लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टाॅलरेन्स की नीति है। एक निजी चैनल पर तीन सचिवालय कर्मियों के विरुद्ध दिखायी गयी रिपोर्ट को गम्भीरता से लेते हुए उन्होंने सम्बन्धित तीन कर्मियों को तत्काल निलम्बित करने तथा उनके विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही कर एफ0आई0आर0 दर्ज कराने के निर्देश दिए थे। उन्होंने प्रकरण की जांच के लिए एस0आई0टी0 के गठन के भी निर्देश दिए थे।
दिनांक 04 जनवरी, 2019 को सम्बन्धित तीनों अभियुक्त सचिवालय कर्मियों श्री ओम प्रकाश कश्यप, श्री राम नरेश त्रिपाठी तथा श्री संतोष कुमार अवस्थी के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य मिलने के उपरान्त उनकी गिरफ्तारी कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है।
यह जानकारी आज यहां एक सरकारी प्रवक्ता ने देते हुए बताया कि सचिवालय प्रशासन विभाग के उप सचिव द्वारा 28 दिसम्बर, 2018 को जनपद लखनऊ के थाना हजरतगंज में सम्बन्धित सचिवालय कर्मियों श्री ओम प्रकाश कश्यप निजी सचिव, श्री राम नरेश त्रिपाठी निजी सचिव तथा श्री संतोष कुमार अवस्थी निजी सचिव के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कराया गया। इन तीनों अभियोगों की विवेचना क्षेत्राधिकारी हजरतगंज श्री अभय कुमार मिश्र द्वारा प्रारम्भ की गयी।
उक्त अभियोगों की विवेचना एवं अग्रेतर कार्यवाही सुनिश्चित कराए जाने हेतु 28 दिसम्बर, 2018 को ही सचिव गृह उत्तर प्रदेश शासन द्वारा लखनऊ जोन के ए0डी0जी0 श्री राजीव कृष्ण की अध्यक्षता में एस0आई0टी0 का गठन किया गया। दिनांक 30 दिसम्बर, 2018 को एस0आई0टी0 ने श्री सर्वेश कुमार मिश्रा अपर पुलिस अधीक्षक नगर पूर्वी, लखनऊ एवं श्री दिनेश कुमार सिंह अपर पुलिस अधीक्षक अपराध, लखनऊ को, को-आॅप्ट किया गया।
क्षेत्राधिकारी हजरतगंज द्वारा प्रकरण में सम्पादित विवेचनात्मक कार्यवाही/अन्य अभिलेखीय साक्ष्यों का परिशीलन करते हुए एस0आई0टी0 द्वारा 01 जनवरी, 2019 को दोनों अपर पुलिस अधीक्षक को निर्देशित किया गया कि वह इन मुकदमों से सम्बन्धित सभी अभियुक्तों के ज्ञात निवास स्थान/कार्यालय पर तत्काल टीम बनाकर सर्च की कार्यवाही एवं विवेचना से सम्बन्धित सभी साक्ष्यों को संकलित करें।
दिनांक 01 जनवरी, 2019 को ही विवेचक सहित दोनों पुलिस अधीक्षक द्वारा अभियुक्तों के सम्भावित/निवास स्थानों पर सर्च की कार्यवाही सुनिश्चित की गई। इन सभी स्थानों से प्राप्त अभिलेखों/अन्य साक्ष्यों और सम्पत्ति विवरण के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जा रही है। विवेचक द्वारा दिल्ली जाकर प्रश्नगत समस्त सी0डी0 को मूलरूप में प्राप्त किया गया तथा उसकी अग्रिम फाॅरेन्सिक जांच करायी जा रही है।