लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा कि महान वैज्ञानिक एवं पूर्व राष्ट्रपति डाॅ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम ने शिक्षा के प्रसार के लिए अथक प्रयास किए। वे विद्यार्थियों के बीच अत्यन्त लोकप्रिय थे। इसीलिए आज उनकी जयन्ती पर डाॅ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम विश्वविद्यालय, उ0प्र0 के नवीन परिसर में डाॅ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम एवं अन्य प्रख्यात वैज्ञानिकों की स्मृति में एक स्मारक का शिलान्यास किया गया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस स्मारक से राज्य के प्राविधिक शिक्षा के विद्यार्थी निश्चित रूप से प्रेरणा हासिल करेंगे। उन्होंने कहा कि छात्रों की सुविधा के लिए यहां पर एक केन्द्रीय पुस्तकालय का निर्माण भी कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने यह विचार यहां प्राविधिक विश्वविद्यालय के नवीन परिसर में डाॅ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम स्मारक के शिलान्यास के अवसर पर व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि ‘मिसाइल मैन’ के नाम से प्रसिद्ध डाॅ0 कलाम युवाओं से बहुत प्रभावित थे। डाॅ0 कलाम ने देश के छात्रों, नौजवानों को पे्ररित करने के साथ-साथ उनके सामने भारत को विकसित राष्ट्र बनाए जाने के लिए चेतना विकसित करने का भी कार्य किया। उन्होंने शिक्षकों और छात्रों से हमेशा सीधा संवाद कायम किया। इसीलिए उनके व्यक्तित्व से अनवरत प्रेरित करने के मकसद से समाजवादी सरकार ने ‘उत्तर प्रदेश प्राविधिक विश्वविद्यालय’ का नाम बदलकर ‘डाॅ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश’ किया है। साथ ही, इस विश्वविद्यालय को सेण्टर आॅफ एक्सीलेन्स के रूप में विकसित किए जाने का फैसला भी राज्य सरकार द्वारा लिया गया है।
श्री यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए पूर्व राष्ट्रपति द्वारा 9 सूत्र दिए गए थे, जिस पर उत्तर प्रदेश सरकार तेजी से कार्य कर रही है। ये सूत्र हैं-शुद्ध पेयजल का प्रावधान करना, ग्रामीण नेताओं की आगामी पीढ़ी को तैयार करना, जैव ईंधन एवं सौर ऊर्जा के उपयोग से ऊर्जा मिशन यू0पी0 का निर्माण करना, युवाआंे का कौशल विकास, कई क्षेत्रों में युवा विशेषज्ञ और जिला विकास योजना विकसित करना, कूड़े से धन के लिए सतत् विकास करना, सामाजिक उद्यमियों और सभी नागरिकों के लिए तकनीक के माध्यम से शांति और सुरक्षा तय करना तथा मोबाइल समावेशी शासन।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डाॅ0 कलाम को उत्तर प्रदेश से बेहद लगाव था। मृत्यु के कुछ दिन पहले उन्होंने कन्नौज जनपद के फकीरपुरा गांव में 250 किलोवाॅट के सोलर पाॅवर प्लाण्ट का लोकार्पण किया था। डाॅ0 कलाम का मानना था कि सोलर इनर्जी हमारे लिए ऊर्जा का एक बेहतर स्रोत है, क्योंकि इससे कार्बन डाइ आॅक्साइड नहीं बनती और प्रदूषण कम होता है। पर्यावरण के नजरिये से उनका जोर विद्युत चलित वाहनों को बढ़ावा देने पर था।
श्री यादव ने कहा कि कन्नौज के कार्यक्रम के दौरान अपने सम्बोधन में डाॅ0 कलाम ने उपस्थित जनसमुदाय को, लड़का-लड़की में भेदभाव न करने, पेड़ लगाने, छोटा परिवार रखने, नशे से बचने तथा बिजली बचाने की शपथ दिलायी थी। ये सभी बातें किसी भी देश को एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में ले जाती हैं। प्रदेश की प्रगति और खुशहाली के लिए डाॅ0 कलाम के दूरदर्शी विचारों और सिद्धान्तों ने युवा पीढ़ी सहित सबको प्रभावित किया है। पूर्व राष्ट्रपति डाॅ0 कलाम के विचारों से प्रेरित होकर प्रदेश सरकार गरीबों के उत्थान के लिए लगातार कार्य कर रही है। उनके हित में अनेक विकास योजनाएं लागू की गई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डाॅ0 कलाम का कहना था कि राज्य के विकास में यहां आई0आई0टी0, आई0आई0एम0 जैसे प्रमुख संस्थान महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। वे चाहते थे कि प्रदेश के नौजवान विश्वस्तरीय कौशल से समृद्ध हों। साथ ही, राज्य में अवस्थापना सुविधाओं का विकास तथा परिवहन व सड़क अवस्थापना पर विशेष ध्यान दिया जाए। राज्य में लघु उद्योगों को बढ़ावा मिले। इन सभी क्षेत्रों में राज्य सरकार गम्भीरता से कार्य कर रही है।
