गंगोत्री: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत व उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने शुक्रवार को तपोवनम् कुटी, गंगोत्री में संयुक्त रूप से स्वामी सुंदरानंद के नवनिर्मित तपोवन हिरण्यगर्भ कलादीर्घा एवं तपोवनम् हिरण्यगर्भ मंदिर और ध्यान केन्द्र का उद्घाटन किया। हिरण्यगर्भ कलादीर्घा में स्वामी सुंदरानंद ने 1948 से अब तक गंगोत्री, हिमालय और उपला टकनौर की संस्कृति और परंपरा को तस्वीरों में कैद किया है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि स्वामी जी का संकलन आने वाली पीढ़ी के लिए विश्व धरोहर हैं। स्वामी जी की 72 वर्ष की तपस्या का संग्रह आज विश्व को समर्पित हो गया है। स्वामी जी की तस्वीरें हिमालय को करीब से देखने के लिए पूर्ण सहयोग करेंगी। साथ ही हमारे वैज्ञानिकों और हिमालयन शोधकर्ताओं के लिए यह एक संजीवनी का कार्य करेगा। उन्होंन कहा कि स्वामी सुंदरानंद ने गंगोत्री धाम में एक विश्व धरोहर दी है, जिसका सरक्षंण किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने स्वामी सुंदरानंद के स्वास्थ्य का हालचाल भी जाना।
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री श्री शेखावत ने कहा कि हमें गंगा की निर्मलता और इसके प्रवाह को सरंक्षित करना है। इस अवसर पर स्वामी सुंदरानंद ऑटोग्राफी पुस्तक का भी विमोचन किया गया।
स्वामी सुन्दरानन्द ने यूथ फाउंडेशन के संस्थापक कर्नल अजय कोठियाल के केदारनाथ के पुर्ननिर्माण के कार्य से प्रभावित होकर अपनी आर्ट गैलरी का कार्य संपन्न करने का जिम्मा उनको दिया। समय का अभाव था, परन्तु कर्नल कोठियाल की टीम ने दिन-रात मेहनत कर निश्चित दिनांक पर, आर्ट गैलरी का आयोजन करवाया।
इस अवसर पर विधायक श्री गोपाल सिंह रावत, स्वामी सुन्दरानन्द महाराज, स्वामी राघवाचार्य महाराज, जिलाधिकारी डॉ0 आशीष चौहान, पुलिस अधीक्षक श्री पंकज भट्ट सहित देश विदेश से आये श्रद्धालु, साधु संत आदि उपस्थित थे।