लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव से आज यहां उनके सरकारी आवास पर प्रतिष्ठित मोबाइल निर्माता कम्पनी ओप्पो के ग्लोबल वाइस प्रेसिडेण्ट श्री एरिक एवं माइक्रोमैक्स समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री राजेश अग्रवाल ने मुलाकात की।
ओप्पो मोबाइल कम्पनी के प्रतिनिधिमण्डल द्वारा श्री यादव को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के तहत ग्रेटर नोएडा अथवा यमुना एक्सप्रेस-वे इलेक्ट्राॅनिक्स मैनुफैक्चरिंग क्लस्टर में ओप्पो मोबाइल उत्पादन इकाई की स्थापना का प्रस्ताव देते हुए अवगत कराया गया कि नोएडा स्थित उनकी वर्तमान इकाई में प्रतिमाह 16 लाख मोबाइल फोन का उत्पादन किया जा रहा है। प्रस्तावित परियोजना की स्थापना से अगले तीन साल में देश में उनकी प्रतिवर्ष 5 करोड़ मोबाइल उत्पादन की क्षमता हो जाएगी। परियोजना में 1000 करोड़ रुपये का निवेश स्वयं उनके द्वारा तथा 1000 करोड़ रुपये का निवेश उनकी सहयोगी कम्पनियों द्वारा, कुल 2000 करोड़ रुपये का निवेश होगा। परियोजना के लिए लगभग 150 एकड़ भूमि की आवश्यकता है। प्रस्तावित इकाई स्थापना से लगभग 60,000 व्यक्तियों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। इनमें से 30,000 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष रोजगार तथा लगभग इतने ही व्यक्तियों को अप्रत्यक्ष रोजगार का अवसर मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमण्डल को प्रस्तावित इकाई की स्थापना के लिए उ0प्र0 इलेक्ट्राॅनिक्स विनिर्माण नीति-2014 के तहत, भूमि के मूल्य को छोड़कर अन्य स्थिर निवेश के 100 प्रतिशत तक वित्तीय प्रोत्साहन उपलब्ध कराए जाने तथा अन्य आवश्यक सहयोग एवं सहायता का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमण्डल से आग्रह किया कि परियोजना के लिए उपयुक्त स्थल चिन्हित कर अवगत कराने के साथ ही योजना का कार्य जल्द से जल्द प्रारम्भ किया जाए।
इसके अतिरिक्त, श्री यादव ने भगवती प्रोडक्ट्स लि0 (माइक्रोमैक्स समूह) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री राजेश अग्रवाल को ग्रेटर नोएडा स्थित इलेक्ट्राॅनिक्स मैनुफैक्चरिंग क्लस्टर में 60 लाख मोबाइल फोन प्रतिवर्ष के उत्पादन के लिए फैक्ट्री की स्थापना हेतु 16.88 एकड़ भूमि का आवंटन-पत्र प्रदान किया। माइक्रोमैक्स समूह द्वारा 210 करोड़ रुपये का निवेश शासन को प्रस्तुत किया गया है तथा उन्हें भी उ0प्र0 इलेक्ट्राॅनिक्स विनिर्माण नीति-2014 के तहत, अनुमन्य प्रोत्साहन मिलेंगे।
ज्ञातव्य है कि ‘उ0प्र0 इलेक्ट्राॅनिक्स विनिर्माण नीति-2014’ के तहत, निवेशकों के लिए भूमि की दरों में 25 प्रतिशत छूट के अतिरिक्त पूंजी उपादान, ब्याज उपादान, वैट/केन्द्रीय बिक्रीकर की प्रतिपूर्ति, पंजीयन शुल्क इत्यादि अनेक वित्तीय एवं गैर वित्तीय प्रोत्साहन की व्यवस्था है।