लखनऊ: अयोध्या को विश्वस्तरीय पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने हेतु मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा आज जनपद अयोध्या के आयुक्त सभागार में अयोध्या विजन-2047 के कार्याें की समीक्षा की गयी। उन्होंने कहा कि अयोध्या की तरफ पूरा देश देख रहा है। इसलिए सभी अधिकारी पूरी जिम्मेदारी के साथ कार्य करते हुए अयोध्या को आदर्श विकास के एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत करें।
समीक्षा के पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने श्री हनुमानगढ़ी मन्दिर तथा श्रीरामलला का दर्शन-पूजन किया। उन्होंने मन्दिर निर्माण की प्रगति की जानकारी भी प्राप्त की। मुख्यमंत्री जी ने अयोध्या में कराए जा रहे विभिन्न विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण भी किया। उन्होंने कहा कि अयोध्या के मुख्य मन्दिर को जोड़ने वाले मुख्य 03 पथ हैं। जिसमें रामपथ सहादतगंज से नयाघाट, भक्ति पथ अयोध्या मुख्य मार्ग से जन्मभूमि तक का मार्ग तथा जन्मभूमि पथ सुग्रीव किला से श्रीराम जन्मभूमि तक के मार्ग के निर्माण आदि कार्याें का अवलोकन किया गया।
अयोध्या विजन-2047 के कार्याें की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अयोध्या के सर्वांगीण विकास तथा विश्वस्तरीय पर्यटन नगरी बनाने के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा अनेक कार्य किए जा रहे हैं। जनपद को नए अयोध्या के रूप में स्थापित करने तथा जनता की बुनियादी सुविधाओं को आगे बढ़ाने के लिए वर्तमान में अयोध्या में 260 परियोजनायें चल रही हैं, जो लगभग 30 हजार करोड़ रुपये की हैं। इनके 35 कार्यकारी विभाग हैं। उन्होंने इन योजनाओं के आधार पर अयोध्या को विश्वस्तरीय नगरी बनाने के लिए सभी विभागों को गुणवत्ता और समयबद्धता के साथ विशेष रुचि लेकर कार्य करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वच्छ अयोध्या, आयुष्मान अयोध्या, भावात्मक अयोध्या, सुरम्य अयोध्या, सुगम्य अयोध्या, आधुनिक अयोध्या, सक्षम अयोध्या एवं सांस्कृतिक अयोध्या के रूप में अयोध्या का समन्वित और बहुआयामी विकास किया जाए। विभागीय अधिकारियों एवं अन्य अधिकारियों की संयुक्त टीम बनाकर कार्याें में तेजी लायी जाए। अयोध्या विजन-2047 की सभी योजनाओं की साप्ताहिक, पाक्षिक एवं मासिक स्तर पर नियमित समीक्षा की जाए। मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारी नियमित तौर पर योजनाओं का भौतिक निरीक्षण करते हुए समीक्षा करें।
मुख्यमंत्री जी ने लोक निर्माण विभाग, आवास विकास विभाग, चिकित्सा विभाग, ऊर्जा विभाग, संस्कृति विभाग, पर्यटन विभाग, राजस्व विभाग, पुलिस विभाग, नगर विकास, नियोजन, सिंचाई, एयरपोर्ट अथॉरिटी, परिवहन आदि विभागों की बिन्दुवार समीक्षा की। उन्होंने डैश बोर्ड बनाकर अयोध्या विजन-2047 के विकास कार्यांे की नियमित समीक्षा किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि परियोजना का प्रस्ताव तैयार करते समय वास्तविक आवश्यकता एवं आगणन के आधार पर ही प्रोजेक्ट बनाए जाएं। जिस कार्य के लिए शासन द्वारा धनराशि आवंटित कर दी गई है, उन परियोजनाओं को तेजी से क्रियान्वित किया जाए। धनराशि आवंटन के बावजूद कार्याें में तेजी न होना, मुख्य तौर पर लापरवाही की ओर इंगित करेगा। कार्य में शिथिलता होने पर इसकी जवाबदेही भी तय की जाऐगी।
