18.5 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव विधान सभा में वर्ष 2016-17 का बजट प्रस्तुत करते हुए।

उत्तर प्रदेश
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने आज विधान सभा में वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए 03 लाख 46 हजार

935 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तुत किया। बजट का यह आकार वर्तमान वित्तीय वर्ष 2015-16 के सापेक्ष 14.6 फीसदी अधिक है। उन्होंने बजट को समाजवादी सरकार के मूल्यों और प्रतिबद्धताओं का आईना बताते हुए कहा कि प्रस्तुत बजट जनता की आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है। बजट में 13,842 करोड़ रुपए की नयी योजनाएं भी शामिल की गई हैं। इससे स्पष्ट है कि राज्य सरकार जनता की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016-17 को ‘किसान वर्ष और युवा वर्ष’ घोषित करने का निर्णय लिया गया है।
बाद में विधान भवन स्थित तिलक हाॅल में मीडिया प्रतिनिधियों से वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार वित्तीय अनुशासन बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रस्तावित बजट में 49960.88 करोड़ रुपए का राजकोषीय घाटा अनुमानित है, जो सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 4.04 फीसदी है। इसमें विद्युत कम्पनियों की वित्तीय पुनर्गठन योजना ‘उदय’ के तहत जारी की जाने वाली 13,303 करोड़ रुपए बंध पत्र भी शामिल हैं। इस राशि को छोड़ने पर राजकोषीय घाटा 36657.88 करोड़ रुपए होगा, जो सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 2.97 फीसदी है। श्री यादव ने कहा कि पिछले 4 साल के दौरान प्रदेश के संतुलित विकास के साथ-साथ हर वर्ग और क्षेत्र की भलाई के लिए काम किया। उन्होंने कहा कि संतुलित विकास से जहां एक ओर अवस्थापना निवेश और विकास दर में वृद्धि होगी, वहीं दूसरी ओर विकास का लाभ कमजोर वर्गों तक पहुंचा। शुरूआती वर्ष में जनता से किए वायदों को पूरा करने पर जोर दिया गया और इसमें सफलता भी मिली, जिससे सम्पूर्ण प्रदेश का संतुलित विकास हुआ। समाजवादी सरकार ने जितने बड़े पैमाने पर काम किया उतना अधिक काम देश में अन्य कही नहीं हुआ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने एवं किसानी को आर्थिक धारा से जोड़ने के लिए लगातार कोशिश कर रही है। इसीलिए वर्तमान वित्तीय वर्ष को किसान वर्ष घोषित करके काम किया जा रहा है ताकि गांव तरक्की करें और किसान खुशहाल हों। प्रस्तुत बजट में भी कृषि एवं किसानी पर विशेष ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि गन्ना मूल्य निर्धारण में चीनी मिलों को चालू हालत में रखते हुए किसानों को भुगतान कराने को प्राथमिकता दी गई ताकि प्रति कुन्टल गन्ना खरीद मूल्य पर सवाल न खड़ा हो। किसानों के बकाया गन्ना मूल्य भुगतान के लिए 1336 करोड़ रुपए तथा 50 जनपदों को सूखाग्रस्त घोषित करते हुए किसानों को राहत पहुंचाने के लिए 2057 करोड़ रुपए की कार्य योजना तैयार की गई है।
इसके साथ ही सूखाग्रस्त जनपदों में चारा दाना विकास कार्यक्रम भी संचालित किया जाएगा। किसानों एवं जन सामान्य के लक्षित समूहों के व्यक्तियों हेतु ‘समाजवादी किसान एवं सर्वहित बीमा योजना’ प्रस्तावित कर इसके लिए 897 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। कृषक दुर्घटना बीमा योजना के तहत 240 करोड़ रुपए का प्रस्ताव करते हुए इस योजना की शर्तों को काफी उदार बनाया गया है ताकि अधिक से अधिक किसान इससे लाभान्वित हो सकें। खाद, बीज आदि कृषि निवेशों के क्रय हेतु 93,212 करोड़ रुपए का फसली ऋण वितरित किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जनपद बहराइच में किसान बाजार की स्थापना की जाएगी। जनपद हमीरपुर में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए धनराशि की व्यवस्था की गई है।
