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मुख्यमंत्री ने साइकिल यात्रा के लिए पूर्व सैनिक श्री हरिशंकर यादव को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया

उत्तर प्रदेश
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने आज यहां अपने सरकारी आवास से जल सेना के पूर्व सैनिक श्री हरिशंकर यादव को लखनऊ से नई दिल्ली की

साइकिल यात्रा के लिए हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। श्री हरिशंकर यादव यह यात्रा मात्र पांच दिनों में पूरी करेंगे। इस दौरान वे देश के नौजवानों को ओलम्पिक खेलों की प्रतियोगिताओं के लिए प्रोत्साहित करने का काम करेंगे। इससे पूर्व भी इन्होंने इसी उद्देश्य से देश के विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 4,000 कि0मी0 की साइकिल यात्रा करके नौजवानों को प्रेरित करने का काम किया है।
ग्राम कोठिया, जनपद आजमगढ़ (उ0प्र0) के मूल निवासी श्री हरिशंकर यादव के इस प्रयास की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विशाल आबादी का देश होने के बावजूद ओलम्पिक जैसे खेलों में भारतीय खिलाड़ी पर्याप्त संख्या में मेडल पाने में सफल नहीं होते हैं। इसके लिए जहां संसाधनों की कमी जिम्मेदार है, वहीं जानकारी का अभाव एवं प्रेरणा की कमी से भी सफलता नहीं मिल पा रही। उन्होंने कहा कि अब प्रत्येक स्तर पर प्रोत्साहन दिए जाने की शुरुआत हुई है। श्री हरिशंकर जैसे लोग व्यक्तिगत तौर पर भी इस कार्य के लिए आगे आ रहे हैं। इससे भविष्य में भारतीय प्रतिभागियों के प्रदर्शन में निश्चित रूप से सुधार होगा।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा खेलों के प्रोत्साहन के लिए किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख करते हुए श्री यादव ने कहा कि खिलाडि़यों का सम्मान करने में समाजवादी सरकारें हमेशा आगे रही हैं। पूर्व में नेताजी ने खिलाडि़यों को भरपूर सम्मान दिया। इसी प्रकार वर्तमान सरकार भी खिलाडि़यों की जमकर हौसला अफ़ज़ाई कर उन्हें सम्मानित कर रही है। यश भारती पुरस्कार से खिलाडि़यों को ही सर्वाधिक सम्मानित किया गया है। प्रदेश के खिलाडि़यों को सुविधाएं मुहैया कराने में राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण पहल की है। राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के साथ-साथ ओलम्पिक खेलों में पदक जीतने वाले खिलाडि़यों को प्रोत्साहन स्वरूप धनराशि दी गई है। ओलम्पिक खेलों में एकल वर्ग में स्वर्ण पदक प्राप्त करने पर 06 करोड़ रुपए, रजत पदक पर 04 करोड़ तथा कांस्य पदक पर 02 करोड़ रुपए देने का प्राविधान किया गया है। इसके साथ ही टीम खेलों में स्वर्ण पदक प्राप्त करने पर 03 करोड़ रुपए, रजत पदक पर 02 करोड़ तथा कांस्य पदक पर 01 करोड़ रुपए का पुरस्कार दिया जाता है। प्रतिभाग करने वाले खिलाडि़यों को प्रोत्साहन स्वरूप 10 लाख रुपए देने की व्यवस्था की गई है। इसी प्रकार एशियन एवं काॅमन वेल्थ गेम्स एकल वर्ग में स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक प्राप्त करने पर क्रमशः 50 लाख, 30 लाख व 15 लाख रुपए पुरस्कार तथा प्रतिभाग करने वाले खिलाडि़यों को 05 लाख रुपए की धनराशि प्रोत्साहन स्वरूप देने की व्यवस्था की गई है। अर्जुन, द्रोणाचार्य एवं खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित खिलाडि़यों अथवा खेल जगत में उपलब्धियों के दृष्टिगत पद्मश्री एवं पद्मभूषण से सम्मानित खिलाडि़यों को पेंशन देने की व्यवस्था की गई है।
खेलों को बढ़ावा देने के लिए छात्रावास संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें खिलाडि़यों को गहन प्रशिक्षण, भोजन, शिक्षा, चिकित्सा, आवास, किट आदि सुविधाएं निःशुल्क प्रदान की जा रही हैं। राज्य सरकार द्वारा राज्य स्तर के खिलाडि़यों को दी जा रही आर्थिक सहायता 02 हजार रुपए से बढ़ाकर 04 हजार रुपए प्रतिमाह कर दी गई है। राष्ट्रीय स्तर के खिलाडि़यों की आर्थिक सहायता की दर 03 हजार से बढ़ाकर 06 हजार रुपए तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाडि़यों की आर्थिक सहायता 05 हजार रुपए से बढ़ाकर 10 हजार रुपए प्रतिमाह कर दी गई है। इसी प्रकार कई और कदम उठाए गए हैं, जिनका परिणाम आगे आने वाले समय में दिखाई पड़ेगा। पूरे प्रदेश में विभिन्न खेलों के लिए आधारभूत सुविधाओं का विकास किया जा रहा है।

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