देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने होटल व्यवसायियों से प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड के मानकों एवं नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों के अनुपालन की अपेक्षा की है। उन्होंने इस संबंध में व्यवसायियों को तथ्यों के साथ अपना पक्ष प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने इस प्रकरण में हिमाचल प्रदेश में की जा रही व्यवस्थाओं का भी अध्ययन करने को कहा है।
सोमवार को बीजापुर हाउस में देर रात मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव एवं प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड के अधिकारियों के साथ होटल व्यवसायियों की समस्याओं के संबंध में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि प्रदेश में होटल व्यवस्याय भी बाधित न हो तथा एनजीटी के निर्देशों का भी अनुपालन हो, इसके लिये प्रभावी पहल व समन्वय पर बल दिया जाय। उन्होंने होटल व्यवसायियों के पीसीवी के निर्देश का भी अनुपालन सुनिश्चित करने तथा सराय एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन व फीस आदि जमा करने में सहयोग करने को कहा। इस संबंध में यदि उनकी कोई समस्या हो तो इसके लिये तकनीकि विशिष्टताओं एवं अन्य संबंधित तथ्यों के साथ अपना पक्ष रख सकते है इस संबंध में सभी होटल व्यवसायियों को स्थिति की जानकारी भी रखनी चाहिए। हिमांचल प्रदेश, दिल्ली, आगरा जैसे शहरों की स्थिति का भी अध्ययन किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने प्रबन्ध निदेशक पेयजल निगम को निर्देश दिये कि जो भी एसटीपी बनकर तैयार हो गये है उन्हें शीघ्र क्रियाशील बनाया जाय। जिन होटलों को अपने स्तर पर एसटीपी लगायी जानी हो वे भी इसमें शीघ्रता बरते। बायो डायजेस्टर टाॅयलेट की व्यवस्था जहां की जानी है वह भी की जाय। इस संबंध में त्वरित कार्यायोजना बनाकर कार्य किया जाय। होटल व्यवासायी भी इसमें अपना सहयोग दे। इस संबंध में आ रही कठिनाईयों का निराकरण एक ही बार में हो जाय, यह भी सुनिश्चित किया जाय।
बैठक में मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, अपर मुख्य सचिव एस. रामास्वामी, सचिव वित्त अमित नेगी के साथ ही प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड, वित्त, वन, पेयजल, पर्यटन आदि विभागोें के अधिकारियों के साथ ही बड़ी संख्या में उत्तराखण्ड होटल एसोसिएशन के प्रतिनिधगण उपस्थित थे।