लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने जनसमस्याओं का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में किसी भी स्तर पर शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने समस्याओं के निस्तारण की जवाबदेही भी तय करने के निर्देश दिये हैं।
मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में आहूत एक बैठक में विभिन्न विभागों के कार्याें की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कैबिनेट के समक्ष विभागीय प्रस्तुतियां सम्बंधित माननीय मंत्री द्वारा ही की जाएंगी, विभागीय अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव केवल सहायतार्थ उपस्थित होंगे।
मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिये कि प्रदेश के सभी विभागाध्यक्ष अपने अधीनस्थ कार्यालयों का औचक निरीक्षण करें। कार्यालयों में स्वच्छता, निस्तारित होने के लिए लंबित फाइल की स्थिति, जन शिकायतों के निस्तारण की स्थिति, कार्मिकों की उपस्थिति, समयबद्धता आदि की वस्तुस्थिति का परीक्षण किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना के कारण विगत दो शैक्षिक सत्र प्रभावित रहे हैं। भौतिक पठन-पाठन नहीं हो सका। अतः आगामी सत्र की शुरुआत से पूर्व ‘स्कूल चलो अभियान’ को वृहद स्वरूप दिया जाना आवश्यक है। विभागीय मंत्री के परामर्श से अभियान के संबंध में विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर ली जाए। एक भी बच्चा स्कूल से वंचित न रहे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि व्यवस्था की पारदर्शिता और अभिभावक की सुविधा के दृष्टिगत बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में बच्चों की यूनीफॉर्म आदि के लिए धनराशि सीधे अभिभावक के बैंक खाते में भेजे जाने की व्यवस्था की गई है। इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं। यह सुनिश्चित किया जाए कि बच्चे निर्धारित यूनीफॉर्म में ही विद्यालय आएं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में गेहूं खरीद की प्रक्रिया आगामी 01 अप्रैल से प्रारंभ हो रही है। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी क्रय केंद्र पर किसानों को समस्या न हो। गेहूं का भंडारण गोदाम में हो या क्रय केंद्र पर, हर जगह गेहूं की सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए जाएं। प्रत्येक दशा में किसानों को एम0एस0पी0 का लाभ मिलना ही चाहिए। सभी क्रय केन्द्रों पर पूरी पारदर्शिता के साथ गेहूं खरीद कराई जाए। किसान को अपनी उपज बेचने में कोई असुविधा न हो। किसानों की उपज का समयबद्ध ढंग से भुगतान कर दिया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में निवेश कर रहीं औद्योगिक इकाइयों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा इंसेंटिव प्रदान किया जा रहा है। ऐसे सभी प्रकरणों की गहन समीक्षा कर यथाशीघ्र यथोचित समाधान किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रत्येक वर्ष आग लगने के कारण गेहूं की फसल जलने की दुःखद घटनाएं होती हैं। इस संबंध में सुरक्षा के आवश्यक उपाय किये जाने चाहिए। फसल बीमा योजना से कवर किसानों के अलावा यदि किसी किसान की फसल बिजली के तार गिरने/आग लगने से जलती है तो उसे भी मंडी समिति के माध्यम से नियमानुसार मुआवजा दिया जाए।