लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि राज्य सरकार ने विगत 3 वर्षों में समाज के सभी वर्गों एवं क्षेत्रों के विकास के लिए काम किया हैै। नगरों की तरक्की के साथ-साथ गांव में खुशहाली लाने के लिए अवस्थापना सुविधाओं का विकास तथा कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि आबादी के लिहाज से सबसे बड़े राज्य के सामाजिक और आर्थिक आंकड़े बेहतर होने से ही देश प्रगति करेगा।
उन्होंने गरीबों, पिछड़ों, किसानों, नौजवानों, महिलाओं, बच्चों, अल्पसंख्यकों सहित समाज के सभी कमजोर वर्गों की स्थिति में सुधार लाने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों में सहयोग का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश को हर मामले में एक विकसित और खुशहाल राज्य बनाना ही स्वतंत्रता आंदोलन में शहीद सेनानियों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
मुख्यमंत्री आज यहां 69वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर विधान भवन के मुख्य द्वार पर ध्वजारोहण के उपरान्त उपस्थित लोगों को सम्बोधित कर रहे थे। आजादी की लड़ाई में प्रदेश की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि इस लड़ाई में प्रदेश के सभी वर्गाें के लोगों ने अपना सब कुछ बलिदान कर दिया था। उन्होंने सभी ज्ञात-अज्ञात शहीदों एवं सेनानियों और देश की रक्षा के लिए शहीद सैनिकों को नमन किया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, डाॅ. राम मनोहर लोहिया, आचार्य नरेन्द्र देव, लोकनायक जयप्रकाश नारायण, स्व0 जनेश्वर मिश्र सहित सभी विभूतियों को स्मरण करते हुए उन्होंने कहा कि इनके विचारों से देश को नई दिशा मिलने के साथ-साथ व्यवस्था परिवर्तन की दिशा में भी प्रेरणा मिली। इस मौके पर उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति डाॅ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने पड़ोसी देश नेपाल में भूकम्प में मारे गए सभी नागरिकों को भी भाव-भीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास की यात्रा तब तक अधूरी है, जब तक समाज के सभी वर्गों को बुनियादी सुविधाएं मुहैया न करा दी जाएं। प्रदेश की वर्तमान सरकार का गांव, गरीब एवं किसान से सीधा रिश्ता है। सरकार ने बुनियादी सुविधाओं में सुधार लाकर प्रदेश में विकास की दर को बढ़ाने, विकास का लाभ गरीबांे, किसानों, मजदूरों, महिलाओं, मुसलमानों, अल्पसंख्यकों, नौजवानों आदि सभी वर्गों तक पहुंचाने का हर सम्भव प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि गांव, गरीब एवं किसान के लिए संचालित योजनाओं एवं कार्यक्रमों पर और अधिक ध्यान केन्द्रित करने के इरादे से राज्य सरकार ने वर्तमान वित्तीय वर्ष को ‘किसान वर्ष’ के रूप में मनाने का फैसला लिया है। इस साल बेमौसम बारिश एवं ओलावृष्टि से फसलों को काफी नुकसान पहुंचा था। राज्य सरकार ने फौरन अपने खजाने से किसानों को राहत पहुंचाने का काम शुरू कर दिया था। प्रदेश सरकार ने किसानों को देश में सबसे ज्यादा मुआवजा दिया, जो भारत सरकार के मानकों से दोगुना था।
राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने के लिए तमाम कल्याणकारी एवं रोजगारपरक योजनाएं चला रही है। प्रदेश दूध के उत्पादन में देश में पहले स्थान पर है, कामधेनु डेयरी योजना के जरिए प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में विकास की जो कहानी लिखी जा रही है, वह ग्रामीण अर्थव्यवस्था में मील का पत्थर साबित होगी। अब तक इस योजना के तहत लगभग साढ़े बाइस हजार अच्छी नस्ल के पशुओं के जरिए 2 लाख 70 हजार लीटर अतिरिक्त दूध का उत्पादन किया गया है। अभी भी प्रदेश के दूर-दराज के इलाकों में आवा-गमन की सुविधा की काफी कमी है, जिसके कारण किसान अपने उत्पादों को समय से बाजार तक नहीं पहुंचा पा रहे थे। किसानों एवं ग्रामीण जनता की इस दिक्कत को ध्यान में रखते हुए किराये पर 25 प्रतिशत की छूट के साथ, लोहिया ग्रामीण परिवहन सेवा शुरू की गई है। इस सेवा के तहत अभी तक 473 बसें संचालित हो रही हैं, जिनके बेहद अच्छे नतीजे मिले हैं।
श्री यादव ने कहा कि संविधान में गांव से लेकर संसद तक जनता द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधियों का महत्व दर्शाया गया है। इसी के तहत आगामी महीनों में राज्य में पंचायत चुनाव सम्पन्न होने जा रहा है। इसमें लगभग 8 लाख 25 हजार सदस्यों का चुनाव सीधे ग्रामीण मतदाताओं द्वारा किया जाएगा। समाज के सभी वरिष्ठ नागरिकों के मन में अपने तीर्थ स्थलों की यात्रा की इच्छा रहती है। लेकिन आर्थिक मजबूरियों के कारण ऐसे तमाम बुजुर्ग तीर्थ यात्रा करने के बारे में नहीं सोच पाते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वरिष्ठ नागरिकों के लिए निःशुल्क समाजवादी श्रवण यात्रा की शुरूआत की है। इसके तहत अब तक हरिद्वार-ऋषिकेश तथा अजमेर शरीफ और पुष्कर की यात्रा सम्पन्न कराई गईं हैं।
महिलाओं के लिए किए जा रहे कार्यों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे समाज में हमेशा महिलाओं का सम्मान करने की परम्परा रही है। लेकिन दुर्भाग्य से आज सबसे अधिक महिलाएं ही असुरक्षित मानी जाती हैं। महिलाओं का मान-सम्मान बनाए रखने की दिशा में प्रदेश सरकार ने शुरू से ही कड़े कदम उठाने का फैसला लिया था। इसके फलस्वरूप ‘1090’ विमेन पावर लाइन आज महिलाओं के लिए एक भरोसेमन्द व्यवस्था साबित हुई है। इस व्यवस्था को जनपद स्तर पर ले जाने के साथ-साथ मोबाइल पर भी इसकी सुविधा दी जा रही है। महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए रानी लक्ष्मीबाई महिला सम्मान कोष का गठन किया गया है। साथ ही, रानी लक्ष्मीबाई आशा ज्योति केन्द्रों के जरिए महिलाओं की शिक्षा, सुरक्षा, विकास और उनको आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों की शिकायत आॅनलाइन दर्ज कराने की व्यवस्था, लगभग 99 हजार मेधावी छात्राओं के लिए कन्या विद्या धन योजना तथा निःशुल्क लैपटाॅप, गर्भवती महिलाओं एवं नवजात शिशुओं के लिए ‘102’ नेशनल एम्बुलेन्स सर्विस आदि तमाम कार्यक्रम शुरू किए गए, जो महिलाओं और बच्चों के हितों के लिए राज्य सरकार की गम्भीरता को दर्शाते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में तमाम ऐसी विकास परियोजनाओं पर तेजी से काम चल रहा है, जिनके पूरा हो जाने पर राज्य के शहरी और ग्रामीण इलाकों की आर्थिक तस्वीर ही बदल जाएगी। इन परियोजनाओं में देश की सबसे लम्बी आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे परियोजना प्रमुखता से शामिल है। एक्सप्रेस-वे