देहरादून: प्रदेश में वर्षात के दौरान भारी बारीश और बादल फटने आदि प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान का 6 जनपदों उत्तरकाशी, टिहरी, रूद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर एवं पिथौरागढ़ में स्थलीय निरीक्षण कर लौटी गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव सतपाल चौहान के नेतृत्व में 6 सदस्यीय केन्द्रीय दल ने शनिवार देर रात मुख्यमंत्री हरीश रावत से भेंट की। केन्द्रीय दल ने मुख्यमंत्री श्री रावत को अवगत कराया कि उनके द्वारा स्थलीय निरीक्षण के दौरान जनपदों के प्रभावित परिवारों, जिलाधिकारियों, ग्राम प्रधानों, जनप्रतिनिधियों व आम जनता से भी मुलाकात कर नुकसान का जायजा लिया है। केन्द्रीय दल द्वारा प्राकृतिक आपदा से प्रदेश मे हुए 778 करोड़ के नुकसान के आकलन पर सहमति व्यक्त करते हुए शीघ्र अपनी संस्तुति गृह मंत्रालय भारत सरकार को सौंपने का आश्वासन मुख्यमंत्री श्री रावत को दिया है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि प्रदेश में बादल फटने की घटनाये बढ़ रही है वह भी जहां फारेस्ट कवर ज्यादा है यह हमारे लिये चिन्ता का विषय है, इससे नुकसान ज्यादा हो रहा है। राज्य सरकार संसाधनों की कमी के बावजुद सड़क, पेयजल, बिजली, शिक्षा व स्वास्थ्य जैसी तात्कालिक आवश्यक्ताओं को सुचारू बनाने का आपदा के दौरान भरसक प्रयास करती है, अपनी ओर से राज्य सरकार दैवी आपदा से बचाव के लिये भी प्रभावी प्रयास कर रही है। राज्य में वर्षात के दौरान व इसके बाद चारधाम यात्रा को सुचारू रूप से संचालन की चुनौती रहती है। उन्होने कहा कि प्रदेश के कई गांव इस बार भी तहस-नहस हो गये है उनके पुर्नवास की हमे चिन्ता है, अभी भी कई परिवार अस्थाई तौर पर अपने घरो से बाहर रह रहे है। उन्होने विश्वास व्यक्त किया कि आपदा के कारण क्षतिग्रस्त योजनाओं आदि के पुनर्निमाण के लिये भारत सरकार शीघ्र केन्द्रीय सहायता उपलब्ध करायेगी।
इस अवसर पर सचिव वित्त व आपदा प्रबंधन अमित नेगी, अपर सचिव सी0 रविशंकर, केन्द्रीय दल के सदस्य निदेशक वित्त मंत्रालय गोपाल प्रसाद, निदेशक कृषि मंत्रालय डा0 ए0एल0वाघमारे, अधीक्षण अभियन्ता जल संसाधन मंत्रालय सुधीर कुमार, क्षेत्रीय अधिकारी सड़क एवं परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय यू0सी0कटारा, सहायक निदेशक ग्राम्य विकास विभाग भारत सरकार राकेश कुमार आदि उपस्थित थे।