लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि कोरोना प्रभावित जनपदों के हाॅटस्पाट क्षेत्रों को चिन्हित कर उन्हें पूर्णतया सील किया जाए। इन क्षेत्रों में आवागमन को पूरी सख्ती से प्रतिबन्धित किया जाए। सील किए गए हाॅटस्पाट इलाकों में केवल मेडिकल, सेनिटाइजेशन टीमों एवं डोर स्टेप डिलीवरी से जुड़े व्यक्तियों को ही आवागमन की अनुमति दी जाए। इन क्षेत्रों में डोर स्टेप डिलीवरी व्यवस्था को प्रभावी बनाया जाए। हाॅटस्पाट क्षेत्रों में को सील करने की कार्यवाही को स्वास्थ्य विभाग, प्रशासन एवं पुलिस द्वारा लागू कराया जाए।
मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर कोरोना वायरस कोविड-19 पर नियंत्रण हेतु लागू लाॅकडाउन व्यवस्था की समीक्षा, लाॅकडाउन के दौरान जनसामान्य को राहत सहित सभी आवश्यक सामग्री व सुविधाएं सुलभ कराने के लिए गठित 11 कमेटियों के अध्यक्षों (टीम-11) के साथ कर रहे थे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के पश्चिमी इलाके में कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की बढ़ती हुई संख्या के दृष्टिगत इस क्षेत्र में कोविड-19 जांच की सुविधाओं को बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। कोविड-19 को समय सीमा में नियंत्रित करने के लिए जरूरी है कि प्रभावित क्षेत्रों में अधिकाधिक संदिग्ध व्यक्तियों की जांच की जाए। प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र में ग्रेटर नोएडा, नोएडा, सहारनपुर में कोविड-19 की जांच की सुविधा स्थापित की जाए। प्रदेश के हर जनपद में समयबद्ध ढंग से कोविड-19 की जांच हेतु सैम्पल कलेक्शन सेन्टर स्थापित किए जाएं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ऐसे जनपद जहां कोविड-19 के संक्रमण के मामले संसूचित नहीं हुए हैं, वहां होम क्वारेन्टाइन अथवा संस्थागत क्वारेन्टाइन में रखे गए संदिग्ध मामलों की जांच कराकर संवेदनशील मामलों को आइसोलेट किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य में कोविड-19 संक्रमण के उपचार के लिए स्थापित लेवल-1 (एल-1), लेवल-2 (एल-2) व लेवल-3 (एल-3) अस्पतालों को और सुदृढ़ किया जाए। उन्होंने एल-3 अस्पतालों की संख्या बढ़ाने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री जी ने अधिकारियों से राज्य में ‘आरोग्य सेतु’ ऐप के डाउनलोड की जानकारी प्राप्त करते हुए कहा कि आयुष विभाग द्वारा कोविड-19 के संक्रमण से बचाव व उपचार आदि के सम्बन्ध में ऐप विकसित किया जाए। कोविड-19 के सम्बन्ध में संवेदनशील क्रियाकलापों से जुड़े कर्मियों हेतु पी0पी0ई0 किट व एन-95 मास्क आदि की पर्याप्त उपलब्धता बनाए रखी जाए।
बैठक में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्री अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि दिनांक 09 अप्रैल, 2020 के मुकाबले आज 10 अप्रैल, 2020 को अब तक कोविड-19 से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या में 21 की वृद्धि हुई है। यह वृद्धि 06 जनपदों में हुई है। प्रदेश में कोविड-19 से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या 431 हो गई है। अब तक 32 लोगों का कोविड-19 के संक्रमण से उपचार भी हो चुका है। आइसोलेशन वाॅर्ड में 412 तथा क्वारेन्टाइन वाॅर्ड में 5,734 लोग रखे गए हैं। प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री रजनीश दुबे ने बताया कि राज्य में 12 लैब्स को आइ0सी0एम0आर0 का अनुमोदन प्राप्त हो चुका है, इनमें से 10 कार्यशील हैं। 02 लैब्स को शीघ्र ही कार्यशील कराया जाएगा। इसके अलावा, टीम-11 के सभी सदस्यों ने अपनी-अपनी कमेटियों के कार्यों की जानकारी मुख्यमंत्री जी को दी।
मुख्यमंत्री जी ने टीम-11 की सभी कमेटियांे के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि समय के साथ सभी गतिविधियों को और इन्टेंसिव किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन के दौरान कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं रहना चाहिए। सभी को आवश्यक वस्तुएं सुलभ करायी जाएं। संस्थागत क्वारेन्टाइन की निर्धारित अवधि पूर्ण कर चुके व्यक्तियों को 14 दिन के होम क्वारेन्टाइन में भेजा जाए। इन व्यक्तियों के लिए आवश्यक रूप से राशन की व्यवस्था की जाए। राशन वितरण के दौरान एवं बैंकों में सोशल डिस्टैंसिंग का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए। उन्होंने कहा कि यू0पी0 कोविड केयर फण्ड में योगदान के इच्छुक विदेशों में रहने वाले व्यक्तियों के लिए भी प्राविधान किए जाएं।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक सिन्हा, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त श्री आलोक टण्डन, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री संजीव कुमार मित्तल, अपर मुख्य सचिव राजस्व श्रीमती रेणुका कुमार, पुलिस महानिदेशक श्री हितेश सी0 अवस्थी, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्री अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल एवं श्री संजय प्रसाद, सूचना निदेशक श्री शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।