लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि वर्ष 2019 कई मायनों में महत्वपूर्ण रहा है। उत्तर प्रदेश विधान मण्डल ने इस वर्ष विशेष सत्रों के माध्यम से राष्ट्र व समाज से जुड़े महत्वपूर्ण मुददों पर चर्चा की है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1959 में संविधान के 8वें संशोधन के माध्यम से अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के लिए संविधान द्वारा प्रदत्त आरक्षण की व्यवस्था को 10 वर्ष के लिए बढ़ाया गया था। यह महसूस किया गया था कि इन वर्गाें का जितना अपेक्षित विकास और प्रतिनिधित्व होना चाहिए था वह नहीं हो पाया था।
मुख्यमंत्री जी संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित संविधान के 126वें संशोधन विधेयक-2019 के अनुसमर्थन के लिए आहूत राज्य विधान मण्डल के विशेष सत्र के तहत आज यहां विधान सभा में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आजादी के बाद देश के संविधान के अनुरूप प्रत्येक तबके को शासन की योजनाओं का लाभ देने, समाज और राष्ट्र में विकास की मुख्यधारा के साथ बिना भेदभाव सबको जोड़ने का एक सार्थक प्रयास भी प्रारम्भ हुआ। हर स्तर पर योजनाएं आगे बढ़ी और उन योजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए यह महसूस होता रहा कि हर 10 वर्ष में अनुसूचित जाति और जनजाति से जुड़े समुदायों को उचित प्रतिनिधित्व देने के लिए विधायिका में इस विषय पर चर्चा हम कर सकें। आज यहां इस विशेष सत्र के माध्यम से संविधान के 126वें संशोधन विधेयक के अनुसमर्थन में आज हम सभी इसे अपना समर्थन देने के लिए यहां उपस्थित हुए हैं। आरक्षण 25 जनवरी, 2020 तक है। 25 जनवरी, 2020 से आगामी 10 वर्षाें तक इसे बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश विधान मण्डल अपना अनुसमर्थन इस संविधान संशोधन विधेयक को दे सके, इस लिए यह विशेष सत्र आहूत किया गया है।
जब देश आजाद हुआ था उस समय अनुसूचित जाति की आबादी 05 करोड़ 13 लाख और अनुसूचित जनजाति की आबादी 01 करोड़ 91 लाख थी। वर्ष 2011 की जनगणना में अनुसूचित जाति की आबादी 20 करोड़ 13 लाख और अनुसूचित जनजाति की आबादी 10 करोड़ 45 लाख थी। संसद में पूरे देश से अनुसूचित जाति के 84 तथा अनुसूचित जनजाति के 47 सदस्य चुने जाते हैं। राज्य विधान सभाओं में 614 अनुसूचित जाति के तथा 554 अनुसूचित जनजाति के सदस्यगण अपने-अपने राज्य में चुनकर जाते हैं। स्वाभाविक रूप से इस संविधान संशोधन विधेयक को राज्यों के विधान मण्डल का समर्थन भी चाहिए। इस दृष्टि से उत्तर प्रदेश विधान मण्डल के स्तर पर भी यह समर्थन हमें यहां से भेजना है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आजादी के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने बाबा साहब डाॅ0 भीमराव आंबेडकर के सपने को साकार करने का कार्य बिना भेदभाव के किया है। प्रधानमंत्री जी ने बाबा साहब डाॅ0 भीमराव आंबेडकर से जुडे़ पवित्र स्थल ‘पंच तीर्थाें’ का विकास किया है। बाबा साहब के जन्म स्थान महू, मध्य प्रदेश में उनका भव्य स्मारक बनाकर इसे एक तीर्थ के रूप में विकसित किया। इंग्लैण्ड के जिस भवन में रहकर डाॅ0 आंबेडकर ने उच्च शिक्षा अर्जित की थी, भारत सरकार और महाराष्ट्र सरकार ने मिलकर उस भवन को क्रय किया। इस भवन में बाबा साहब डाॅ0 आंबेडकर का स्मारक बनाने के साथ-साथ इंग्लैण्ड जाने वाले छात्र-छात्राओं के लिए निवास एवं स्काॅलरशिप की व्यवस्था प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा की गयी।
बाबा साहब डाॅ0 आंबेडकर ने दिल्ली में जिस स्थान पर अन्तिम सांस ली थी, उसे श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने क्रय किया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने वहां एक अन्तर्राष्ट्रीय केन्द्र का निर्माण कराकर उसे एक पवित्र तीर्थ के रूप में विकसित किया। बाबा साहब की दीक्षा भूमि नागपुर में एक भव्य स्मारक बनाया गया। इस कार्य को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री देवेन्द्र फणनवीस की सरकार ने सम्पन्न किया। मुम्बई की ‘चैत्य भूमि’ में भी बाबा साहब डाॅ0 आंबेडकर से जुड़े पवित्र स्थल को भव्य स्वरूप देकर दुनिया के वंचितों के लिए आशा की किरण जाग्रत करने का कार्य प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व वाली सरकार ने किया है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 26 मई, 2014 को प्रधानमंत्री की शपथ लेने के बाद आह्वान किया था कि हमारी सरकार किसी व्यक्ति, किसी जाति, किसी मत, किसी मजहब, किसी क्षेत्र, किसी भाषा के लिए नहीं बल्कि भारत के लिए, भारतीयता के लिए, भारत के गांवों के लिए, भारत के गरीबों के लिए, भारत के दलितों के लिए, भारत के आदिवासियों के लिए, भारत के वनवासियों के लिए, भारत की महिलाओं के लिए और भारत के प्रत्येक तबके के विकास के लिए कार्य करेगी। उन्होंने अपने साढ़े पांच वर्ष के शासनकाल के दौरान इसे करके दिखाया भी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जब श्री नरेन्द्र मोदी जी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी तब देश में तीन करोड़ परिवार आवासहीन परिवार थे। ऐसे दो करोड़ परिवारों को एक-एक आवास देने का कार्य प्रधानमंत्री आवास योजना में किया गया। दस करोड़ परिवार ऐसे थे जिनके पास अपने घर में एक भी शौचालय नहीं था, ऐसे परिवारों को एक-एक शौचालय देने का कार्य प्रधानमंत्री जी ने स्वच्छ भारत मिशन के माध्यम से किया है। तीन करोड़ परिवार ऐसे थे जिनके पास अपना विद्युत कनेक्शन नहीं था। सौभाग्य योजना के अन्तर्गत उन परिवारों को विद्युत कनेक्शन देने का भी कार्य किया गया है। प्रधानमंत्री जी ने उज्ज्वला योजना के अन्तर्गत आठ करोड़ परिवारों को रसोई गैस का कनेक्शन देने का कार्य किया। प्रधानमंत्री जी द्वारा 50 करोड़ गरीब और वंचित लोगों को आयुष्मान भारत के तहत 5 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा कवर दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के छात्रों की छात्रवृत्ति वर्ष 2016-17 में दी ही नहीं गई। जब मार्च 2017 में हमारी सरकार आयी, तब हमने पूरी की पूरी छात्रवृत्ति अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के छात्रों को देने का काम किया। हमारी पार्टी की सरकार जो कहती है, वह करके दिखाती है। हमने जो कहा वह करके दिखाया है। हमनें कभी योजना के नाम पर, जाति, क्षेत्र, मजहब, भाषा के नाम पर भेदभाव नहीं किया। बिना भेदभाव संविधान प्रदत्त अधिकार लोगों को प्राप्त हों, यह सरकार इसके लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
देश की संसद के द्वारा पारित संविधान संशोधन विधेयक को समर्थन देने के लिए आज हम सब यहां पर एकत्र हैं। संसद ने सर्वसम्मति से इसे पारित किया हैै। उत्तर प्रदेश विधान सभा भी सर्वसम्मति से इसको पारित करते हुए गरीबों, वंचितों, दलितों, आदिवासियों और वनवासियों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के साथ अपने आप को सम्बद्ध कर सकें, इस दृष्टि से मैं पूरे सदन से अपील करूंगा कि सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित होना चाहिए, इसमें किसी प्रकार की राजनीति नहीं होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2019 उत्तर प्रदेश की विधायिका की दृष्टि से महत्वपूर्ण वर्ष रहा है। इस वर्ष कई विशेष सत्र आहूत किए गए। बापू की 150वीं जयन्ती के अवसर पर 02 अक्टूबर को विशेष सत्र आहूत किया गया था। उस सत्र के माध्यम से एस0डी0जी0 पर चर्चा करके गांधी जी को श्रद्धांजलि दी गयी थी। इसके उपरान्त 26 नवम्बर को संविधान दिवस पर बाबा साहब डाॅ0 आंबेडकर जी के प्रति श्रद्धांजलि स्वरूप विशेष सत्र आहूत किया था। आज वर्ष 2019 का यह अन्तिम कार्य-दिवस है। इस अंतिम कार्य-दिवस पर भी यह विशेष सत्र आहूत करके उत्तर प्रदेश विधान मण्डल ने एक नया रिकार्ड बनाया है।