लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना के अंर्तगत चालू वित्तीय वर्ष में 1800 ग्रामोद्योग इकाईयों की स्थापना तथा वित्त पोषित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। योजना के लाभार्थियों का चयन करने, इच्छुक व्यक्तियों को उद्यमों के प्रति जागरूक तथा वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए हर संभव सहयोग करने के निर्देश समस्त संबंधित विभागीय अधिकारियों को दिए गये हैं।
यह जानकारी संस्थागत वित्त, सर्वहित बीमा निदेशालय एवं वाह्य सहायतित परियोजना महानिदेशालय के महानिदेशक श्री शिवसिंह यादव ने दी।
महानिदेशक श्री शिवसिंह यादव ने बताया कि मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने हेतु 18 से 50 वर्ष आयु वर्ग के व्यक्तिगत उद्यमियों को 10 लाख रु0 तक लागत की कोई औद्योगिक इकाई स्थापित करने के लिए 10 लाख रु0 का ऋण उपलब्ध कराया जाता है।
श्री यादव ने बताया कि योजना के अंतर्गत सामान्य वर्ग के व्यक्तियों को 04 प्रतिशत से अधिक एवं आरक्षित श्रेणी के व्यक्तियों को दिए जाने वाले ब्याज की पूर्ण राशि ब्याज अनुदान के रूप में अनुमन्य है। सामान्य वर्ग के लाभार्थियों को परियोजना लागत का 10 प्रतिशत तथा आरक्षित वर्ग के व्यक्तियों को परियोजना लागत का 05 प्रतिशत अंश उद्योग इकाईयों की स्थापना के समय लगाना पड़ता है, शेष धनराशि बैंक द्वारा ऋण के रूप में उपलब्ध कराई जाती है।