प्रस्तावित बजट में वर्तमान वर्ष की ही तरह 1,000 नये एग्री जंक्शन की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है। विभिन्न फसलों में सर्वाधिक उत्पादकता प्राप्त करने वाले तीन किसानों को दी जाने वाली वर्तमान धनराशि में भारी बढ़ोत्तरी करते हुए क्रमशः प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय के लिए 1 लाख, 75 हजार तथा 50 हजार रुपए कर दिया गया है। इसके साथ ही प्रदेश की तीन प्रगतिशील महिला कृषकों को भी पृथक श्रेणी के अंतर्गत प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार दिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि आधारित क्रिया-कलापों के माध्यम से राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की तस्वीर को तेजी से बदला जा सकता है। इसीलिए राज्य सरकार बड़े पैमाने पर मण्डियों का निर्माण करा रही है तथा आॅर्गेनिक खेती को बढ़ावा दे रही है। इसको ध्यान में रखते हुए नये डेयरी प्लाण्टों की स्थापना हेतु 400 करोड़ रुपए तथा कानपुर में मिल्क पाउडर प्लाण्ट की स्थापना के लिए 80 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। राज्य सरकार ने 362 लाख मीट्रिक टन दुग्ध उत्पादन का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए कामधेनु डेयरी परियोजना के तहत 300 कामधेनु, 1500 मिनी कामधेनु तथा 2500 माइक्रो कामधेनु इकाइयों की स्थापना का निर्णय लिया है। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश कुक्कुट विकास नीति 2013 के तहत ब्राॅयलर पैरेण्ट फार्मिंग की 10 तथा काॅमर्शियल लेयर्स फार्मिंग की 90 इकाइयों के स्थापना भी की जाएगी।
जनपद कन्नौज में 102 करोड़ रुपए की लागत से आलू तथा मलिहाबाद में 79 करोड़ रुपए की लागत से आम की विशिष्ट मण्डी स्थापित की जाएगी। सिंचाई की नयी योजनाओं के लिए 1,574 करोड़ रुपए, सरयू नहर परियोजना हेतु 2,157 करोड़ रुपए, झांसी में बेतवा नदी पर एरच के पास सिंचाई की बहुउद्देशीय परियोजना के लिए 150 करोड़ रुपए, गोमती नदी के चैनलाइजेशन के लिए 250 करोड़ रुपए, वरुणा नदी के चैनलाइजेशन और तटीय विकास के लिए 25 करोड़ रुपए का प्रस्ताव भी बजट में किया गया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के जीवन स्तर में सुधार के लिए बुनियादी सुविधाओं का विकास एक जरूरी कदम है। राज्य सरकार ने इसे ध्यान में रखते हुए ग्रामीण सम्पर्क मार्गों और लघु सेतुओं के निर्माण के लिए 630 करोड़ रुपए तथा सम्पर्क मार्ग के निर्माण के अन्य कार्यों के लिए 1,413 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को निःशुल्क आवास उपलब्ध कराने के लिए लोहिया ग्रामीण आवास योजना हेतु 17 अरब 79 करोड़ रुपए, इन्दिरा आवास योजना के लिए 31 अरब 62 करोड़ रुपए तथा ग्रामीण पेय जल कार्यक्रम के लिए 23 अरब रुपए की व्यवस्था का प्रस्ताव किया गया है। इसी प्रकार सी0सी0 रोड एवं केसी ड्रेन इण्टर लाॅकिंग और टाइल्स हेतु 500 करोड़ रुपए, शौचालयों के लिए 1,536 करोड़ रुपए का प्रस्ताव किया गया है।
बुन्देलखण्ड क्षेत्र की विशिष्ट परिस्थितियों को देखते हुए यहां संचालित विशेष योजनाओं के लिए निधि का आकार 71 करोड़ 50 लाख रुपए से बढ़ाकर 200 करोड़ रुपए इस क्षेत्र में पेयजल की विशेष व्यवस्था के लिए 200 करोड़ रुपए के साथ-साथ बुन्देलखण्ड की विशेष योजनाओं के लिए 338 करोड़ रुपए का भी प्रस्ताव किया गया है। इस क्षेत्र में तिलहन पैदावार को बढ़ावा देने के लिए तिलहन प्लाण्ट की स्थापना की जाएगी।
