लखनऊ: मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में स्वीकृत/निर्माणाधीन पेयजल परियोजनाओं के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से वर्तमान वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 1,500 करोड़ रुपए की केन्द्रीय सहायता उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की महत्वपूर्ण योजना के लिए धनराशि की उपलब्धता में कटौती किया जाना जनहित में नहीं होगा।
इस सम्बन्ध में प्रधानमंत्री को लिखे एक पत्र में श्री यादव ने कहा कि इस महत्वपूर्ण अवस्थापना सुविधा की पूर्ति के लिए पेयजल कार्यक्रम को गतिशील एवं लक्ष्य के मुताबिक क्रियान्वित कराया जाना आवश्यक है।
अपने पत्र में मुख्यमंत्री ने यह उल्लेख भी किया कि राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में पेयजल योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु वित्तीय वर्ष 2014-15 में कुल 103836.53 लाख रुपए की धनराशि की केन्द्रीय सहायता प्राप्त हुई थी। कार्यक्रम के अंतर्गत भारत सरकार के स्टेªटजिक प्लान 2011-2022 के अनुसार वर्ष 2022 तक 90 प्रतिशत गामीण आबादी को पाइप पेयजल योजनाओं के माध्यम से शुद्ध पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित कराने के दृष्टिगत प्रथम चरण के अंतर्गत प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में कुल लगभग 3700 करोड़ रुपए की पाइप पेयजल योजनाएं स्वीकृत/निर्माणाधीन हैं। इसके अलावा प्रदेश की गुणता प्रभावित कुल 8,661 बस्तियों में पाइप पेयजल योजनाओं के माध्यम से शुद्ध पेयजल आपूर्ति हेतु लक्षित अवशेष लगभग 1,000 बस्तियों में भी मई, 2015 तक परियोजनाएं स्वीकृत की जानी हैं, जिसके लिए लगभग 1,000 करोड़ रुपए की आवश्यकता होगी।
श्री यादव ने यह भी लिखा है कि राष्ट्रीण ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के अंतर्गत वर्तमान वित्तीय वर्ष 2015-16 में भारत सरकार द्वारा गत वित्तीय वर्ष 2014-15 में ग्रामीण पेयजल कार्यक्रमों हेतु विगत वर्षों के बजट प्राविधान के सापेक्ष 25 प्रतिशत ही होने से, उत्तर प्रदेश को कार्यक्रम के अंतर्गत भारत सरकार से विगत वित्तीय वर्ष में प्राप्त धनराशि के सापेक्ष एक चैथाई धनराशि ही प्राप्त होगी, जिससे प्रदेश में पूर्व में स्वीकृत/निर्माणाधीन ग्रामीण पाइप पेयजल योजनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम प्रभावित न होने पाए, इसके दृष्टिगत मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय सहायता उपलब्ध कराने तथा धनराशि की कटौती न किए जाने का अनुरोध किया है।