हरिद्वार: मुख्यमंत्री हरीश रावत अगस्त क्रान्ति भवन (मेला नियंत्रण भवन) में दक्षिण भारत के महान
संत कवि एवं समाज सुधारक तिरूवल्लूवर की प्रतिमा का अनावरण किया। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल के महान संत तिरूवल्लूवर की मूर्ति स्थापना उत्तराखण्ड की संस्कृति के अनुरूप ही गंगा जमुनी संस्कृति के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। यह उत्तर-दक्षिण की संस्कृति को जोड़ने का कार्य करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि तिरूवल्लूवर महान कवि, दार्शनिक, चिंतक के रूप में मूर्ति स्थापना उत्तराखण्ड राज्य के गौरव को बढाएगी। उन्होंने कहा कि आज का दिन उत्तर तथा दक्षिण संस्कृति के मिलन का दिन है। उन्होंने कहा कि तिरूवल्लूवर के दोहे सदैव हमारा मार्गदर्शन करेंगे। इनके विचार आज भी प्रासंगिक है, इनका पालन करके हम अच्छे नागरिक और मानव बन सकते हैं। गंगा की संस्कृति में तमिल संस्कृति के संगम से हमारी संस्कृति और अधिक समृद्ध हुई है।
इस अवसर पर कांची कामकोटी पीठ्म के प्रतिनिधि पी0एन0 रविशंकर दवे, डाॅ0 चिन्नापन भाष्कर, एम. गणेशन, डाॅ0 जनाशेखरन, स्वामी जमूनानन्द, स्वामी षड्मूनानन्द, पूर्व चेयरमेन नगर पालिका सतपाल ब्रह्मचारी, पूर्व विधायक अम्बरीष कुमार, उपाध्यक्ष जिला पंचायत राव आफाक, सचिव आवास मीनाक्षी सुंदरम, जिलाधिकारी हरबंस सिंह चुघ, सचिव एचआरडीए अरविन्द पांडेय, उप मेलाधिकारी अवधेश कुमार सिंह, डाॅ0 नरेश चैधरी तथा तमिल समुदाय के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।