श्री यादव ने बताया कि औद्यानिक विकास एवं खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देकर लाखों नौजवानों को रोजगार के नये अवसर उपलब्ध कराए जा सकते हैं। प्रसंस्करण इकाइयों के कच्चे माल के रूप में किसानों को उनकी उपज का स्थानीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी मूल्य मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। इसको ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री खाद्य प्रसंस्करण मिशन योजना लागू करने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत फल-सब्जी प्रसंस्करण, अनाज आधारित उद्योग, दुग्ध, मांस, बेकरी इत्यादि उद्योग शामिल किए गए हैं। इसके लिए 42 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
इसी प्रकार समाजवादी विचारधारा को व्यापक स्वरूप प्रदान करने के लिए गांवों को स्मार्ट विलेज में तब्दील करने हेतु ‘आई स्पर्श’ योजना शुरू करने के लिए 300 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। विद्युत वितरण कम्पनियों के वित्तीय पुनर्गठन की योजना ‘उदय’ को लागू करने का फैसला लिया गया है। राज्य सरकार द्वारा इसके लिए 39,909 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता विद्युत वितरण कम्पनियों को दी जाएगी। इससे वितरण कम्पनियों की वित्तीय स्थिति में सुधार होगा और प्रदेश में निर्बाध विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था सम्भव हो सकेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेरोजगार कृषि स्नातकों/कृषि में प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने हेतु प्रशिक्षित कृषि उद्यमी स्वावलम्बी योजना के अंतर्गत 1 हजार एग्री जंक्शन की स्थापना की जाएगी। कामधेनु डेयरी परियोजना के तहत स्थापित होने वाली इकाइयों से लगभग 11 हजार लोगों को सीधे रोजगार प्राप्त होंगे। ब्राॅयलर पैरेण्ट फार्मिंग तथा काॅमर्शियल लेयर्स फार्मिंग की स्थापना से लगभग 10 हजार लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। मत्स्य पालन के माध्यम से 60 हजार व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। सोडिक लैण्ड रीक्लेमेशन-तृतीय ऊसर सुधार की परियोजना के तहत 1 लाख 30 हजार हेक्टेयर ऊसर तथा जनपद कानपुर देहात एवं फतेहपुर में 5 हजार हेक्टेयर बीहड़ भूमि सुधार योजना के तहत लाखों किसानों को रोजगार के नये एवं गुणात्मक अवसर प्राप्त होंगे। मुख्यमंत्री खाद्य प्रसंस्करण मिशन योजना के तहत स्थापित होने वाली इकाइयों से लाखों नौजवानों को रोजगार के नये अवसर उपलब्ध कराने में सहायता मिलेगी।
प्रदेश में 12 पाॅलीटेक्निक आॅफ इन्फाॅर्मेशन टेक्नोलाॅजी की स्थापना तथा व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास मिशन के माध्यम से आगामी वित्तीय वर्ष में 3 लाख युवाओं को विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षित करने का प्रस्ताव है। इससे लाखों नवयुवक और नवयुवतियों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। इसी प्रकार मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 3 हजार ग्रामोद्योगी इकाइयों की स्थापना कराकर लगभग 60 हजार लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। समाजवादी युवा स्वरोजगार योजना के लिए 40 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। इस योजना से भी बड़ी संख्या में नौजवानों को स्वतः रोजगार के अवसर मिलेंगे।
