लखनऊ: राजधानी में एक महिला अपने दो बच्चो के साथ दयनीय स्थिति में जीवन जी रही है। समय की मार उस पर ऐसी पड़ी की आज उसके पास पक्की छत तक नहीं है। पति का छोड़ जाना और उसपर दो बच्चे और उससे भी बड़ी विडंबना की दो साल से गंभीर बीमारी से झूझना। रिश्तेदारों की उसके प्रति मायूसी ने उसे एकदम अकेला मरी स्थिति में छोड़ रखा है। ऐसे में महिला अब सीएम योगी से अपनी मदद करने की गुहार कर रही है। वर्तमान समय में उसकी देखभाल एक संस्था कर रही है। पूरी कहानी इस तरह से है फिजा उर्फ गीता शुक्ला पत्नी मोहम्मद रेहान निवासिनी जैन कालोनी फैजुल्लागंज लखनऊ की है फिजा उर्फ गीता शुक्ला पिछले दो वर्षों से बीमार है।
1 साल पहले उसका पति उसको अधमरी हालत में दो मासूम बच्चों के साथ सड़क किनारे छोड़ कर तथा बड़ी बेटी को साथ लेकर बाहर चला गया। पिछले एक साल से फिजा उर्फ गीता शुक्ला दर दर की ठोकरें खा रही थी। 27 जून 2022 को इनकी जानकारी लखनऊ की सामाजिक संस्था एक परिवर्तन फाउंडेशन के संस्थापक ज्ञान तिवारी को मिली। उन्होने इस महिला को 29 जून 2022 को लखनऊ स्थित बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया जहां उसका 16 दिन उपचार चला किंतु उचित ईलाज न मिल पाने के कारण उसकी हालत में कोई भी सुधार नहीं हुआ बल्कि स्थिति और भी ज्यादा खराब हो गई। 16 जुलाई 2022 को फिजा उर्फ गीता शुक्ला को बलरामपुर से डिस्चार्ज करवा कर ज्ञान तिवारी और उनकी संस्था और अन्य सहयोगियों की सहायता से अलीगंज स्थित एक प्राईवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनका सुचारु रूप से ईलाज प्रारंभ हुआ जिसके बाद जानकारी मिली की फिजा उर्फ गीता शुक्ला एनिमिक है और साथ ही पैरलाइज्ड भी है उसके बाद उनका एम आर आई करवाया गया तो पता चला की उसकी रीढ़ की हड्डी के पास एल 4 एल 5 एल 3 व अन्य हड्डियां बढ़ गईं है जिस कारण यह खड़े होने में असमर्थ है और बिना आपरेशन के इनका चलना असंभव है।
7 दिन तक उसी अस्पताल में उनका ईलाज चला और इनकी हालत में पहले से काफी सुधार भी हुआ तो। 25 जुलाई 2022 फिजा उर्फ गीता शुक्ला को वहां से डिसचार्ज करवा कर उन्हे उनके रहने का प्रबंध कर के उनके दोनो बच्चो के साथ सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया तब से उनके रहने खाने दवाइयां और अन्य चीजों की जिम्मेदारी ज्ञान तिवारी और उनकी संस्था और उनके सहयोगियों द्वारा करी जा रही है लेकिन महिला और उसके बच्चों की स्थिति काफी दयनीय है उसके दोनो बच्चे राहुल उम्र 8 साल व नेहा उम्र 12 साल की है और वही दोनो मासूम बच्चे अपनी लाचार मां का सहारा बने हुए है। गीता के समुचित इलाज के लिए सरकारी सहायता की अत्यंत ज़रूरत है साथ ही उसके रहने के लिए एक समुचित आवास की उम्मीद्द भी गीता शुक्ला लगाये हुए है। गीता शुक्ला ने मीडिया के माध्यम से सीएम योगी तक अपनी बात पहुंचाने को कोशिश कर रही है।