देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा आयोजित आंगनबाड़ी केन्द्रों के बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में सुधार हेतु पूरक पोषाहार में दूध को सम्मिलित करने संबन्धी अभिनव प्रयास ‘‘गौधारा’’ इकाई का आंगनबाड़ी केन्द्र, नागल हटनाला सहस्त्रधारा देहरादून में शुभारम्भ किया। इस योजना के अन्र्तगत आंगनबाड़ियों के माध्यम से सम्पाह में दो दिन कुपोषित बच्चों को 200 ग्राम तथा अति कुपोषित बच्चों को 400 ग्राम दूध दिया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि यह प्रयास देहरादून से आरम्भ होकर दो माह के भीतर सम्पूर्ण राज्य को आच्छादित करेगा। मुख्यमंत्री ने सभी महिलाओं से आग्रह किया कि वे अपने कुपोषित बच्चों को प्रत्येक माह की पांच तारीख को आंगनबाड़ी केन्द्र में स्वास्थ्य परीक्षण के लिए जरूर लाये तथा उनके वजन की जांच भी करवाये। श्री रावत ने बताया कि कुपोषित बच्चों के उपचार का सम्पूर्ण व्यय अब राज्य सरकार द्वारा वहन किया जायेगा। महिलाओं को बच्चों के वजन की जांच के साथ ही प्रमाण पत्र भी आंगनबाड़ी केन्द्रों से नियमित रूप से प्राप्त करने चाहिए। मुख्यमंत्री श्री रावत ने निर्देश दिये कि स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी भी आंगनबाड़ी केन्द्रों में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री रावत द्वारा घोषणा की गई कि अब गर्भवती महिलाओं को अब मंडुआ, काला भटट, आयोडिन युक्त नमक के साथ ही सप्ताह में दो दिन दूध भी दिया जायेगा। इस प्रकार अब उत्तराखण्ड सरकार द्वारा गर्भवती महिलाओं तथा कुपोषित बच्चों को सप्ताह में दो दिन दूध पूरक पोषक आहार के रूप में आंगनबाड़ियों के माध्यम वितरित किया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य की प्रत्येक महिला को शौचालय की सुविधा अनिवार्य रूप से प्राप्त होनी चाहिए। राज्य सरकार द्वारा शौचालय बनाने के लिए दो प्रकार से सहायता दी जा रही है जिसमे एक विकल्प के अन्र्तगत शौचालय निर्माण के लिए 12000 रूपये प्रदान किये जा रहे है तथा दूसरे विकल्प अन्र्तगत राज्य के श्रमिक वर्ग जिसमंे सड़क निमार्ण, मनेरगा आदि कार्यो में सलग्नं श्रमिकों उत्तराखण्ड सरकार द्वारा शौचालय आदि बनवाने के लिए 20000 हजार रूपये दिये जा रहे है। मुख्यंमत्री ने महिलाओ से अनुरोध किया कि राज्य सरकार की इस योजना का लाभ उठाने के लिए अधिक से अधिक संख्या में पंजीकरण करवाये। इस उद्येश्य के लिए मुख्यमंत्री श्री रावत ने आशा, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों, महिला स्वयं सहायता समूह, महिला मंगल दलों से विशेष अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य स्थापना दिवस 9 नवम्बर के अवसर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली आशा कार्यकत्रियों, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों, महिला स्वयं सहायता समूह, महिला मंगल दलों को पुरस्कृत किया जायेगा। महिला स्वयं सहायता समूह महिला सशक्तिकरण का आधार हैं। आशा कार्यकत्रियों, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों, महिला स्वयं सहायता समूह, महिला मंगल दलों को मिलकर प्रयास करने होंगे तथा महिला सशक्तिकरण के लिए लीड करना होगा। ग्रामीण क्षेत्रों तथा मलिन बस्तियो में परिवर्तन लानेे में भी आशा कार्यकत्रियों, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों, महिला स्वयं सहायता समूह, महिला मंगल दलों की महत्वपूर्ण भूमिका है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने इस अवसर पर उपस्थित सम्बन्धित विभाग की सचिव एवं अपर सचिव को निर्देश दिये कि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की निरंतर माॅनिटरिंग की जाय। श्री रावत ने महिलाओं से अनुरोध किया कि प्रदर या लयूकोरिया की निरन्तर जांच करवाये। स्वयं सहायता समूहों द्वारा भी इस सम्बन्ध में एक रजिस्टर बनाया जाय। हमें उत्तराखण्ड को जल्द ही प्रदर रोग तथा एनीमिया से मुक्त बनाना है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने महिलाओं से आग्रह किया कि वे खाना बनाने के लिए लोहे के बर्तनों का प्रयोग करे ताकि रक्तअल्पता को नियंत्रित किया जा सके। श्री रावत ने कहा कि आज का प्रयास मात्र सांकेतिक नही है हमारा का लक्ष्य है कि हमारे बच्चों को स्वस्थ रहे तथा प्रगति करे। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा राज्य के संसाधन सीमित है परन्तु भविष्य में महिलाओं को पोषक आहार के अन्र्तगत पालक, केला तथा हरी सब्जियां देने पर भी विचार किया जायेगा।
इस अवसर पर विधायक एवं संसदीय संचिव राजकुमार, सचिव भूपिन्दर कौर औलख तथा निदेशक विम्मी सचदेवा रमन भी उपस्थित थी।