लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा कि राज्य सरकार साहित्यकारों, कलाकारों, संगीतकारों सहित विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित कर रही है। हम समाजवादी इन सभी का तहे दिल से सम्मान करते हैं, क्योंकि ये लोग समाज को जोड़ने का काम कर रहे हैं। ये सभी हुनरमन्द अपनी चुनी हुई विधाओं के माध्यम से समाज की विभिन्न परिस्थितियों को प्रस्तुत और उन्हें प्रतिबिम्बित करते हैं।
मुख्यमंत्री ने यह विचार आज यहां संगीत नाटक अकादमी में राजेश्वरी वेल्फेयर फाउण्डेशन द्वारा आयोजित ‘राजेश्वरी सम्मान-2015’ के अवसर पर व्यक्त किए। इस मौके पर श्री यादव ने श्री जे0एस0 मिश्र के उर्दू काव्य संकलन ‘शायरी-ए-जिन्दगी: पोएट्री फाॅर लाइफ’ एवं उन्हीं की रचनाओं पर आधारित म्यूजिक एलबम ‘अमानत’ का विमोचन भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजेश्वरी सम्मान एक सराहनीय प्रयास है, जिसके माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों को सम्मानित किया जा रहा है। ये अच्छी बात है कि राज्य सरकार के साथ-साथ समाजसेवी संस्थाएं भी प्रतिभाओं को सम्मानित करने के लिए आगे आ रही हैं।
श्री यादव ने कहा कि इससे जहां लोक परम्परा के विकास में मदद मिलती है, वहीं समाज के लिए विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर कार्य करने वालों को प्रोत्साहन भी मिलता है। उन्होंने कहा कि राजेश्वरी सम्मान-2015 से जिन चार लोगों – श्रीमती शबाना आज़मी (महिलाओं के सशक्तीकरण और अधिकारों के लिए काम तथा अभिनय), उस्ताद राशिद अली खान (हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत), डाॅ0 विश्वनाथ प्रसाद तिवारी (कवि एवं आलोचक) तथा श्री अर्जुन वाजपेयी (पर्वतारोहण) – को सम्मानित किया जा रहा है, उन्होंने अपने क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य किया है। इनकी उपलब्धियों से लोगों को प्रेरणा लेनी चाहिए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मशहूर शायर स्व0 कैफी आज़मी के नाम पर साहित्यकारों को सम्मानित करने की बात भी कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये हस्तियां अपने-अपने क्षेत्रों में प्रगति और सफलता के जिस मुकाम पर पहुंची हैं, वहां बहुत कम ही लोग पहुंच पाते हैं। यह प्रसन्नता और गौरव की बात है कि यह सभी उत्तर प्रदेश के निवासी हैं और अपने कार्याें एवं उपलब्धियों से इन्होंने प्रदेश का नाम रोशन किया है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने श्री जे0एस0 मिश्र द्वारा संकलित उर्दू काव्य संकलन ‘शायरी-ए-जिन्दगी: पोएट्री फाॅर लाइफ’ एवं उन्हीं की रचनाओं पर आधारित म्यूजिक एलबम ‘अमानत’ का विमोचन करते हुए कहा कि यह सभी कार्य दर्शाते हैं कि वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं और समाज को कुछ अच्छा और सार्थक देने का निरन्तर प्रयास करते रहते हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि श्री मिश्र आगे भी इसी प्रकार रचनात्मक कार्य करते रहेंगे। पुस्तक की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें उच्च कोटि की उर्दू शायरी का समावेश किया गया है और शेरों को हिन्दी तथा अंग्रेजी में भी अनूदित किया गया है, ताकि पाठक उन्हें आसानी से समझ सकें।
श्री यादव ने कहा कि देश या प्रदेश का वास्तविक विकास कला, साहित्य, संगीत तथा संस्कृत के विकास के बिना अधूरा है। सरकारों को स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए भाषा, कला, संगीत के साथ-साथ इनसे जुड़े लोगों के संरक्षण एवं सम्मान के लिए काम करना चाहिए। समाजवादी सरकारें हमेशा इस दिशा में कार्य करती हैं।
कार्यक्रम को विधान सभा अध्यक्ष श्री माता प्रसाद पाण्डेय तथा पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री श्री अम्बिका चैधरी ने भी सम्बोधित किया। व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास राज्य मंत्री श्री अभिषेक मिश्रा ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस सम्मान की स्थापना उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित करने के लिए की गयी है। ऐसे लोगों के कृतित्व से दूसरों को प्रेरणा मिलती है। समाज में अच्छा वातावरण स्थापित करने के लिए सदैव ऐसे लोगों की आवश्यकता होती है। पुस्तक के लेखक पूर्व आई0ए0एस0 अधिकारी श्री जे0एस0 मिश्र ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया और अपनी स्व0 माता श्रीमती राजेश्वरी मिश्र के नाम पर गठित फाउण्डेशन के उद्देश्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
इससे पूर्व, कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने पर मुख्यमंत्री का स्वागत बुके भेंटकर किया गया। उन्होंने कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलित कर किया तथा स्व0 श्रीमती राजेश्वरी मिश्र के चित्र पर पुष्पांजलि भी अर्पित की। राजेश्वरी पुरस्कार-2015 के अन्तर्गत प्रत्येक पुरस्कृत प्रत्येक व्यक्ति को एक लाख रुपए, प्रशस्ति-पत्र तथा स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया।