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मुख्य सचिव एस. रामास्वामी की अध्यक्षता में अधिकारियों के साथ विधानसभा समान्य निर्वाचन-2017 के संबंध में आयोजित बैठक

Chief Secretary S. Election of officers headed by Ramaswamy General Assembly meeting held in connection with -2017
उत्तराखंड

देहरादून: मुख्य सचिव एस.रामास्वामी की अध्यक्षता में सचिवालय में अधिकारियों के साथ विधानसभा सामान्य निर्वाचन-2017 को स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं सुव्यवस्थित ढंग से सम्पादित कराये जाने हेतु बैठक आयेाजित की गई। बैठक के दौरान मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्रीमती राधा रतूड़ी ने सभी अधिकारियों को आदर्श आचार संहिता और उसके अनुपालन हेतु भारत के निर्वाचन आयोग के विभिन्न दिशा-निर्देशों के बारे में अधिकारियों को अवगत कराया।
बैठक में राज्य सम्पत्ति विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि मंत्रीगणों एवं महानुभावों को उपलब्ध करायी गए वाहनों से लाल बत्तियों को तत्काल हटा दिया जाय। इस बात का ध्यान रखा जाए कि मंत्रीगणों द्वारा राजकीय वाहनों का उपयोग केवल शासकीय कार्य हेतु एवं राजकीय आवास से राजकीय कार्यालय तक ही प्रयोग किया जा रहा हो। राजकीय अतिथि गृहों के प्रयोग हेतु सभी के लिए सामान्य एवं बराबर व्यवस्था की जाए। दायित्वधारियों को प्रदान की जा रही सुविधाओं की निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के अधीन तत्काल समीक्षा करते हुए जिन सुविधाओं को हटाना हो उन्हें हटाया जाय।
श्रीमती रतूड़ी ने बताया कि यदि रिहायशी बस्तियों में अतिक्रमण हटाए जाने के कार्य से लोगों का विस्थापन होता हो तो इसे तुरन्त रोक दिया जाए क्योंकि इससे वोटरों का मतदान का अधिकार प्रभावित होता है। उन्होंने विभागों को निर्देश दिये कि विभागों में किसी भी प्रकार का स्थानान्तरण ना किया जाय और यदि किसी का स्थानान्तरण हुआ भी हो तो उसे निर्वाचन प्रक्रिया की समाप्ति तक कार्यमुक्त न किया जाय।
वन, वित्त एवं अन्य कई विभागों द्वारा निर्वाचन ड्यूटी से छूट की मांग को अस्वीकार करते हुए मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि संबंधित जिलाधिकारी द्वारा निर्वाचन ड्यूटी से संबंधित अंतिम फैसला लिया जायेगा। किसी भी विभाग को पूर्ण रूप से निर्वाचन ड्यूटी में छूट नहीं प्रदान की जायेगी। ग्राम्य विकास विभाग को निर्देश दिये गये कि सांसद एवं विधायक निधि से कोई नया फण्ड अवमुक्त न किया जाय और नये कार्य स्वीकृत न किये जाय।
विभागों को यह भी निर्देश दिये कि कोई भी विभाग 15 फरवरी, 2017 तक किसी भी प्रकार के विज्ञापन न प्रसारित करें जिससे मतदाओं को प्रभावित किया जा सकता हो। अत्याधिक आवश्यकता होने पर केवल सूचनात्मक विज्ञापन ही प्रकाशित हो सकते हैं परन्तु इनमें किसी भी प्रकार की उपलब्धियों का प्रचार नहीं हो सकता है। बताया गया कि निर्माणकारी विभागों द्वारा नये शुरू किये जाने वाले कार्यों के निविदा विज्ञापनों पर भी 15 फरवरी तक रोक रहेगी। गृह विभाग को निर्देश दिया गया कि यदि पैरोल के किसी प्रकरण पर निर्णय लेना आवश्यक है तो उसे निर्वाचन कार्यालय को संदर्भित किया जाय। ऊर्जा विभाग सहित अन्य विभागों के अधीन निगमों इत्यादि में प्रबन्ध निदेशक आदि पदों को भरने की कार्यवाही न की जाय। यदि कोई प्रक्रिया चल रही हो तो उसका परिणाम निर्वाचन के बाद ही घोषित किया जाय। शिक्षा सहित सभी विभागों को निर्देश दिया गया कि वे अवकाश पर गये कार्मिकों का अवकाश निरस्त करते हुए उन्हें मुख्यालय पर वापस बुलाने का निर्देश दें जिससे उनकी निर्वाचन ट्रेनिंग करायी जा सके।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने विभागीय सचिवों को निर्देश दिये कि विधानसभा द्वारा पारित हो चुके बजट से संबंधित फाईलें निर्वाचन कार्यालय को किसी पूर्वानुमति के लिये भेजने की आवश्यकता नहीं है और विभागीय अधिकारी इस संबंध में नियमानुसार स्वयं कार्यवाही करने हेतु सक्षम है। उन्होंने कहा कि यदि निर्माणकारी संस्था अथवा ठेकेदारों द्वारा कार्य पूर्ण कर लिया गया हो तो उनको भुगतान किया जा सकता है।
बैठक में अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी एस.ए.मुरूगेषन, बी.षणमुगम, नीरज खैरवाल, संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवनीत पाण्डे, सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी मस्तूदास भी उपस्थित थे।

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