19 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

मुख्यमंत्री ने सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मिशन मोड में प्रयास करने के निर्देश दिए

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मिशन मोड में प्रयास करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री जी के निर्देशानुसार आगामी 05 जनवरी से 04 फरवरी, 2023 तक प्रदेशव्यापी सड़क सुरक्षा अभियान चलाया जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत एक वर्ष के अंदर प्रदेश में 21,200 से अधिक लोगों की मृत्यु सड़क दुर्घटनाओं में हुई है, जबकि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के पिछले पौने तीन वर्ष की अवधि में प्रदेश में 23,600 लोगों की मृत्यु हुई है। यह स्थिति चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि विगत कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश में कड़ाके की ठंड और घने कोहरे का मौसम है। इस अवधि में सड़क दुर्घटनाओं में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। सड़क दुर्घटना में किसी की असामयिक मृत्यु अत्यंत दुःखद है। इसे न्यूनतम करने के लिए 5-ई यानी एजुकेशन, एनफोर्समेंट, इंजीनियरिंग, इमरजेंसी केयर और एनवायरमेंट’ पर फोकस करते हुए एकजुट होकर कार्य करने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सड़क सुरक्षा केवल एक विभाग की जिम्मेदारी नहीं है। यह सामूहिक प्रयासों से ही संभव हो सकेगा। अतः सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए अन्तर्विभागीय समन्वय के साथ वृहद अभियान चलाया जाना जरूरी है। आगामी 05 जनवरी से 04 फरवरी तक प्रदेशव्यापी सड़क सुरक्षा अभियान चलाया जाए। इसे सफल बनाने के लिए जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग लिया जाए। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटना के प्रमुख कारकों में खराब रोड इंजीनियरिंग के अलावा, ओवरस्पीडिंग, ओवरलोडिंग, सुरक्षा उपकरणों का प्रयोग न करना और नशे की स्थिति में वाहन चलाना प्रमुख हैं। कानपुर नगर, आगरा, प्रयागराज, अलीगढ़, बुलंदशहर, मथुरा जैसे बड़े शहरों में सर्वाधिक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। एक्सप्रेस-वे अथवा राष्ट्रीय राजमार्गों से जुड़े इन शहरों को केंद्रित कर सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए प्रयास किया जाना चाहिए। ओवरलोडिंग रोकने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि खराब रोड इंजीनियरिंग बड़ी दुर्घटनाओं का कारक बनती है। पी0डब्ल्यू0डी0 और एन0एच0ए0आई0 के मार्गों पर चिन्हित ब्लैक स्पॉट के अल्पकालिक और दीर्घकालिक सुधारीकरण के लिए जारी कार्य गुणवत्ता के साथ यथाशीघ्र पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा होमगार्डों की तैनाती भी की गई है। स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप यातायात पुलिस के साथ होमगार्डों की तैनाती की जाए। जिलों में यातायात विभाग के कार्मिकों के लिए पुलिस लाइन्स की स्थापना पर भी विचार किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में संचालित और प्रस्तावित सभी आई0टी0एम0एस0 को यू0पी0 112 से इंटीग्रेट किया जाए। इससे दुर्घटना व अन्य आवश्यकताओं के समय बेहतर तालमेल के साथ समय पर मदद मिल सकेगी। यह सुनिश्चित किया जाए कि वाहन का पंजीयन नम्बर और उस पर लगे फास्टटैग में दर्ज वाहन संख्या में एकरूपता हो। कतिपय स्थानों पर इसमें गड़बड़ी की सूचनाएं भी मिल रही हैं। ऐसी गतिविधियों पर कठोर कार्रवाई की जाए। राजमार्गों और एक्सप्रेस-वे पर ओवरस्पीड के कारण आए दिन दुर्घटनाओं की सूचना मिलती है। पिछले एक वर्ष में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में से 38 प्रतिशत ओवर स्पीड के कारण घटित हुईं। इसी प्रकार, गलत दिशा में वाहन चलाने के कारण 12 प्रतिशत और मोबाइल पर बात करने के कारण करीब 9 प्रतिशत दुर्घटनाएं हुईं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ब्लैक स्पॉट के सुधारीकरण, स्पीड मापन, त्वरित चिकित्सा सुविधा, सी0सी0टी0वी0 आदि व्यवस्था को और बेहतर करने की आवश्यकता है। सम्बंधित प्राधिकरणों को इस दिशा में गंभीरता से विचार करते हुए कार्य करना होगा। यह सुनिश्चित किया जाए कि राजमार्गों पर ट्रकों की कतारें न लगें। उन्होंने कहा कि राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों के चालकों का नेत्र परीक्षण नियमित अंतराल पर किया जाए। इसके लिए परिवहन और चिकित्सा विभाग द्वारा समन्वय के साथ बेहतर कार्ययोजना तैयार करें। फिटनेस के मानकों को पूरा न करने वाली परिवहन निगम की बसों का कतई प्रयोग न किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत एक वर्ष के रिकॉर्ड बताते हैं कि