लखनऊ: भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कहा कि सामूहिकता की जिस शक्ति ने गुलामी की बेड़ियांे को तोड़ा वही भारत को दुनिया की बड़ी ताकत बनाएगी। सामूहिकता की यह शक्ति, आत्मनिर्भर भारत की ताकत है। देश को आत्मनिर्भर बनाने में सामूहिक भागीदारी बढ़ाने का संकल्प लेने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि देश की एकता और सम्मान सबसे बड़ा है। इसी भावना से प्रत्येक देशवासी को साथ लेकर आगे बढ़ना है। उन्होंने विश्वास जताया कि देश के विकास की यात्रा एक नये भारत के निर्माण के साथ पूर्ण होगी।
प्रधानमंत्री जी आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चौरी चौरा शताब्दी महोत्सव का शुभारम्भ करने के उपरान्त अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर चौरी चौरा की घटना पर केन्द्रित एक डाक टिकट भी जारी किया। प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से सम्मिलित हुईं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी जनपद गोरखपुर स्थित चौरी चौरा स्मारक स्थल से इस कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। प्रधानमंत्री जी के कार्यक्रम के साथ जुड़ने के पश्चात संगीत नाटक एकेडमी द्वारा चौरी चौरा शताब्दी महोत्सव का थीम सॉन्ग ‘चौरी चौरा के वीरों ने रचा नया इतिहास’ प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के सूचना विभाग द्वारा चौरी चौरा की घटना के सम्बन्ध में तैयार की गयी डॉक्यूमेण्ट्री भी प्रदर्शित की गयी। इस अवसर पर विभिन्न विभागों द्वारा प्रदर्शनी/स्टॉल भी लगाये गये।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि 100 वर्ष पहले चौरी चौरा की घटना का संदेश बहुत बड़ा और व्यापक था। अनेक कारणों से पहले जब इस घटना की बात हुई, इसे आगजनी के रूप में देखा गया। आगजनी किन परिस्थितियों में हुई, वह महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी व उनकी टीम को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि चौरी चौरा के इतिहास को आज जो स्थान दिया जा रहा है, वह प्रशंसनीय है।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि चौरी चौरा शताब्दी महोत्सव के शुभारम्भ के साथ ही, पूरे वर्ष विभिन्न कार्यक्रम होंगे। देश की आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश के समय यह कार्यक्रम अत्यन्त प्रासंगिक हैं। चौरी चौरा की घटना आम मानवी का स्वतःस्फूर्त संग्राम था। इस संग्राम के शहीदों का बलिदान प्रेरणादायी है। बाबा राघवदास, महामना पं0 मदन मोहन मालवीय का स्मरण करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी कम घटनाएं होंगी, जिसमें 19 स्वतंत्रता सेनानियों को फांसी दी गयी हो। अंग्रेज सरकार अनेक स्वतंत्रता सेनानियों को फांसी देना चाहती थी, किन्तु बाबा राघवदास, महामना पं0 मदन मोहन मालवीय के प्रयासों से 150 से अधिक लोगों को फांसी से बचा लिया गया।
प्रधानमंत्री जी ने कार्यक्रम से युवाओं को जोड़े जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे उन्हें इतिहास के अनकहे लोगों की जानकारी मिलेगी। भारत सरकार का शिक्षा मंत्रालय युवाओं को स्वतंत्रता सेनानियों एवं स्वतंत्रता संग्राम की घटनाओं पर किताबें व शोध पत्र लिखने के लिए कार्यक्रम चला रहा है। इससे चौरी चौरा की घटना के सेनानियों का व्यक्तित्व और कृतित्व सामने लाया जा सकता है। चौरी चौरा शताब्दी महोत्सव के कार्यक्रमों को लोककला और संस्कृति से जोड़े जाने के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री जी व उनकी टीम की सराहना की।
