नई दिल्ली: बांग्लादेश के नौसेना प्रमुख वाइस एडमिरल मोहम्मद फरीद हबीब 02 नवम्बर से लेकर 06 नवम्बर, 2015 तक भारत के चार दिवसीय आधिकारिक दौरे पर आये हुए हैं। इस दौरान वह भारत और बांग्लादेश की नौसेना के बीच मौजूदा सहयोग की समीक्षा करने के साथ-साथ आने वाले अवसरों पर गौर करेंगे। नौसेना प्रमुख एडमिरल आर.के.धोवन ने बांग्लादेश के नौसेना प्रमुख की औपचारिक अगवानी की और उन्हें इससे पहले आज साउथ ब्लॉक लॉन में औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
दोनों देशों के नौसेना प्रमुखों ने आज विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। भारत के दौरे पर आए गणमान्य अतिथि ने इसके बाद तटरक्षक बल के महानिदेशक और रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत की। तय कार्यक्रम के अनुसार, बांग्लादेश के नौसेना प्रमुख पश्चिमी नौसेना कमान के मुख्यालय (मुम्बई) और कोलकाता स्थित गार्डन रीच शिपयार्ड का भी दौरा करेंगे।
भारत और बांग्लादेश के बीच रिश्ते ऐतिहासिक विरासत, संस्कृति एवं भूगोल पर आधारित हैं। भारत ही वह पहला राष्ट्र था जिसने एक अलग एवं स्वतंत्र देश के तौर पर बांग्लादेश को मान्यता दी थी। भारत और बांग्लादेश की भौगोलिक स्थितियां एक-दूसरे की अर्थव्यवस्थाओं को विकसित करने और नौवहन सुरक्षा को बढ़ाने का अवसर प्रदान करती हैं। पिछले साढ़े चार दशकों के दौरान दोनों देशों ने द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के लिए एक व्यापक रूपरेखा तैयार की है। भारत के माननीय प्रधानमंत्री के हालिया बांग्लादेश दौरे के दौरान ‘भूमि सीमा करार’ पर किए गए हस्ताक्षर और पंचाट न्यायाधिकरण द्वारा समुद्री सीमा परिसीमन के निर्णय को मिली स्वीकृति दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों की परिपक्वता की ओर इशारा करती है।
दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच नौसैनिक सहयोग में अनेक समुद्री गतिविधियां शामिल हैं। पोर्टब्लेयर में भारतीय नौसेना द्वारा आयोजित किए जाने वाले बहुपक्षीय नौसैनिक अभ्यास ‘मिलन’ में बांग्लादेश की नियमित भागीदारी भी इन गतिविधियों में शामिल है।