के पूरा हो जाने से प्रदेश की राजधानी से देश की राजधानी का सफर सुगम हो जाएगा, जिसका लाभ किसानों और व्यापारियों को मिलेगा। राज्य सरकार एक्सप्रेस-वे के साथ बड़ी मण्डियों की स्थापना भी करने जा रही है, जिसका सीधा लाभ प्रदेश के किसानों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना का काम भी तेजी से चल रहा है। इसके साथ ही, प्रदेश के चार अन्य महानगरों आगरा, कानपुर, वाराणसी एवं मेरठ में मेट्रो रेल चलाने के लिए भी कार्रवाई प्रगति पर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा लागू की गई अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति तथा बुनियादी सुविधाओं के फलस्वरूप सैमसंग, इन्फोसिस, एच0सी0एल0, टाइम्स ग्रुप, एज्योर ग्रुप, रिलायंस, अमूल सहित तमाम कम्पनियां प्रदेश में निवेश के लिए आगे आ रही हैं। किसी भी राज्य के विकास में बिजली की खास भूमिका होती है। इसीलिए प्रदेश सरकार बिजली के उत्पादन, पारेषण और वितरण में सुधार के साथ-साथ सौर ऊर्जा पर भी ध्यान दे रही है। पिछले तीन साल के दौरान बड़ी संख्या में बिजली उपकेन्द्रों की स्थापना करायी गई। पुराने बिजली उपकेन्द्रों की क्षमता में बढ़ोत्तरी की गई है। यह काम आगे भी जारी रहेगा। सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण इलाकों में 70 हजार सोलर लाइट, लोहिया ग्रामीण आवासों में 40 हजार सोलर पैक तथा सिंचाई के लिए सोलर पम्प स्थापित कराए जा रहे हैं।
प्रदेश सरकार की अवस्थापना सुविधाओं के प्रति प्रतिबद्धता इसी से जाहिर होती है कि हम सड़क, सेतु, सिंचाई एवं ऊर्जा के विकास के लिए लगातार अधिक धनराशि की व्यवस्था करते हुए इन सभी क्षेत्रों में निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ा रहे हैं। राज्य सरकार के प्रयासों के चलते जनपद कन्नौज, आजमगढ़, जालौन, बांदा एवं सहारनपुर, बदायूं और जौनपुर में या तो राजकीय मेडिकल काॅलेज शुरू हो गए हैं या शुरू होने की अंतिम प्रक्रिया में हैं। साथ ही, जनपद बस्ती, फिरोजाबाद, बहराइच एवं फैजाबाद में मेडिकल काॅलेजों की स्थापना भी प्रस्तावित है। सरकारी अस्पतालों में मरीजों को मुफ्त दवाई के साथ-साथ निःशुल्क पैथोलाॅजी जांच व एक्स-रे की सुविधा दी जा रही है। 1 सितम्बर से सरकारी अस्पतालों में अल्ट्रासाउण्ड जांच की निःशुल्क सुविधा भी मिलने लगेगी। ‘108’ समाजवादी स्वास्थ्य सेवा के तहत संचालित एम्बुलेंसों से अब तक लाखों लोगों ने लाभ उठाया है। इस सेवा की सफलता को देखते 500 अतिरिक्त एम्बुलेन्सें खरीदने के लिए 42 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन के माध्यम से रोजगार के बड़े अवसर पैदा करने के उद्देश्य से राज्य सरकार पर्यटन स्थलों के विकास के लिए काम कर रही है। इसके तहत आगरा-लखनऊ-वाराणसी को ‘हेरिटेज आर्क’ के रूप मंे विकसित करने का काम किया जा रहा है। मुझे विश्वास है कि सरकार के प्रयासों के फलस्वरूप प्रदेश पर्यटकों के लिए एक बेहतरीन आकर्षण केन्द्र साबित होगा। प्रदेश में नौजवानों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए सरकारी विभागों में भर्ती की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। अभी पिछले माह ही लगभग 38 हजार नौजवानों को पुलिस बल में सेवा करने का अवसर मिला है। शिक्षा मित्रों, उर्दू अध्यापकों एवं माध्यमिक शिक्षा के स्तर पर भी शिक्षकों का चयन कार्य चल रहा है। बड़े पैमाने पर लेखपालों एवं अन्य संवर्गाें के लिए रिक्तियां घोषित की गई हैं। इसके साथ ही, पुलिस बल में अतिरिक्त 40 हजार जवानों की भर्ती भी की जाएगी।