समाजवादी पेंशन योजना के तहत 45 लाख लाभार्थियों के सापेक्ष 55 लाख लाभार्थियों को आगामी वित्तीय वर्ष से आच्छादित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए 3,327 करोड़ रुपए की व्यवस्था का प्रस्ताव किया गया है। इस प्रकार अब 10 लाख अतिरिक्त लाभार्थी, जिनमें अधिकांश महिला मुखिया होंगी, को लाभ मिलेगा। निःशुल्क मोटर/बैटरी चालित ई-रिक्शा के लिए 100 करोड़ रुपए का भी प्रावधान किया गया है। कुल मिलाकर आगामी बजट के माध्यम से रोजगार का बड़े पैमाने पर सृजन सम्भव हो सकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने सड़क, बिजली तथा पुल व्यवस्था को बेहतर करने का काम किया है। बिजली व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए भारत सरकार की ‘उदय’ योजना में शामिल होने का फैसला लिया गया। समाजवादी सरकार ने राज्य में सर्वाधिक बिजली उत्पादन करने का काम किया है। राज्य सरकार ने अक्टूबर, 2016 से ग्रामीण क्षेत्रों में कम से कम 16 घण्टे एवं नगरीय क्षेत्रों में 22 से 24 घण्टे विद्युत आपूर्ति का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए अक्टूबर, 2016 तक विद्युत उपलब्धता 11,000 मेगावाट प्रतिदिन से बढ़ाकर लगभग 21,000 मेगावाट प्रति दिन हेतु आवश्यक व्यवस्था कर ली गई है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में 1 लाख गांवों तथा मजरों में विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है, जबकि आगामी वित्तीय वर्ष में 1 लाख 73 हजार गांवों एवं मजरों के विद्युतीकरण हेतु लगभग 11 हजार 900 करोड़ रुपए की योजना तैयार की गई है। इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि कार्य हेतु अलग से फीडर बनाने हेतु लगभग 7 हजार करोड़ रुपए का प्रस्ताव किया गया है।
श्री यादव ने कहा कि सड़कों के निर्माण पर राज्य सरकार काफी ध्यान दे रही है। जिला मुख्यालय को 4-लेन की सड़कों से जोड़ने का काम किया जा रहा है। बरेली में 4-लेन सड़क का उद्घाटन किया जा चुका है। बहराइच-श्रावस्ती मार्ग तथा कालपी-हमीरपुर 4-लेन सड़क का निर्माण हो चुका है। प्रस्तावित बजट में सड़कों और सेतुओं के निर्माण तथा रख-रखाव हेतु 14,721 करोड़ रुपए, मार्गों के अनुरक्षण एवं मरम्मत हेतु 3,205 करोड़ रुपए, जिला मुख्यालयों को 4-लेन मार्ग से जोड़ने के लिए 1,111 करोड़ रुपए, महत्वपूर्ण मार्गों का एक कोर रोड नेटवर्क चिन्हित कर सुदृढ़ीकरण एवं चैड़ीकरण कराने हेतु 310 करोड़ रुपए, पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण मार्गों के सौन्दर्यीकरण एवं उच्चीकरण हेतु 75 करोड़ रुपए, त्वरित आर्थिक विकास योजना के तहत 900 करोड़ रुपए का प्रस्ताव किया गया है।
स्वच्छ भारत मिशन तथा स्मार्ट सिटी मिशन के लिए क्रमशः 600-600 करोड़ तथा अटल मिशन फाॅर रिजूविनेशन एण्ड अर्बन ट्रांसफाॅर्मेशन (अमृत) योजना के लिए 700 करोड़ रुपए, आगरा पेय जल आपूर्ति हेतु 300 करोड़ रुपए, नया सवेरा नगर विकास योजना हेतु 400 करोड़ रुपए, शहरी क्षेत्रों के अन्त्येष्टि स्थलों के विकास हेतु 100 करोड़ रुपए, इलाहाबाद में संगम क्षेत्र में एलीवेटेड पहुंच मार्ग एवं फ्लाईओवर निर्माण के लिए 250 करोड़ रुपए का प्रस्ताव किया गया है।
लखनऊ में निर्माणाधीन जयप्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय केन्द्र की स्थापना हेतु 300 करोड़ रुपए, जनेश्वर मिश्र पार्क के संचालन और नवीनीकरण के लिए 150 करोड़ रुपए से काॅपर्स फण्ड के गठन, आगरा इनर रिंग रोड के निर्माण के लिए 200 करोड़ रुपए का प्रस्ताव किया गया है। लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष में दिए गए 625 करोड़ रुपए के सापेक्ष 814 करोड़ रुपए का प्रस्ताव किया गया है। इसके साथ ही, कानपुर एवं वाराणसी मेट्रो रेल परियोजना के लिए 50-50 करोड़ रुपए तथा प्रदेश के चयनित शहरों में माॅडल सिटीज़ के विकास के लिए 50 करोड़ रुपए का प्रस्ताव भी किया गया है। जनपद बलिया में घाघरा नदी पर नया पुल बनाने का निर्णय लिया गया है।
