये है। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों को बेहतर सुविधा प्रदान करने से देश व दुनियां में सुरक्षित चारधाम यात्रा का सन्देश जायेगा तथा आगे भी लोग दुगने उत्साह के साथ चारधाम यात्रा पर आयेंगे। उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति चारधाम यात्रा में आयेगा वह हमारा मेहमान है उसकी सुख-सुविधा का ध्यान रखना हमारा दायित्व है। उन्होंने अशक्त, कमजोर व बीमार व्यक्तियों को यात्रा पूर्ण करने में मदद करने के निर्देश भी जिलाधिकरियों को दिये, इसके लिये संसाधन मुहैया करायें जायेंगे।
सोमवार को सचिवालय में चारधाम, हेमकुंड, कैलाश मानसरोवर, छोटा कैलाश यात्रा एवं आगामी काबड़ मेले की वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मण्डलायुक्तों व जिलाधिकारियों के साथ समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने निर्देश दिये कि यात्रा मार्गोें के अवरूद्ध होने पर उसे विलम्बतम 04 घटे के अन्दर खोला जाय, रोड़ बन्द होने की दशा में यात्रियों को जलपान आदि की सुविधा उपलब्ध करायी जाय। देहरादून, पौड़ी व टिहरी के जिलाधिकारी अपने जनपदों के यात्रा मार्गाें की व्यवस्था देखे उनके क्षेत्र में भी यात्रियों को कोई कठिनाई नहीं होनी चाहिए। किसी भी प्रकार की अनहोनी की दशा में त्वरित राहत उपलब्ध करायी जाय। इस सम्बन्ध में किसी भी प्रकार की कोताही न बरती जाय। उन्होंने कहा कि रामबाड़ा से लिंचोली के मध्य टायलेट की संख्या बढ़ाने व पेयजल आपूर्ति की निरन्तरता बनायी रखी जाय। उन्होंने केदारनाथ में मलबा, सफाई व दो लियर प्रोटेक्शन वाल के निर्माण में तेजी लाने को कहा। इन धामों में निरन्तर विद्युत आपूर्ति, स्वास्थ्य व सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी उन्होंने दिये।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने यह भी निर्देश दिये कि सडक चाहे पीडब्ल्यूडी की हो या बीआरओ की उसे बन्द होने पर यातायात के लिये खोलना हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। इसके लिये धनराशि की कमी आड़े नहीं आने दी जायेगी। उन्होंने आपदा एवं पर्यटन सचिव से नियमित रूप से ब्रिफिंग करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने यात्रा मार्गाें पर गेस्ट हाउसों में खानपान व बिस्तर आदि की गुणवत्ता की भी समय-समय पर जांच करने के निर्देश दिये। उन्होंने यमनोत्री मार्ग पर यात्रियों को आक्सीजन, दवा आदि की पर्याप्त व्यवस्था करने को कहा। यात्रियों की सुरक्षा व सुविधा के लिये धनराशि की कमी नहीं होने दी जायेगी। आगामी वर्षात के दौरान आपदा बचाव दल को तैयार रखा जाय, इसकी पूरी योजना व व्यवस्था अभी से कर ली जाय।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने यात्रा मार्गांे पर लैण्ड स्लाड जोन चिन्हित करने तथा इन स्थलों पर पर्याप्त मात्रा में जेसीबी व्यवस्था करने के साथ ही, घाघरिया से हेमकुंड तथा अन्य ट्रेकिंग रूटों की व्यवस्था दुरस्त करने के निर्देश दिये। उन्होने कैलाश मानसरोवर, छोटा कैलाश व ओम पर्वत की यात्रा व्यवस्थाओं के सम्बंध में आयुक्त कुमायू से जानकारी प्राप्त की तथा जिलाधिकारी पिथौरागढ़ को यात्रा मार्ग की व्यवस्थाओं को दुरस्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने काबड़ मेले की व्यवस्थाओं को भी अभी से सुनिश्चित करने को कहा, इसके लिये उन्होंने प्रमुख सचिव गृह व पुलिस महानिदेशक को हरिद्वार जाकर व्यवस्थाओं का जायजा लेने को कहा। उन्होंने निर्देश दिये कि काबड़ के दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग बन्द नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि शहरों में बड़े नालों की सफाई का कार्य भी जिलाधिकारी देखे। छोटे नालों की सफाई नगर पालिका के स्तर पर किये जाय। मुख्यमंत्री श्री रावत ने जिलाधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि नदी नालो के किनारे के मकानो को चिन्हित करने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। सी0सी0 रोड़ पर 50 मीटर के दायरे में पणकटे बनाये जाए ताकि पानी कि बहाव की तेजी को कम किया जा सके।
इस अवसर पर मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, अपर मुख्य सचिव एस. रामास्वामी, प्रमुख सचिव डा. उमाकांत पवांर, सचिव अमित नेगी, डाॅ. भूपेन्द्र कौर औलख, शैलेश बगोली, विनोद शर्मा, पुलिस महानिदेशक एमए गणपति सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।