देहरादून: वनों में लगने वाली आग को रोकने के लिए विश्व बैंक तकनीकी सहयोग प्रदान करेगा। विशेषज्ञों द्वारा उपयुक्त और आधुनिक उपाय किए जाएंगे। वन आग का बेहतर प्रबंधन, संस्थान क्षमता विकास, बचाव प्रणाली को और मजबूत किया जाएगा। इस बारे में विश्व बैंक की टीम ने गुरुवार को सचिवालय में मुख्य सचिव एस0 रामास्वामी से मुलाकात की।
विश्व बैंक टीम को बताया गया कि वनों की आग को रोकने के लिए फायर लाइन बनाई गई है। संभावित क्षेत्रों को चिन्हित किया गया है। फायर स्टेशन और क्रु स्थापित किए गए हैं। रिपोर्टिंग की कारगर प्रणाली, आग लगने के पहले अलर्ट आदि इंतजाम किए गए हैं। वन पंचायतों के माध्यम से चीड़ के पत्तों (पीरूल) को एकत्र किए जाते हैं। पिरूल से व्रिकेट बनाने का कार्य किया जा रहा है। इससे बायोमास पावर प्लांट भी चल रहा है। तमाम उपायों के बावजूद भी अप्रैल से जून माह में आद्रता कम होने और तापमान अधिक होने से वनों में आग लगने की घटनाएं हो जाती है। इस दौरान बारिश भी कम होती है। इससे हर साल काफी क्षति होती है। जैव विविधता, भू-स्वास्थ्य का क्षरण, ग्लेशियर का पिघलना, वन्य जीव, मानव जीवन की क्षति होती है। बताया गया कि राज्य सरकार ने डीआरडीओं से भी वनों की आग को रोकने के लिए उपाय सुझाने का अनुरोध किया है।
इस दौरान विश्व बैंक के क्रिस्टोफर शा, मैथ्यू, स्वाती, पीयूष के अलावा मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डीबीएस खाती, मुख्य परियोजना निदेशक जीका अनूप मलिक सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।