श्री यादव ने कहा कि कृषि, पर्यटन एवं प्रदेश की आर्थिक समृद्धि को रफ्तार देने के लिए निर्माणाधीन आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे निर्धारित अवधि में और विधान सभा चुनाव के पहले चालू हो जाएगा। इस एक्सप्रेस-वे के लिए किसानों को दिक्कत पहुंचाये बगैर उनके सहयोग और समर्थन से जमीन मिली। इसी प्रकार प्रदेश के पूर्वी इलाको तक विकास पहुंचाने के लिए लखनऊ-आजमगढ़-बलिया समाजवादी एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए बजट में व्यवस्था की गई। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के लिए 4,003 करोड़ रुपए तथा लखनऊ-आजमगढ़-बलिया समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए 1500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। यमुना एक्सप्रेस-वे पर स्थापित किए जा रहे इलेक्ट्राॅनिक्स मैनुफैक्चरिंग क्लस्टर्स के लिए 40 करोड़ रुपए का प्रस्ताव किया गया है।
श्री यादव ने बताया कि संशोधित कन्या विद्या धन योजना के तहत 300 करोड़ रुपए, 10वीं एवं 12वीं पास मेधावी छात्र-छात्राओं की तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए निःशुल्क लैपटाॅप योजना के तहत 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। जनपद इलाहाबाद एवं बलिया में विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए क्रमशः 50 एवं 10 करोड़ रुपए, जनपद मिर्जापुर में इंजीनियरिंग काॅलेज की स्थापना के लिए 25 करोड़ रुपए जनपद बलिया में स्पोर्ट्स काॅलेज की स्थापना हेतु 5 करोड़ रुपए का प्रस्ताव किया गया है। इसके साथ ही, जनपद बस्ती एवं गोण्डा में एक-एक इंजीनियरिंग काॅलेज स्थापित किए जाएंगे। वृद्ध एवं आशक्त जनों के लिए गृहों के संचालन हेतु 60 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
खेल और खिलाडि़यों को बढ़ावा देने की नीति के तहत 2016 में होने वाले अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक खेलों में गोल्ड पदक विजेता को 6 करोड़ रुपए, सिल्वर पदक विजेता के लिए 4 करोड़ तथा कांस्य पदक विजेता को 2 करोड़ रुपए, इसी प्रकार टीम वर्ग में पदक विजेता टीमों हेतु क्रमशः 3 करोड़, 2 करोड़ एवं 1 करोड़ रुपए का पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। ओलम्पिक में प्रतिभाग करने वाले प्रदेश के खिलाडि़यों को 10 लाख रुपए की धनराशि प्रोत्साहन स्वरूप दी जाएगी। राज्य के भूतपूर्व खिलाडि़यों की आर्थिक सहायता की राशि 2 गुनी कर दी गई है। इसके साथ ही अर्जुन पुरस्कार, द्रोणाचार्य पुरस्कार, खेल रत्न पुरस्कार, पद्श्री एवं पद्मभूषण से सम्मानित खिलाडि़यों को 20 हजार रुपए प्रतिमाह देने का प्रावधान किया गया है। खिलाडि़यों को बेहतर प्रशिक्षण देने के लिए अच्छे प्रशिक्षकों के मानदेय में दोगुनी वृद्धि की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने स्वास्थ्य सेक्टर में बड़े पैमाने पर काम किया। जब वर्तमान सरकार बनी, तब यहां कोई एम्बुलेंस सेवा नहीं थी और जो एम्बुलेंस थीं, वे धूल खा रही थीं। देश में ‘108’ समाजवादी स्वास्थ्य सेवा तथा ‘102’ नेशनल एम्बुलेंस सर्विस के तहत सर्वाधिक एम्बुलेंस प्रदेश में चल रही हैं। प्रदेश के राजकीय मेडिकल काॅलेजों तथा उनसे सम्बद्ध चिकित्सालयों एवं चिकित्सा विश्वविद्यालय तथा चिकित्सा संस्थानों के लिए 4,572 करोड़ रुपए, कैंसर संस्थान लखनऊ के लिए 310 करोड़ रुपए तथा राजकीय मेडिकल काॅलेज, नजीबाबाद, बिजनौर की स्थापना हेतु 40 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
