लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रधानमंत्री जी की स्पष्ट सोच व दृष्टि के अनुरूप अयोध्या को विकास के नए सोपान तक पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या को वैश्विक पहचान दिलाने के साथ-साथ समस्त आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित कर इसका सर्वांगीण विकास हमारी प्राथमिकता है। अयोध्या को वर्ल्ड क्लास सिटी बनाने का कार्य समयबद्ध और गुणवत्तापरक ढंग से आगे बढ़ाया जाए। उन्होंने अयोध्या को ईको फ्रैण्डली सोलर सिटी के रूप में विकसित करने पर बल देते हुए कहा कि अयोध्या धाम के विकास में इसके सांस्कृतिक महत्व के साथ ही श्रद्धालुओं की सुविधाओं को ध्यान में रखा जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी आज जनपद अयोध्या में आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में अयोध्या धाम में संचालित विभिन्न विकास परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने धर्मार्थ कार्य विभाग, लोक निर्माण विभाग/एन0एच0ए0आई0, पर्यटन विभाग, गृह विभाग, नागरिक उड्डयन विभाग, आवास एवं शहरी नियोजन विभाग, सिंचाई विभाग, सेतु निगम, नगर विकास विभाग, नमामि गंगे, ऊर्जा विभाग, महिला कल्याण विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, परिवहन विभाग, वन विभाग आदि विभागों की विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने अयोध्या की विभिन्न विकास परियोजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश दिए। जनपद भ्रमण के अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने श्रीरामलला का दर्शन-पूजन किया। उन्होंने हनुमानगढ़ी पहुंचकर पूजा-अर्चना की। मुख्यमंत्री जी ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपालदास से भी भेंट की।
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री जी ने सभी सम्बन्धित विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव को निर्देशित किया कि इस बैठक के पश्चात वे अपने-अपने विभाग की विकास परियोजनाओं का स्थलीय निरीक्षण करते हुए रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उन्होंने जनपद में निर्माणाधीन कुमारगंज चिकित्सालय, देवगांव चिकित्सालय तथा राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्यों को पूरी गुणवत्ता के साथ 31 मार्च, 2021 तक पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने जनपद अयोध्या में विद्युत तारों की अण्डरग्राउण्ड केबलिंग के अवशेष कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अयोध्या धाम को आकर्षण का केन्द्र बनाने के लिए पुराने मन्दिरों, धर्मशालाओं आदि का जीर्णोद्धार सन्तों के साथ समन्वय कर कराया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि रामायण कालीन वनस्पतियों को संरक्षित और प्रोत्साहित किया जाए। वन विभाग एवं उद्यान विभाग बेहतर समन्वय करके 84 कोसी, 14 कोसी तथा पंचकोसी परिक्रमा मार्गों पर इनका पौधरोपण करें। साथ ही, विभिन्न स्थानों पर इन वनस्पतियों के उपवन एवं उद्यान भी विकसित किए जाएं। उन्होंने कहा कि अयोध्या धाम के विकास में यहां का प्राकृतिक सौन्दर्य दृष्टिगोचर होना चाहिए। 100 साल से अधिक पुराने वृक्षों को चिन्ह्ति कर धरोहर घोषित किया जाए। उन्होंने कहा कि अयोध्या धाम में परिक्रमा केवल परिक्रमा ही नहीं, अपितु श्रद्धा एवं आस्था पर आधारित अनुष्ठान है। उन्होंने परिक्रमा मार्गों पर श्रद्धालुओं को समस्त सुविधाएं देने के निर्देश देते हुए कहा कि ऐसी व्यवस्था की जाए, जिससे नंगे पांव परिक्रमा करने वालों के साथ-साथ अपने साधन से यह कार्य करने वालों को भी सुविधा मिल सके।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम हवाई अड्डा स्थापित किया जा रहा है। हवाई अड्डे के शीघ्र संचालन के लिए केन्द्रीय नागर विमानन मंत्रालय से समन्वय करते हुए सभी कार्यवाहियां समय से सुनिश्चित करायी जाएं। आगामी समय में अयोध्या में पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं की संख्या में भारी वृद्धि होने के दृष्टिगत उन्होंने शहर के 04 मार्गों-लखनऊ, आजमगढ़, प्रयागराज, गोरखपुर पर बस अड्डा एवं पार्किंग स्थल विकसित किए जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इन्हें पी0पी0पी0 मॉडल अथवा सरकारी व्यय से स्थापित किए जाने पर विचार किया जाए। उन्होंने कहा कि अयोध्या के विकास के लिए यहां के रेलवे स्टेशन का विस्तार आवश्यक है। रेलवे से जुड़े प्रोजेक्ट्स को शीघ्र पूर्ण किया जाए। उन्होंने रेलवे ओवर ब्रिज के निर्माण को प्राथमिकता पर पूर्ण किए जाने के निर्देश देते हुए इसके लिए रेलवे के साथ समन्वय पर बल दिया।
मुख्यमंत्री जी ने अयोध्या नगर की सड़कों सहित 06 फ्लाईओवर्स के निर्माण कार्यों, श्रीराम जन्मभूमि के आस-पास संचालित निर्माण कार्यों, नगर की पेयजल एवं सीवर परियोजनाओं को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नगर विकास विभाग एवं अयोध्या विकास प्राधिकरण मिलकर शहर की साफ-सफाई, सीवर, जल निकासी, स्वच्छता, पेयजल आपूर्ति आदि कार्यों को मानक के अनुरूप पूरी गुणवत्ता के साथ सम्पादित कराएं।