लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने शहीद अशफाक उल्ला खाँ प्राणि उद्यान, गोरखपुर में हाथी रेस्क्यू सेंटर तथा तितली उद्यान का लोकार्पण किया। उन्होंने पीलीभीत टाइगर रिजर्व से लाये गये बाघ का ’केसरी’ एवं बहराइच से लाये गये भेड़ियों के जोड़े में से नर भेड़िये का ‘भैरव’ तथा मादा भेड़िये का ‘भैरवी’ नामकरण किया। उन्होंने एक काफी टेबल बुक का विमोचन भी किया गया।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गोरखपुर के शहीद अशफाक उल्ला खाँ प्राणि उद्यान में अनेक कार्यक्रमों के साथ आज उन्हें जुड़ने का अवसर पर प्राप्त हुआ है। इन कार्यक्रमों में एक हाथी रेस्क्यू सेन्टर का शुभारम्भ सम्मिलित है। इस सेन्टर में ‘गंगा’ नाम के हाथी को रेस्क्यू करके रखा गया है। दर्शकों को देखने के लिए इस प्राणि उद्यान में पीलीभीत टाइगर रिजर्व से लाये गये बाघ तथा कुछ माह पूर्व जनपद बहराइच में लोगों पर हमला करने वाले दो भेड़ियों को भी रेस्क्यू करके लाया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह प्राणि उद्यान 121 एकड़ क्षेत्रफल में बना है। इस प्राणि उद्यान में 350 से अधिक प्राणि हैं। इसमें पशु-पक्षियों सहित कई अन्य प्रकार के जीव-जन्तु सम्मिलित हैं। उन्होंने कहा कि यदि किसी भी जानवर के साथ अच्छा व्यवहार रखें, तो वह आसानी के साथ आपके पास आना चाहता है। प्रकृति के साथ तालमेल बैठाकर ही हम लोग संतुलन बनाये रख सकते हैं। प्रकृति या पर्यावरण के साथ-साथ वन्यजीवों, पशु-पक्षियों के साथ हमारा व्यवहार अच्छा, संवेदनशील, पर्यावरण के अनुकूल हो तो पर्यावरण हमें जीने के लिए उत्तम वातावरण देता है। डबल इंजन सरकार ने इस दिशा में अनेक कार्यक्रम प्रारम्भ किये हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत 07 से 08 वर्षों में राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में अभियान चलाकर बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण किया गया है। परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश में वनों का आच्छादन बढ़ा है। इसमें लगातार वृद्धि भी हो रही है। कैम्पियरगंज में जटायु संरक्षण केन्द्र स्थापित किया गया है। यहां पर जल्द ही फॉरेस्ट्री यूनिवर्सिटी स्थापित की जाएगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज की आवश्यकता है कि नई पीढ़ी को पर्यावरण के महत्व के सम्बन्ध में पर्याप्त जानकारी हो। हमें पर्यावरण असंतुलन के खतरनाक कारकों से परहेज करना होगा, जिससे वर्तमान और आने वाली पीढ़ी का भविष्य सुरक्षित रहे। सिंगल यूज प्लास्टिक को पूरी तरह बैन करना, उसका उपयोग न करना, उससे मुक्ति प्राप्त करना ही पर्यावरण को बचायेगा। पर्यावरण बचेगा, तभी हम भी आने वाले समय में बचे रहेंगे। हमारा वर्तमान एवं भविष्य दोनों उज्ज्वल होगा। इसके लिए हम सभी को सक्रियता से प्रयास करना होगा। आबादी बढ़ने के साथ ही मनुष्यों की आवश्कता बढ़ रही है। हर व्यक्ति को प्रयास करना चाहिए कि प्रत्येक वर्ष कम से कम 10 पौधे अवश्य लगाये और उनकी देखभाल करे। पर्यावरण संरक्षण के किसी भी उपाय के साथ स्वयं को जोड़े।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि रेन वॉटर हार्वेस्टिंग के माध्यम से बरसात के जल के संरक्षण को बढ़ावा दिया जाए। अनावश्यक जल की बर्बादी न हो। साथ ही, उसको प्रदूषण से भी बचाया जाना चाहिए। 27 मार्च 2021 को इस प्राणि उद्यान का लोकार्पण किया गया था, तबसे लेकर अब तक 10 लाख विद्यार्थियों सहित लगभग 30 लाख लोगां ने इस प्राणि उद्यान का अवलोकन किया है। यह संख्या लगातार बढ़ रही है। यह लोगों की पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता को प्रदर्शित करता है। प्रकृति के साथ हमारा व्यवहार जितना अच्छा होगा, उतना ही हमारा भविष्य उज्ज्वल होगा।
इस अवसर पर वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अरुण कुमार सक्सेना ने अपने सम्बोधन में कहा कि मुख्यमंत्री जी के कुशल नेतृत्व में उत्तर प्रदेश, उत्तम प्रदेश बन रहा है। यहां के युवाओं को रोजगार प्राप्त हो रहा है। विगत 07-08 वर्षों में उत्तर प्रदेश, देश का ग्रोथ का इंजन बनकर उभरा है। रामगढ़ताल आज पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र बनकर उभरा है। यहां नौकायन की राष्ट्रीय, अन्तरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताएं आयोजित हो रही हैं। गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण प्रदेश की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के साथ-साथ रोजगार देने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। चिड़ियाघर में एक वेटलैण्ड भी है, जहां सुदूरवर्ती पक्षी आते हैं।
इस अवसर पर वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री श्री के0पी0 मलिक, सांसद श्री रवि किशन शुक्ल सहित अन्य जनप्रनिधिगण तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।