मुख्यमंत्री जी ने निर्देशित किया कि जिन परियोजनाओं के सम्बन्ध में अन्य विभागों से समन्वय की आवश्यकता हो, उनमें शासन के प्रमुख अधिकारी तथा स्थानीय स्तर पर मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारी समन्वय कर तेजी से कार्य कराएं। यदि भूमि अधिग्रहण आदि की कार्यवाहियां अवशेष हों एवं मार्ग चौड़ीकरण कार्य में बाधा हो, तो उसको तत्काल दूर करते हुये कार्याें को तेजी से आगे बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि श्रीराम मन्दिर के निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है। वर्ष 2023 के दीपोत्सव के बाद मन्दिर के लोकार्पण की तैयारियां शुरू हो जाएंगी। इसलिए सभी कार्यों को विशेष ध्यान देकर योजनाबद्ध ढंग से पूरा किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अगस्त 2020 में श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर का शिलान्यास हुआ, तब से अयोध्या में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं। इसके दृष्टिगत अयोध्या में भीड़ का आकलन करते हुये यहां की योजनाएं बनायी जाएं। पंचकोसी, चौदहकोसी परिक्रमा मार्ग के साथ-साथ चौरासीकोसी परिक्रमा मार्ग, जिसमें 05 जिले शामिल हैं, इसकी योजना का भी समय से आगणन तैयार कर पूरा किया जाए। कोई भी स्थानीय स्तर पर समस्या होती है, तो स्थानीय स्तर के अधिकारी हल करें और मुख्य सचिव के कार्यालय एवं मुख्यमंत्री कार्यालय को भी अवगत कराया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़कों एवं ओवरब्रिज निर्माण सम्बन्धी दिक्कतों का तत्काल समाधान किया जाए। सहादतगंज और नयाघाट मार्ग रामपथ मार्ग परियोजनाओं के सम्बन्ध में सर्वे की जा चुकी दुकानों का मुआवजा और उनसे सम्बन्धित जमीनों के बैनामे की कार्यवाही तेजी से की जाए। अगले माह के अंत तक इस कार्य में तेजी दिखनी चाहिए। अयोध्या के विकास के लिए मुख्य मार्ग के विकास पर ध्यान देना आवश्यक है। इसी तरह भक्ति पथ एवं जन्मभूमि पथ के कार्यों पर भी तेजी लायी जाए। लोक निर्माण विभाग के अधिकारी यह कार्य उच्च प्राथमिकता के साथ करें। नोडल अधिकारी इसकी नियमित समीक्षा करें।
नगर की पार्किंग आदि की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि शहर के अन्दर कोई भी वाहन पार्किंग स्थल न विकसित किया जाए। बाहर की तरफ अन्तर्राज्यीय बस अड्डा डेवलप करने हेतु परिवहन विभाग एवं नगर निगम समयबद्ध कार्यवाही करें। साथ ही, सड़क मार्ग में दुकानदारों के विस्थापन की स्थिति में उनको दुकानों का आवंटन करते हुये उचित मुआवजा भी प्रदान किया जाए। इन कार्याें में तेजी लायी जाए। वाहनों की पार्किंग सहित दुकानों आदि की व्यवस्था युक्त बहुउद्देशीय पार्किंग स्थल के विकास के लिए भी कार्य किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नगर निगम क्षेत्र में कुछ नये गांव शामिल किये गये हैं। इनके लिए 5-50 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की गयी है। इसे शीघ्र अवमुक्त किया जाए। नगर निगम में स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाए। आवश्यक संख्या में स्वच्छता कर्मियों की तैनाती की जाए तथा उनकी बायोमैट्रिक उपस्थिति की व्यवस्था भी की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने निर्देशित किया कि पर्यटन विभाग के कार्यों को समय से पूरा किया जाए। सरयू नदी के पास राम जी की पैड़ी तथा अन्य घाटों को मेनटेन रखने व उनकी साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए। विद्युत विभाग भजन संध्या स्थल के ऊपर हाई पावर के बिजली के तार को हटाने के लिए कार्यवाही करे तथा अण्डरग्राउण्ड केबिल बिछाने का भी कार्य करे।