प्रधानमंत्री जी ने आत्मनिर्भर भारत का उल्लेख करते हुए कहा कि कोरोना काल में भारत ने दुनिया के 150 से अधिक देशों को दवाइयां उपलब्ध करायीं। भारत के 50 लाख नागरिकों को विभिन्न देशों से वापस लाया गया। विभिन्न देशों के नागरिकों को उनके देशों में वापस भेजा गया। भारत आज न केवल वैक्सीन बना रहा है, बल्कि तेजी से टीकाकरण कार्यक्रम संचालित कर रहा है। साथ ही, दुनिया को वैक्सीन भी उपलब्ध करा रहा है। इससे अवश्य ही स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को गर्व होगा।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि कोरोना काल में जो चुनौतियां आयीं, केन्द्रीय बजट उनके समाधान को तेजी देने वाला है। बजट में देशवासियों पर किसी प्रकार का कर का बोझ नहीं बढ़ाया गया, बल्कि अधिक से अधिक खर्च का फैसला लिया गया। यह खर्च चौड़ी सड़कों के निर्माण, गांवों को बाजार व मण्डियों से जोड़ने, पुल, नयी रेल पटरियों के निर्माण, पढ़ाई की बेहतर व्यवस्था, युवाओं को अच्छे अवसर उपलब्ध कराने के लिए किया जाएगा। निर्माण कार्याें पर खर्च से युवाओं को रोजगार प्राप्त होगा।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि कोरोना काल में देश ने महामारी से जो लड़ाई लड़ी है, दुनिया में उसकी सराहना की जा रही है। हमारे टीकाकरण कार्यक्रम से अन्य देश सीख रहे हैं। ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि गांव के लोगों को इलाज के लिए शहर न भागना पड़े। शहर में भी इलाज की उच्चस्तरीय सुविधा सुलभ हो, इस सम्बन्ध में फैसले लिये गये हैं। बीमारियों के निदान के लिए टेस्ट व चेकअप हेतु दूसरे शहरों मंे न जाना पड़े, इसके लिए हर जनपद में आधुनिक टेस्टिंग लैब बनाये जाएंगे। इस सम्बन्ध में बजट में धनराशि की व्यवस्था की गयी है।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि चौरी चौरा के संग्राम में किसानों की भरपूर भूमिका थी। वर्तमान सरकार ने विगत 06 वर्षाें में किसान को आगे बढ़ाने और आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयास किया है। कोरोना काल में भी कृषि में वृद्धि हुई तथा रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन हुआ। केन्द्रीय बजट में किसान कल्याण के लिए कई प्राविधान हैं। 1000 मण्डियों को ई-नाम से जोड़ा जाएगा। इससे किसानों को मण्डी में अपनी फसल को बेचने में आसानी होगी। ग्रामीण क्षेत्र के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर फण्ड को बढ़ाकर 40,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इससे किसान लाभान्वित और आत्मनिर्भर तथा कृषि लाभकारी होगी।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना का कार्य तेजी से संचालित है। यह योजना ग्रामीण विकास में सहायक है। इसके अन्तर्गत ग्रामीणों को उनके घर, जमीन के मालिकाना हक का अभिलेख उपलब्ध कराया जा रहा है। इससे ग्रामीण जमीन का मूल्य बढ़ेगा। कर्ज लेने में आसानी होगी। सही अभिलेख उपलब्ध होने पर कोई उन पर बुरी दृष्टि नहीं डाल पाएगा। इससे गरीब किसान को लाभ होगा।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार के प्रयास से किस तरह देश व प्रदेश की तस्वीर बदल रही है, गोरखपुर इसका उदाहरण है। यहां खाद कारखाना फिर से शुरु हो रहा है। इससे किसानों को लाभ होगा व युवाओं को रोजगार मिलेगा। एम्स बन रहा है। मेडिकल कॉलेज से बड़ी संख्या में लोगों की जीवनरक्षा हो रही है। कई दशकों से इन्सेफेलाइटिस से यह क्षेत्र प्रभावित रहा है। इन्सेफेलाइटिस से नियंत्रण के लिए मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में जो कार्य हुआ है, उसकी पूरी दुनिया में प्रशंसा हो रही है। देवरिया, कुशीनगर, सिद्धार्थनगर, बस्ती, महराजगंज में मेडिकल कॉलेज बन रहे हैं। पूर्वांचल में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाया गया है। 04 लेन व 06 लेन की सड़कें बन रही हैं। गोरखपुर से 08 शहरों हेतु हवाई यात्रा सुविधा उपलब्ध हो गयी है। कुशीनगर में इण्टरनेशनल एयरपोर्ट की स्थापना से क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। यह सभी विकास कार्य स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि हैं।
