लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि वर्ष 2019 का प्रयागराज का कुम्भ पौराणिक और अर्वाचीन भारतीय संस्कृति का संगम होगा। यह कुम्भ देश और दुनिया से इसमें सम्मिलित होने वाले पर्यटकों, जिज्ञासुओं तथा श्रद्धालुओं के लिए प्रेरणा होगा। इस कुम्भ में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की डिजिटल इण्डिया की परिकल्पना साकार होते हुए दिखेगी।
मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास 5, कालिदास मार्ग पर पंजाब नेशनल बैंक (पी0एन0बी0) के ई-रुपया कार्ड का शुभारम्भ करने के पश्चात अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक और आध्यात्मिक समागम कुम्भ में डिजिटल पार्टनर के रूप में सहभागिता के लिए पंजाब नेशनल बैंक का साधुवाद करते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 में आयोजित हो रहा प्रयागराज का कुम्भ भव्य और दिव्य होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी देश में डिजिटल पेमेंट सिस्टम को प्रोत्साहित करने के लिए कार्य कर रहे हैं। उनके प्रयास से यू0पी0आई0, ‘भीम’ जैसे डिजिटल ट्रांजेक्शन के माध्यम का तेजी से प्रसार हुआ है। प्रधानमंत्री जी की पहल और प्रयास से गवर्नमेंट ई-पेमेंट एडाॅप्शन में देश की वैश्विक रैंकिंग 28 पर पहुंच गयी है। भारत सिटिज़न टू गवर्नमेंट ;ब्2ळद्ध तथा बिज़नेस टू गवर्नमेंट ;ठ2ळद्ध में टाॅप परफाॅर्मर बनकर उभरा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रयास से यूनेस्को द्वारा कुम्भ की महत्ता को देखते हुए इसे विश्व की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की सूची में सम्मिलित किया गया है। कुम्भ का शुभारम्भ गंगा पूजा के माध्यम से होता है। प्रधानमंत्री जी ने विगत 16 दिसम्बर को गंगा पूजा के माध्यम से विश्व में मानवता के इस सबसे बड़े समागम का शुभारम्भ कर दिया है। उन्होंने कहा कि पहली बार हुआ है कि कुम्भ की तैयारियों को देखने के लिए 70 देशों के राजदूत प्रयागराज आये। इस कुम्भ में 10,000 से अधिक अप्रवासी आएंगे। इसमें देश के 6 लाख से अधिक गांव के लोग प्रतिभाग करेंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रयागराज कुम्भ-2019 की तैयारियां राज्य सरकार द्वारा विगत डेढ़ वर्षाें से की जा रही हैं। कुम्भ का आयोजन गंगा जी, यमुना जी तथा सरस्वती जी की त्रिवेणी के संगम पर होता है, किन्तु इसका सम्बन्ध सम्पूर्ण प्रयागराज क्षेत्र से है। इसके दृष्टिगत राज्य सरकार ने भारद्वाज आश्रम, वेणी माधव सहित कुम्भ से सम्बन्धित सभी प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष स्थलों का जीर्णाेद्धार कराया है। साढ़े 4 सौ बरसों में पहली बार राज्य सरकार ने कुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अक्षयवट और सरस्वती कूप के दर्शन की व्यवस्था की है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पहली बार कुम्भ के श्रद्धालुओं, पर्यटकों, जिज्ञासुओं आदि के लिए जल, थल और नभ मार्ग से प्रयागराज आने की व्यवस्था की गयी है। 16 दिसम्बर, 2018 को प्रधानमंत्री जी द्वारा हवाई अड्डे के सिविल टर्मिनल का शुभारम्भ किया गया है। वाराणसी से प्रयागराज तक गंगा में जलमार्ग से यात्रा की व्यवस्था की गयी है। 264 सड़क मार्गों को चिन्हित कर उनका चैड़ीकरण, सुदृढ़ीकरण किया गया है। साथ ही, 64 चैराहों का सौन्दर्यीकरण, 10 आर0ओ0बी0 और फ्लाईओवर, 6 अण्डर पास का निर्माण कराया गया है। इस बार का कुम्भ 3,200 हेक्टेयर क्षेत्रफल में आयोजित किया जा रहा है। कुम्भ में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 22 पाण्टून ब्रिज बनाये गये हैं। कुम्भ में इस बार स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसके लिए एक लाख से अधिक शौचालयों का निर्माण कराया गया है।
मुख्य सचिव डाॅ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय ने पंजाब नेशनल बैंक की पहल की सराहना करते हुए कहा कि इससे प्रधानमंत्री जी के डिजिटल इण्डिया का प्रभाव कुम्भ में व्यावहारिक रूप से दिखायी देगा। उन्होंने कहा कि पी0एन0बी0 का ई-रुपया कार्ड अन्य क्षेत्रों में भी उपयोगी साबित होगा।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए अपर मुख्य सचिव सूचना एवं पर्यटन श्री अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि पंजाब नेशनल बैंक का प्रदेश सरकार के साथ काफी सहयोगात्मक रवैया रहा है। इस बैंक द्वारा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लिए भी ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। बैंक ने अपने सी0एस0आर0 फण्ड से कुम्भ में स्वच्छता के लिए 25 लाख रुपये का योगदान किया है।
इस मौके पर अपने विचार व्यक्त करते हुए पंजाब नेशनल बैंक के प्रबन्ध निदेशक श्री सुनील मेहता ने कहा कि पंजाब नेशनल बैंक का जन्म स्वदेशी आन्दोलन के दौरान वर्ष 1895 में हुआ। इसकी स्थापना लाला लाजपत राय द्वारा की गयी। वर्तमान में यह देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक है। उत्तर प्रदेश में भी 1300 से अधिक शाखाओं के साथ यह दूसरा बड़ा बैंक है। पी0एन0बी0 द्वारा प्रदेश में उद्यमिता और ग्रामीण विकास के लिए अपना पूरा योगदान किया जा रहा है।
श्री मेहता ने कहा कि ई-रुपया पी0एन0बी0 का स्वविकसित कार्ड है। प्रधानमंत्री जी की मंशा के अनुरूप कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा देने में इसकी बड़ी भूमिका होगी। कुम्भ के दौरान इस कार्ड के उपयोग से छोटे नोटों एवं रेजगारी की समस्या पेश नहीं आएगी। इस कार्ड के प्रयोग के लिए इण्टरनेट की आवश्यकता नहीं होती है। इससे 100 प्रतिशत लेनदेन सम्भव होता है। राजस्थान के गांवों में इसका सफल प्रयोग हो चुका है। पी0एन0बी0 द्वारा इसका पेटेण्ट भी कराया गया है। कुम्भ मेला परिसर में लगभग 1,000 दुकानों पर पी0एन0बी0 ई-रुपया कार्ड का इस्तेमाल किया जा सकेगा।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री जी को पंजाब नेशनल बैंक के सी0एस0आर0 फण्ड से कुम्भ मेले के लिए 25 लाख रुपये की धनराशि का चेक सौंपा गया। पी0एन0बी0 के एक अधिकारी ने ई-रुपया कार्ड की कार्यपद्धति के बारे में भी जानकारी दी।