नई दिल्ली: केन्द्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड ने 2009 में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए थे जिसके तहत यह कहा गया था कि सेवाकर रिटर्न की दस्ती जांच की जाएगी।
लेखा परीक्षण के लिए अलग आयुक्त कार्यालयों के गठन जैसे प्रशासनिक बदलावों और सेवा कराधान पर आधारित नकारात्मक सूची के आधार पर वैधानिक बदलाव किए गए। इसके बाद दिशा-निर्देशों की समीक्षा की गई, जो एक अगस्त, 2015 से लागू हो जाएंगे।
करदाताओं द्वारा स्वत: कर निर्धारण के युग में सत्यापन महत्वपूर्ण हो गया है। सत्यापन के आधार पर तीन तरह से जांच किए जाने का प्रावधान है जिनमें खातों का परीक्षण और करवंचना शामिल हैं। आयुक्त कार्यालयों के पुनर्गठन के पहले ये तीनों कार्य एक ही आयुक्त कार्यालय द्वारा किए जाते थे। खातों की जांच करने सम्बन्धी अलग आयुक्त कार्यालयों के गठन के साथ अब कार्यकारी आयुक्त कार्यालय जांच और करवंचना पर ध्यान देने में सक्षम हो जाएगा।
विस्तृत जांच के लिए जिन सेवाकर रिटर्न को चुना जाएगा उनका आधार जोखिम के संदर्भ में है। यह जांच पूरी तरह से कार्यालय परिसरों में होगी और करदाताओं से संबंधित दस्तावेज वसूल किए जाएंगे।
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