श्री यादव ने कहा कि प्रदेश की खुशहाली और विकास के लिए चुस्त-दुरुस्त कानून-व्यवस्था जरूरी है। इसीलिए राज्य सरकार कानून-व्यवस्था पर भी अति गम्भीरता से ध्यान दे रही है। पुलिस की गतिशीलता को बढ़ाने के लिए प्रत्येक थानों पर कम से कम 2-2 चार पहिया वाहन उपलब्ध कराने की योजना के तहत, हाल ही में 1 हजार 56 नये चार पहिया वाहन दिए गए हैं। इसके अलावा, मोटर साइकिल तथा प्रत्येक जोन में विधि विज्ञान प्रयोगशाला की मोबाइल यूनिट की व्यवस्था भी की गई है। कानून-व्यवस्था को प्रभावी बनाने तथा मौके पर शीघ्रता से पुलिस बल को पहुंचाने के लिए राज्य सरकार लखनऊ में डायल-100 नम्बर केन्द्रीयकृत नियंत्रण कक्ष स्थापित करने जा रही है। संचालित होने पर यह दुनिया का अपनी तरह का सबसे बड़ा नेटवर्क होगा। ऐसी व्यवस्था करने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य होगा, जहां एम्बुलेन्स की तर्ज पर किसी भी घटना स्थल पर पुलिस 10 से 15 मिनट में पहुंच सकेगी।
सत्ता में आने के बाद समाजवादी सरकार ने ऐसे कल्याणकारी कार्यक्रमों एवं योजनाओं का संचालन शुरु किया, जिससे लोगों को काफी लाभ मिल रहा है। छात्र-छात्राओं के भविष्य को संवारने तथा उन्हें सूचना तकनीक से जोड़ने के लिए राज्य सरकार द्वारा इण्टरमीडिएट पास मेधावी छात्र-छात्राओं को निःशुल्क लैपटाॅप देने का काम किया जा रहा है। राज्य सरकार अपने संसाधनों से समाजवादी पेंशन योजना संचालित कर रही है। किसी भी राज्य सरकार द्वारा संचालित यह देश की सबसे बड़ी सामाजिक सुरक्षा योजना है। इस योजना के दायरे में 5 लाख अतिरिक्त परिवारों को शामिल करने का निर्णय लिया गया है। इस प्रकार राज्य के 45 लाख गरीब परिवारों को इस योजना से लाभान्वित करने का लक्ष्य तय किया गया है। योजना के लिए इस वर्ष 2 हजार 727 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। शहरी रिक्शा चालकों को ई-रिक्शा मुफ़्त उपलब्ध कराना प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। राज्य सरकार अपने बजट से गरीब रिक्शा चालकों को मोटर या बैटरी से चलने वाले रिक्शे निःशुल्क उपलब्ध कराएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभ्य समाज की प्रगति का एक पैमाना, भाषा, कला, संगीत और सभी ललित कलाओं का विकास, संवर्धन और संरक्षण भी होता है। प्रदेश सरकार ने समस्त भारतीय भाषाओं व लोक संस्कृति को वरीयता से आगे बढ़ाने का काम किया है। प्रतिभा और अच्छे प्रदर्शन के जरिये देश और दुनिया में प्रदेश का नाम रोशन करने वालों को राज्य सरकार द्वारा यश भारती पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। उत्तर प्रदेश हिन्दी एवं संस्कृत संस्थान द्वारा दिए जाने वाले पुरस्कार और सम्मान को राज्य सरकार ने दोबारा शुरू किया। साथ ही, पुरस्कार राशि को भी दोगुना कर दिया। इसके साथ ही, उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी के माध्यम से उर्दू भाषा के विद्वानों को भी प्रदेश सरकार सम्मानित कर रही है।