करीब 40 प्रतिशत दुर्घटनाएं राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुईं, जबकि राज्य राजमार्ग पर 30 प्रतिशत दुर्घटनाएं घटीं। ऐसे में एक्सप्रेस-वे, स्टेट हाइवे और राष्ट्रीय राजमार्गों पर पेट्रोलिंग को बढ़ाया जाए। दुर्घटना की स्थिति में तत्काल दुर्घटनाग्रस्त वाहन को मार्ग से हटाया जाए। इसके लिए क्रेन की संख्या को बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ट्रॉमा सेवाओं को और बेहतर करने के लिये गृह, परिवहन, पी0डब्ल्यू0डी0, एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग के साथ समन्वय बनाएं। एम्बुलेंस रिस्पॉन्स टाइम को और कम करने की जरूरत है। गोल्डन आवर की महत्ता को समझें। घायल व्यक्ति जितनी जल्दी अस्पताल पहुँचेगा, उसके स्वस्थ होने की सम्भावना उतनी ही अधिक होगी। ट्रॉमा सेंटर में अन्य सेवाओं के साथ-साथ ऑर्थाेपेडिक और न्यूरो सर्जन की तैनाती जरूर हो। जिन क्षेत्रों में ट्रॉमा सेवाओं का अभाव है, स्वास्थ्य विभाग द्वारा तत्काल आवश्यक प्रबंध किए जाएं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सड़क आवागमन के लिए है, न कि पार्किंग के लिए। नगरों में पार्किंग की व्यवस्था को और सुदृढ़ करना होगा। स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी है कि अवैध टैक्सी स्टैंड की समस्या का स्थायी समाधान करे। यह सुनिश्चित करें कि कोई तय स्थान के बाहर दुकान न लगाए। उन्होंने कहा कि स्पीड ब्रेकर निर्माण करते समय लोगों की सुविधा का ध्यान भी रखें। टेबल टॉप स्पीड ब्रेकर लगाए जाएं, ताकि बुजुर्गों, बच्चों, महिलाओं, मरीजों को अनावश्यक परेशानी न उठानी पड़े। खराब डिजाइनिंग की वजह से अक्सर लोग स्पीड ब्रेकर के किनारे से वाहन निकालने का प्रयास करते हैं, जिससे दुर्घटना भी होती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सड़क सुरक्षा के प्रति हमें जन-जागरूकता बढ़ाने के लिए मिशन मोड में काम करना होगा। आगामी 48 घंटे के भीतर सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित बड़े चित्र जागरूकता स्लोगन के साथ प्रदेश के सभी थानों, तहसीलों, प्रमुख बाजारों, चौराहों पर लगाए जाएं। परिवहन विभाग व सूचना विभाग द्वारा समन्वय के साथ इसे तत्काल कराया जाए। उन्होंने कहा कि यातायात नियमों का पालन कराने के लिए चालान अथवा अन्य एनफोर्समेंट की कार्यवाही स्थायी समाधान नहीं है। हमें जागरूकता पर बल देना होगा। स्कूल-कॉलेजों में बच्चों को यातायात नियमों के सम्बन्ध में जागरूक करने के लिए विशेष प्रयास किए जाएं। ट्रैफिक नियमों के पालन का संस्कार बच्चों को शुरुआत से ही दिया जाना चाहिए। इसे पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। परिवहन विभाग के सहयोग से चित्रों के माध्यम से बच्चों को यातायात नियमों के पालन के लिए प्रेरित किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बेसिक शिक्षा के विद्यालयों में प्रातःकालीन प्रार्थना के दौरान बच्चों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जाए। माध्यमिक विद्यालयों में निबंध लेखन/भाषण प्रतियोगिता का आयोजन हो। इससे बच्चों और किशोरों में यातायात नियमों के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। डी0आई0ओ0एस0, बी0एस0ए0 स्कूलों में जाएं, जागरूकता कार्यक्रमों में प्रतिभाग करें। नशे की स्थिति में वाहन चलाना दुर्घटना को आमंत्रण देना है। इसके लिए आबकारी विभाग को भी जागरूकता का प्रसार करना होगा।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक, लोक निर्माण मंत्री श्री जितिन प्रसाद, उच्च शिक्षा मंत्री श्री योगेन्द्र उपाध्याय, परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दयाशंकर सिंह, बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री सन्दीप सिंह, माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती गुलाब देवी, आबकारी एवं मद्य निषेध राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री नितिन अग्रवाल, मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र, पुलिस महानिदेशक श्री देवेन्द्र सिंह चौहान, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना श्री संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव परिवहन श्री एम0 वेंकटेश्वरलू, प्रमुख सचिव शहरी विकास श्री अमृत अभिजात, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा श्री सुधीर एम0 बोबडे, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्री पार्थ सारथी सेन शर्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में सभी जनपदों के वरिष्ठ प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी वर्चुअल माध्यम से सम्मिलित हुए।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More