देहरादून: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। विश्व पर्यटन दिवस की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने मे पर्यटन का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उत्तराखण्ड में माउंटेनियरिंग, रिवर राफ्टिंग, ट्रैकिंग, कैम्पिंग, पैराग्लाईडिंग, माउंटेन बाईकिंग आदि की बहुत सम्भावनाएं हैं। इसके लिए साहसिक पर्यटन का अलग से निदेशालय बनाया जा रहा है। वैलनैस टूरिज्म पर भी हम फोकस कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड पर्यटन, वेलनेस टूरिज्म तथा आयुष के क्षेत्र में एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभरा है। प्रदेश का नैसर्गिक प्राकृतिक सौन्दर्य सदियों से पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है। जबकि यहां के चारधाम देश व दुनिया के करोड़ों लोगों के आस्था के केंद्र है। इसी के दृष्टिगत राज्य में पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया है। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण करते हुए इसे पहले से भी अधिक भव्यता प्रदान की गई है। इस बार चारधाम व हेमकुण्ड साहिब के दर्शनों के लिए रिकार्ड संख्या में श्रद्धालु आए हैं।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा ‘होम-स्टे’ के माध्यम से पर्यटन अब ग्रामीणों की आजीविका का साधन बन रहा है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने इस अवसर पर प्रदेशवासियों का आह्वान किया कि ‘अतिथि देवो भवः’ की हमारी परम्परा रही है। हमें अपनी इस परम्परा को सदैव कायम रखना होगा। उन्होंने कहा कि पर्यटन दिवस को मनाये जाने का मुख्य उद्देश्य, दुनियाभर में लोगों को पर्यटन के महत्व के प्रति जागृत करना है। उन्होंने कहा कि पर्यटन की किसी भी देश के सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड के पर्यटन को वर्षभर स्थानीय निवासियों के लिए आर्थिक गतिविधियों का स्रोत बनाये जाने का हमारा प्रयास है। प्रदेश में फिल्मों की अधिक से अधिक शूटिंग हो, इसके लिए हमने राज्य में फिल्मों के अनुकूल माहौल बनाया है। यही कारण है कि भारत सरकार द्वारा ‘मोस्ट फ्रेंडली स्टेट फॉर फिल्म शूटिंग’ भी घोषित किया गया है।