श्री यादव ने कहा कि डाॅ0 कलाम ने राज्य में मेट्रो रेल, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे तथा सीजी सिटी जैसी योजनाओं की सराहना की थी। उनका कहना था कि ऐसी परियोजनाएं प्रदेश को विकास के पथ पर दूर तक ले जाएंगी और इनका लाभ प्रदेश की गरीब जनता को मिलेगा। डाॅ0 कलाम उत्तर प्रदेश को देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था मानते थे। जहां भरपूर प्राकृतिक एवं मानव संसाधन उपलब्ध हैं। राज्य की सबसे बड़ी ताकत उसका युवा वर्ग है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डाॅ0 कलाम का मानना था कि देश की खुशहाली और तरक्की के लिए प्रदेश का विकास जरूरी है और समाज के दबे कुचले वर्गांे, वंचितों, शोषितों का विकास किए बगैर प्रदेश व देश का विकास सम्भव नहीं है। राज्य के सभी क्षेत्रों तथा लगभग सभी जिलों में समय-समय पर की गई अपनी यात्राओं के दौरान डाॅ0 कलाम समाज के विभिन्न वर्गाें से मिलते थे। इनमें किसान संगठन, उद्योग जगत, स्कूल, काॅलेज, प्रबन्धन एवं तकनीक संगठन और मीडिया शामिल रहता था। प्रदेश के विकास और जनता के सशक्तीकरण के लिए पूर्व राष्ट्रपति द्वारा एक दस्तावेज भी तैयार किया गया था। उनके द्वारा दिए गए विकास सम्बन्धी सुझावों पर राज्य सरकार कार्य कर रही है।
श्री यादव ने कहा कि इस प्राविधिक विश्वविद्यालय को उत्कृष्ट प्राविधिक शिक्षा के केन्द्र के रूप में विकसित करने के लिए राज्य सरकार हर सम्भव प्रयास करेगी और इसमें धन की कमी आड़े नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय का विकास इस तरह से किया जाना चाहिए कि शिक्षा के क्षेत्र में इसकी अलग पहचान हो।
कार्यक्रम को प्राविधिक शिक्षा मंत्री श्री शिवाकांत ओझा ने भी सम्बोधित किया। अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि डाॅ0 कलाम इस देश के महान वैज्ञानिक थे। उन्होंने कहा कि इस प्राविधिक विश्वविद्यालय में संसार का सबसे बड़ा शोध संस्थान बनेगा। यह विश्वविद्यालय स्किल डेवलप्मेन्ट का एक विस्तृत पाठ्यक्रम तैयार करने का भी काम करेगा।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री अहमद हसन ने कहा कि डाॅ0 कलाम ने देश की निष्काम भाव से सेवा की और देश की तरक्की के लिए अनेक कार्य किए। डाॅ0 कलाम सोलर इनर्जी में बहुत भरोसा रखते थे। इसीलिए कन्नौज के कई गांवों में सोलर पावर पहुंचने से वे बेहद खुश थे।
मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने इस अवसर पर कहा कि डाॅ0 कलाम का मानना था कि शिक्षा से ही बदलाव लाया जा सकता है। विद्यार्थियों को जिस प्रकार की शिक्षा दी जाएगी उसी प्रकार का बदलाव समाज में आएगा। इस संस्थान को विश्वस्तरीय बनाया जाएगा और यहां पर रिसर्च तथा इनोवेशन का केन्द्र स्थापित किया जाएगा। नदियों की समस्याओं को समझने और उनके समाधान से सम्बन्धित एक इंस्टीट्यूट की भी स्थापना यहां पर की जाएगी। विश्वविद्यालय में छात्रों को उत्कृष्ट प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए फैकल्टी विकसित की जाएगी और परीक्षा प्रणाली को पारदर्शी बनाया जाएगा। ‘च्वाएस आॅफ ग्रेड्स’ का विकास किया जाएगा। साथ ही, संस्थानों की ग्रेडिंग सिस्टम का भी विकास किया जाएगा। यहां से निकलने वाले छात्रों की ‘इम्प्लाॅयबिल्टी’ पर पूरा ध्यान दिया जाएगा। इस विश्वविद्यालय में एक ‘स्किल डेवलप्मेन्ट इंस्टीट्यूट’ की भी स्थापना की जाएगी।
इससे पूर्व कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने पर मुख्यमंत्री का स्वागत बुके भेंट कर किया गया। उन्होंने कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने मां सरस्वती तथा डाॅ0 कलाम के चित्रों पर हार भी चढ़ाए। विश्वविद्यालय की ओर से मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह तथा तकनीकी विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा बनाया गया डाॅ0 कलाम का चित्र भी भेंट किया गया। मुख्यमंत्री ने बटन दबाकर स्मारक का शिलान्यास किया। इस अवसर पर उन्होंने डाॅ0 कलाम व श्री सृजनपाल सिंह द्वारा लिखित पुस्तक ‘आओ बच्चों आविष्कारक बनें’ का विमोचन भी किया। उन्होंने विश्वविद्यालय के विभिन्न छात्रों को सम्मानित भी किया।