मुख्यमंत्री जी ने पुलिस विभाग के कार्याें की समीक्षा करते हुए कहा कि पुलिस कर्मियों के लिए बैरक, आवासीय परिसर डेवलप किया जाए। सी0सी0टी0वी0 कैमरायुक्त सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुये एक विशेष कण्ट्रोल रूम बनाया जाए। श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर के लिए सुरक्षा वाहिनी गठित की गयी है, इसके लिए भी स्थानीय स्तर पर आवश्यक कार्यवाही की जाए। श्रीराम जन्मभूमि क्षेत्र के पास सुरक्षा की दृष्टि से आवश्यक कार्यवाही की जाए। इसे उच्च प्राथमिकता प्रदान कर व्यापक कार्ययोजना तैयार की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने स्वास्थ्य विभाग को बेहतर व्यवस्था करने के निर्देश देते हुए कहा कि श्रीराम चिकित्सालय की चिकित्सा सुविधाओं को सुदृढ़ किया जाए। अयोध्या में कार्डियोलॉजिस्ट, गाइकोलॉजिस्ट, न्यूरोलॉजिस्ट, यूरोलॉजिस्ट आदि विशेषज्ञों की तैनाती हेतु आवश्यक कार्यवाही की जाए।
प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन श्री नितिन रमेश गोकर्ण द्वारा अयोध्या विजन-2047 का प्रस्तुतिकरण किया गया। इसमें बताया गया कि अयोध्या विजन-2047 में 260 योजनाएं हैं, जिसमें से 138 योजनाओं का प्रस्तुतिकरण किया गया, जो कुल 21 हजार करोड़ रुपये की हैं। इनसे सम्बन्धित 29 कार्यदायी विभाग हैं। इन योजनाओं के तहत तुलसी स्मारक भवन का आधुनिकीकरण, रामकथा संग्रहालय की आर्ट गैलरी, 08 कुण्डों का कायाकल्प एवं संरक्षण, राजकीय महाविद्यालय बीकापुर, ग्रीन फील्ड टाउनशिप, अयोध्या नगर के अवशेष उपरिगामी तारों को भूमिगत करने का कार्य, डॉ0 भीमराव अम्बेडकर अन्तर्राष्ट्रीय खेल परिसर का कार्य, अयोध्या का मास्टर प्लान-2031, सोहावल से नवाबगंज होते हुये विक्रमजोत बाईपास रिंग रोड, चौरासीकोसी परिक्रमा मार्ग सम्बन्धी कार्य, जगदीशपुर अयोध्या मार्ग, रामपथ मार्ग, भक्तिपथ मार्ग, जन्मभूमि पथ मार्ग, मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, नगर निगम में संचालित विभिन्न कार्य, दर्शननगर भरतकुण्ड मार्ग चौड़ीकरण, मोहबरा बाजार होते हुये टेढ़ीबाजार होते हुये श्रीराम जन्मभूमि तक फोरलेन मार्ग, अयोध्या अकबरपुर बसखारी मार्ग आदि कार्याें का प्रस्तुतिकरण किया गया।
बैठक में लोक निर्माण मंत्री श्री जितिन प्रसाद, परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दयाशंकर सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधि, मुख्य सचिव श्री दुर्गाशंकर मिश्र, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना श्री संजय प्रसाद, पुलिस महानिदेशक श्री देवेन्द्र सिंह चौहान, प्रमुख सचिव पर्यटन, प्रमुख सचिव परिवहन, प्रमुख सचिव आवास, प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग, प्रमुख सचिव नगर विकास, प्रमुख सचिव नियोजन, आयुक्त आवास एवं शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।