लखनऊ: प्रदेष में छः माह तक चलेगा विद्युत चोरी अभियान। इस अभियान का नेतृत्व जिलाधिकारी करेंगे। अभियान के दौरान विद्युत वितरण निगमों के अधिकारी एवं कर्मचारी को सुरक्षा हेतु पर्याप्त पुलिस बल उपलब्ध कराया जाये। इस अभियान में जिला प्रषासन, पुलिस और पर्वतन दल की संयुक्त टीमें हिस्सा लेंगी। यह निर्देष प्रदेष के मुख्य सचिव श्री राजीव कुमार ने प्रदेष के सभी जिलाधिकारियों एवं पुलिस अधीक्षकों को दिये है।
मुख्य सचिव द्वारा प्रदेष के समस्त जिलाधिकारियों को भेजे गये निर्देष में कहा गया है कि प्रदेष के सभी नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति प्रदेष सरकार की उच्च प्राथमिकता है। इस उद्देष्य की पूर्ति के लिए जहाॅ एक ओर प्रदेष के षहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति के घण्टों में वृद्धि की गयी है वहीं सभी अवषेश घरों को ‘सौभाग्य’ योजना के अन्तर्गत विद्युत संयोजन प्रदान किये जाने की कार्यवाही मिषन मोड में की जा रही है। प्रदेष के ऊर्जा सेक्टर की फाइनेन्षियल वायबिलिटी सुनिष्चित करना इन उद्देष्यों की पूर्ति के लिए अपरिहार्य है। इस दिषा में भारत सरकार के साथ ‘उदय’ योजना के अन्तर्गत किये गये समझोैते में वर्शवार विद्युत वितरण हानियों को कम करने का लक्ष्य निष्चित किया गया है। ‘उदय’ योजना के अन्तर्गत विद्युत वितरण निगमों पर ऋण लिये जाने की सीमाएॅॅ प्रतिबंधित कर दी गयीं हैं। जिससे विद्युत वितरण निगमों द्वारा अधिक ऋण नहीं लिया जा सकता है। इसके साथ ही भारत सरकार ने यह भी संसूचित किया है कि विद्युत वितरण हानियों में निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप कमी न आने की स्थिति में विद्युत वितरण निगमों को भारत सरकार के उपक्रमों से प्राप्त होने वाली वित्तीय सुविधाओं पर भी रोक लग सकती है। वित्तीय वर्श 2017-18 में विद्युत वितरण हानियों का लक्ष्य 23 प्रतिषत था जिसके सापेक्ष हानियों को 32 प्रतिषत से घटाकर लगभग 27 प्रतिषत ही लाया जा सका है। कुल मिलाकर विद्युत वितरण हानियों को तेजी से कम करना अत्यन्त आवष्यक हो गया है।
मुख्य सचिव ने जारी दिषा निर्देष में कहा है कि विद्युत वितरण निगमों द्वारा इनर्जी आडिट के आधार पर चिन्हित अधिक लाइन हानि वाले क्षेत्रों में विद्युत चोरी के मामलों को पकड़ने के लिए मास रेड आयोजित कियें जायें जिसके लिए जनपद के जिलाधिकारी के स्तर पर नामित नोडल अधिकारी (अधीक्षण अभियन्ता) के साथ माह के प्रारम्भ होने से पूर्व ही बैठक कर आगामी माह के अभियान की रूपरेखा तैयार कर ली जाय और उसका क्रियान्वयन समयबद्ध तरीके से कराया जाय। मास रेड तथा इनर्जी आॅडिट के आधार पर चिन्हित अधिक ऊर्जा खपत वाले औद्योगिक, वाणिज्यिक तथा अन्य बड़े विद्युत भार वाले संयोजनों पर रेड्स की कार्यवाई को सफलतापूर्वक सम्पादित करने के लिए जिलाधिकारी द्वारा नामित अपर जिलाधिकारी तथा अपर पुलिस अधीक्षक को नोडल अधिकारी के रूप में उत्तरदायी बनाया जाय। इस क्रम में यदि कोई क्षेत्र अति संवेदनषील प्रकृति का है तो वहाॅ रेड्स के दौरान मजिस्ट्रेट की तैनाती भी सुनिष्चित की जाये।
यह जानकारी देते हुये प्रमुख सचिव ऊर्जा एवं उ0प्र0 पावर कारपोरेषन के अध्यक्ष श्री आलोक कुमार ने बताया है कि जारी दिषा निर्देष में कहा गया है कि अभियान के दौरान निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार समय से आवष्यक पुलिस बल उपलब्ध कराया जाय ताकि रेड दलों द्वारा अधिकाधिक कार्यवाही की जा सके। विघुत चोरी पाये जाने पर थानों में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराया जाना सुनिष्चित किया जाय। तदोपरान्त जिन मामलों में नियमानुसार कम्पाउडिंग सुविधा का लाभ सम्बन्धित व्यक्ति अथवा उपभोक्ता द्वारा नहीं उठाया जाता है तो ऐसे मामलों में दर्ज प्रथम सूचना रिपोर्ट की विवेचना भी प्राथमिकता पर कराकर आरोप पत्र मा0 न्यायालय में दाखिल कराया जाय। सम्बन्धित जिलाधिकारी द्वारा विद्युत चोरी के लम्बित मामलों के पैरवी की समीक्षा आवष्यक रूप से मासिक अभियोजन गोश्ठी में की जाये।
इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में कंज्यूमर टर्न अप बढ़ाने के लिए विद्युत विच्छेदन एवं बिल संषोधन कर राजस्व वसूली हेतु अभियान चलाया जाये। घरो से बाहर स्मार्ट मीटरों की स्थापना में भी कतिपय व्यक्तियों द्वारा विरोध किये जाने की आषंका रहती है। इस कार्यवाही में विद्युत वितरण निगमों के अधिकारियों के अनुरोध पर आवष्यक पुलिस बल उपलब्ध कराया जाये।