कार्यक्रम स्थल चौरी चौरा, गोरखपुर में उपस्थित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने अपने स्वागत सम्बोधन में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी एवं राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी का कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए आभार प्रकट करते हुए कहा कि चौरी चौरा शताब्दी महोत्सव भारत माता के अमर बलिदानी सपूतों के प्रति श्रद्धा व सम्मान व्यक्त करने का अवसर है। चौरी चौरा की घटना 04 फरवरी, 1922 को इसी स्थान पर हुई थी। प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा व मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने चौरी चौरा शताब्दी महोत्सव के आयोजन का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि इन्सेफेलाइटिस पर नियंत्रण प्रधानमंत्री जी द्वारा संचालित स्वच्छ भारत मिशन की सफलता का उदाहरण है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में स्वच्छता, स्वदेशी व स्वावलम्बन, आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को मूर्तरूप दे रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि चौरी चौरा में आमजन और पुलिस की गोली से तीन लोग शहीद हुए। ब्रिटिश सरकार द्वारा 228 स्वतंत्रता सेनानियों पर मुकदमा चलाया गया। 225 स्वतंत्रता सेनानियों को सजा हुई। इनमें से 19 को मृत्यु दण्ड, 14 को आजीवन कारावास, 19 को आठ वर्ष का कारावास, 57 को पांच वर्ष का कारावास, 20 को तीन वर्ष का कारावास तथा 03 को दो वर्ष के कारावास की सजा दी गयी। इस घटना को ध्यान में रखकर वर्ष 1857 से वर्ष 1947 के मध्य के सभी शहीद स्मारकों एवं आजादी के बाद विभिन्न युद्धों में शहीद अमर बलिदानियों के शहीद स्थलों पर राज्य सरकार द्वारा वर्ष भर चलने वाले कार्यक्रमों की श्रृंखला प्रारम्भ की जा रही है। उन्होंने कहा कि चौरी चौरा शताब्दी महोत्सव का ‘लोगो’ ‘स्वरक्तैः स्वराष्ट्रं रक्षेत्’ अर्थात ‘हम अपने रक्त से अपने राष्ट्र की रक्षा करते हैं’, स्वतंत्रता आन्दोलन के शहीदों के जीवन आदर्शाें से ओतप्रोत है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सायंकालीन सत्र में आज सभी शहीद स्मारकों व शहीद स्थलों पर पुलिस बैण्ड द्वारा राष्ट्रभक्ति के गीतों का कार्यक्रम, कवि गोष्ठी का आयोजन तथा दीपोत्सव का कार्यक्रम होगा। स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी तिथियों पर अमर स्वाधीनता सेनानियों, उनसे जुड़े स्मारकों और शहीद स्थलों पर, उन तिथियों पर मुख्य आयोजन के साथ ही, प्रदेश में समस्त शहीद स्मारकों व शहीद स्थलों पर कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। विद्यालयों में लेखन, पेंटिंग, वाद-विवाद प्रतियोगिता, ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित साहित्य की प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी। स्वतंत्रता सेनानियों एवं घटनाओं के सम्बन्ध में विशिष्ट शोध को बढ़ावा देने का कार्यक्रम भी प्रारम्भ हो रहा है।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री जी ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों को शॉल एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इनमें श्री रामनवल, श्री ओमप्रकाश, श्री लाल किशुन, श्री गुलाब, सुश्री सावित्री, श्री वीरेन्द्र, श्री रामआशीष, श्री मानसिंह यादव, श्री हरिलाल, श्री सौदागर अली, श्री लल्लन, श्री रामराज, श्री मैनुद्दीन, श्री सत्याचरण, श्री दशरथ और श्री राम नारायण त्रिपाठी सम्मिलित हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने 100 दिव्यांगजन को मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल का वितरण किया तथा हरी झण्डी दिखाकर उन्हें रवाना किया। इससे पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने शहीद स्मारक, चौरी चौरा पर शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने संग्रहालय का भ्रमण कर कराये जा रहे सौन्दर्यीकरण कार्याें का निरीक्षण किया तथा राष्ट्र गीत वन्दे मातरम के समवेतिक गान में प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम के अन्त में पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ0 नीलकंठ तिवारी ने अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम को सांसद श्री कमलेश पासवान, विधायक श्रीमती संगीता यादव ने भी सम्बोधित किया।