डाॅ0 राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल साइंसेज, लखनऊ में शैक्षणिक सत्र 2016-17 से एम.बी.बी.एस. पाठ्यक्रम शुरू करने तथा के.जी.एम.यू. में चिकित्सा शिक्षा, शोध और उच्च स्तरीय चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए इंस्टीट्यूट आॅफ पीडियाट्रिक साइंसेज़, इंस्टीट्यूट आॅफ विमेन हेल्थ, इंस्टीट्यूट आॅफ आॅफ्थैल्मोलाॅजिकल साइंसेज़, इंस्टीट्यूट आॅफ पैथालाॅजिक साइंसेज़ के नये विभाग खोलने के लक्ष्य भी निर्धारित किए गए हैं। समाजवादी स्वास्थ्य बीमा योजना में 6 लाख परिवारों को चिकित्सकीय लाभ सुलभ कराने हेतु 20 करोड़ रुपए, ग्रामीण क्षेत्रों में 50 शैय्या वाले चिकित्सालयों की स्थापना हेतु 10 करोड़ रुपए तथा दवाओं की खरीद के लिए वर्तमान वर्ष की अपेक्षा 58 करोड़ अधिक अर्थात् 519 करोड़ रुपए का प्रस्ताव किया गया है।
मूक-बधिर बालिकाओं के लिए जनपद गोरखपुर में राजकीय संकेत इण्टरमीडिएट विद्यालय, मूक-बधिर बालक-बालिकाओं के लिए दो जनपदों में आवासीय संकेत इण्टर काॅलेज तथा दृष्टि बाधित बालिकाओं के लिए बांदा एवं मेरठ में राजकीय दृष्टि बाधिक बालिका इण्टर काॅलेज की स्थापना के लिए क्रमशः चार-चार करोड़ रुपए का प्रस्ताव किया गया है। उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी में उर्दू मास कम्युनिकेशन एण्ड मीडिया सेण्टर खोलने का प्रस्ताव भी किया गया है। डायल-100 सेवा के विस्तार के लिए 456 करोड़ रुपए, 12 महानगरों में यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए 111 करोड़ रुपए, स्मार्ट सिटी सर्विलांस सिस्टम को 11 और नगरों में लागू करने के लिए 161 करोड़ रुपए का प्रस्ताव किया गया है। उन्होंने बताया कि वन्य जीवन के संरक्षण और संवर्धन हेतु वन विभाग का नाम बदलकर वन एवं वन्य जीवन विभाग करने का फैसला लिया गया है। जनपद सीतापुर में आचार्य नरेन्द्र देव स्मृति पार्क की स्थापना के लिए 10 करोड़ रुपए, बर्ड फेस्टिवल के आयोजन, मयूर संरक्षण केन्द्र की स्थापना, नवाबगंज, सांडी तथा लाख बहोसी पक्षी विहार के विकास के लिए 5 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा वेटलैण्ड्स के इकोलाॅजिकल तथा इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेण्ट हेतु 2 करोड़ रुपए का प्रस्ताव किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यान्ह भोजना योजना के अंतर्गत छात्र-छात्राओं को फल वितरण हेतु 200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। गर्भवती महिलाओं एवं अति कुपोषित बच्चों के लिए फीडिंग कार्यक्रम अपने संसाधनों से चलाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए 525 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। कभी-कभी सीवर सफाई के दौरान अप्रिय घटनाएं हो जाती हैं। इस दृष्टिकोण से सफाई कार्मिकों के आश्रितों को आर्थिक सहायता प्रदान करने हेतु नई योजना की शुरूआत करते हुए 02 करोड़ रुपए का प्रस्ताव किया गया है। ताकि आवश्यकता पड़ने पर मदद उपलब्ध करायी जा सके। साथ ही, नगर निकायों में सौर ऊर्जा पावर प्लाण्ट के माध्यम से स्ट्रीट लाइट एवं पेयजल की व्यवस्था कराने के लिए ‘डाॅ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम नगरीय शहरी पंुज योजना’ के तहत 50 करोड़ रुपए तथा ‘सबके लिए आवास (शहरी मिशन) योजना’ हेतु 277 करोड़ रुपए की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More