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मुख्यमंत्री ने चिकित्सा शिक्षा विभाग के अन्तर्गत पांच जिला अस्पतालों (फेज-1) को मेडिकल काॅलेज के रूप में उच्चीकृत करने के लिए कराये जा रहे निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा की

उत्तर प्रदेश

लखनऊउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने शास्त्री भवन में चिकित्सा शिक्षा विभाग के अन्तर्गत पांच जिला अस्पतालों (फेज-1) को मेडिकल काॅलेजों के रूप में उच्चीकृत करने के लिए कराये जा रहे निर्माण कार्यों की प्रगति, मेडिकल टूरिज़्म पाॅलिसी, जन-कल्याणकारी योजनाओं/कार्यक्रमों के लिए निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष अर्जित प्रगति तथा भविष्य की कार्ययोजना की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सभी निर्माण कार्याें में गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए उन्हें समयबद्ध ढंग से पूरा किया जाए। उन्होंने कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड को निर्देश दिये कि निर्माण कार्याें में तेजी लाते हुए इन सभी पांचों मेडिकल काॅलेजों को शीघ्रातिशीघ्र पूरा किया जाए।

मुख्यमंत्री जी ने जिन पांच राजकीय एलोपैथिक मेडिकल काॅलेजों की प्रगति की समीक्षा की उनमें जनपद फैजाबाद, बस्ती, फिरोजाबाद, शाहजहांपुर तथा बहराइच में स्थापित किये जा रहे मेडिकल काॅलेज शामिल हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेशवासियों को उनके जनपद में ही उत्कृष्ट एवं प्रभावी चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है। ऐसे में, इन मेडिकल काॅलेजों का शीघ्र पूर्ण होना अत्यन्त आवश्यक है।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री जी को प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री रजनीश दुबे द्वारा इन पांचों मेडिकल काॅलेजों की परियोजना की स्वीकृत लागत, एल0ओ0पी0 के सापेक्ष कार्य की भौतिक प्रगति तथा कार्य पूर्ण होने की तिथि के विषय में अवगत कराया गया। मुख्यमंत्री जी ने इन मेडिकल काॅलेजों को फरवरी, 2019 तक हर हाल में पूर्ण करने के निर्देश दिये। उन्हें निर्माणाधीन पांचों मेडिकल काॅलेजों हेतु शैक्षणिक संवर्ग के पदों की आवश्यकता के विषय में भी अवगत कराया गया।

मुख्यमंत्री जी को फेज-2 में स्थापित किये जाने वाले 8 मेडिकल काॅलेजों के लिए संचालित प्रक्रिया के विषय में भी प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा द्वारा अवगत कराया गया। ये मेडिकल काॅलेज जनपद एटा, फतेहपुर, गाजीपुर, हरदोई, मिर्जापुर, प्रतापगढ़, सिद्धार्थनगर तथा देवरिया में स्थापित किये जाने हैं। उन्हें अवगत कराया गया कि केन्द्रांश के रूप में 7 मेडिकल काॅलेजों के लिए 350 करोड़ रुपये प्राप्त हो चुके हैं, जबकि देवरिया मेडिकल काॅलेज की स्वीकृति भारत सरकार से प्राप्त हो गयी है।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री जी ने चिकित्सा शिक्षा की जनकल्याणकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों की प्रगति तथा भविष्य की कार्ययोजना की समीक्षा की। उन्होंने बजट की स्थिति, उपकरणों की खरीद के सम्बन्ध में बजट की स्थिति, असाध्य रोग योजना, अमृत फार्मेसी, ई-हाॅस्पिटल इत्यादि योजनाओं की समीक्षा की। इसके अलावा, उन्होंने जनपद बांदा, बदायूं और जौनपुर में निर्मित किये जा रहे मेडिकल काॅलेजों की प्रगति की भी समीक्षा की। उन्होंने सैफई (इटावा) में निर्मित किये जा रहे 500 बेडेड सुपर स्पेशियलिटी हाॅस्पिटल तथा चकगंजरिया (लखनऊ) में स्थापित किये जा रहे सुपर स्पेशियलिटी कैंसर संस्थान एवं हाॅस्पिटल की भी प्रगति की समीक्षा की।

मुख्यमंत्री जी ने राजकीय मेडिकल काॅलेजों की भावी योजनाओं जैसे-मेडिकल एफीलियेटिंग यूनीवर्सिटी, जनपद बलरामपुर में के0जी0एम0यू0 के सेटेलाइट केन्द्र की स्थापना तथा आगरा के राजकीय मेडिकल काॅलेज के भवन के रिनोवेशन के लिए आगरा मास्टर प्लान की भी समीक्षा की। उन्होंने आगरा, इलाहाबाद, गोरखपुर, मेरठ तथा झांसी में स्थापित किये जाने वाले टर्शरी केयर कैंसर सेण्टर के विषय में भी जानकारी प्राप्त की। इसके अलावा, जनपद मेरठ, झांसी, इलाहाबाद, गोरखपुर में स्थापित किये जाने वाले सुपर स्पेशियलिटी ब्लाॅकों की प्रगति की भी समीक्षा की। जनपद गोरखपुर, कानपुर, आगरा तथा इलाहाबाद में स्थापित की जा रही बर्न यूनिट की प्रगति की भी समीक्षा की।

मुख्यमंत्री जी ने गोरखपुर के बी0आर0डी0 मेडिकल काॅलेज के बाल रोग विभाग में मौजूद शैय्याओं की अद्यतन स्थिति की भी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने राजकीय मेडिकल काॅलेजों में मानव संसाधन की स्थिति की जानकारी प्राप्त करते हुए निर्देश दिये कि इन्हें शीघ्रातिशीघ्र भरा जाए।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री जी से प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री रजनीश दुबे द्वारा डाॅ0 राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान तथा एस0जी0पी0जी0आई0 लखनऊ में नई स्थापित की गयी विभिन्न सुविधाओं की जानकारी दी गयी।

मुख्यमंत्री जी को उत्तर प्रदेश में चिकित्सा पर्यटन के सम्बन्ध में भी बैठक के दौरान अवगत कराया गया। प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा ने बताया कि विश्व स्तर पर भारत चिकित्सा पर्यटन का आकर्षण केन्द्र बन गया है। इसका मुख्य कारण देश में कम मूल्य में विश्वस्तरीय चिकित्सीय उपचार सुविधा उपलब्ध होना है। देश में गुणवत्तायुक्त आधारभूत सुविधाएं, कुशल चिकित्सक एवं चिकित्साकर्मी बड़ी संख्या में उपलब्ध हैं। भारत सरकार द्वारा 161 देशों के नागरिकों को ई-मेडिकल वीज़ा की सुविधा प्रदान की जा चुकी है। ऐसे में उत्तर प्रदेश चिकित्सा पर्यटन का एक महत्वपूर्ण केन्द्र बनकर उभर सकता है। उन्होंने कहा कि यदि अन्तर्राष्ट्रीय चिकित्सा पर्यटकों को हवाई यात्रा की सुविधा, हवाई अड्डे पर कम प्रतीक्षा समय, रियायती आवास की सुविधा, दुभाषियों की व्यवस्था और अनुकूल भोजन जैसी सुविधाएं उपलब्ध करा दी जाएं, तो उत्तर प्रदेश चिकित्सा पर्यटन का एक हब बन सकता है।

मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिये कि सभी निर्माण कार्याें को गुणवत्ता के साथ तय समय-सीमा के अन्दर पूरा किया जाए, ताकि प्रदेश की गरीब जनता को उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करायी जा सकें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जनता को अच्छी एवं प्रभावी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है। इसमें किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा

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