देहरादूनः COTPA (सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम) के सम्बन्ध में उत्तराखण्ड पुलिस को सवेदनशील बनाने लिए पुलिस लाईन देहरादून में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया ।
उक्त कार्यशाला में श्री एम ए गणपति, पुलिस महानिदेशक ने सभी जिलों को COTPA 2003 के विभिन्न प्रावधान को सख्ती से अक्षरश लागू करने और उदाहरण के द्वारा नेतृत्व करने की सलाह दी । उन्होंने सभी पुलिस अधिकारियों को स्वास्थ्य और वित्तीय के आधार पर तंबाकू के उपयोग न करने की सलाह दी। श्री गणपति ने पुलिस अधिकारियों को पुलिस थानों और पुलिस बैरकों में नो स्मोकिंग सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिया। उन्होंने उत्तराखंड के स्कूलों में पढ़ने वाले लड़कों के तम्बाकू उपभोक्ता होने पर COTPA उल्लंघन पर सतर्कता की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया। COTPA प्रावधानों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए, श्री गणपति ने राज्य स्वास्थ्य सचिव से COTPA के तहत हेड कांस्टेबल के स्तर पर अभियोजन के लिए अधिक शक्तियां प्रदान करने का अनुरोध किया। श्री गणपति ने सभी जिलों को COTPA प्रावधानों के कार्यान्वयन को उनके अपराध की समीक्षा के एक भाग के रूप में शामिल करने के लिए सलाह दी । उन्होंने सभी सार्वजनिक स्थानों को सार्वजनिक वाहन सहित धुएं से मुक्त करने के लिए COTPA प्रावधानों का सख्ती से पालन करने की वकालत की।
डॉ जी आर खत्री – अध्यक्ष, WLF-SA ने जोर देकर कहा कि उत्तराखंड पुलिस की तंबाकू के इस्तेमाल के खिलाफ COTPA , 2003 के अनुसार विभिन्न प्रावधानों के वैधानिक दायित्वों से आगे न्यायिक, प्रशासनिक और सामाजिक जिम्मेदारी भी है। उन्होंने पुलिस कर्मियों को तम्बाकू निषेध के अभ्यास और प्रचार तथा प्रत्येक पुलिस थाने को अपने अधिकार क्षेत्र में एक आदर्श तम्बाकू मुक्त सरकारी संस्था बनाने की जरूरत पर बल दिया।
डॉ भूपेंद्र औलख, सचिव स्वास्थ्य, उत्तराखंड सरकार ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा गया है कि हाल ही में UTFI द्वारा डब्ल्यूएचओ और सीडीसी अटलांटा के सहयोग से किए गए एक सर्वेक्षण में पता चला है कि उत्तराखंड के राजकीय स्कूलों में अध्ययन करने वाले 13-17 वर्ष आयु वर्ग में 20.8 लड़के तंबाकू का उपभोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के राजकीय स्कूलों में अध्ययन करने वाले 13-17 वर्ष आयु वर्ग के धूम्रपान करने वालों में 86.3 ने 15 साल की उम्र से धूम्रपान शुरू कर दी जो एक बहुत ही चिंताजनक पहलू है।
श्री रणजीत सिंह, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के कानूनी सलाहकार, ने बड़े पैमाने पर युवाओं और समुदाय की सुरक्षा पर एक विशेष जोर देने के साथ इसके उल्लंघन को रोकने पर भी बल दिया जाने हेतु प्रभावी कार्यवाही करने पर जोर दिया।
श्री प्रशांत जोशी – सचिव उत्तराखंड, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण सह जिला सत्र न्यायाधीश, नैनीताल ने COTPA प्रावधानों के कार्यान्वयन पर प्रतिभागियों द्वारा व्यक्त संदेह और गलतफहमी का निवारण किया तथा COTPA 2003 से संबंधित कानूनी सेवाओं की भूमिका” पर विस्तार से चर्चा की।
इस अवसर पर श्री संजय गुंज्याल, पुलिस महानिरीक्षक, गढ़वाल परिक्षेत्र एवं श्री सदानन्द दाते, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून तथा अन्य अधिकारी/कर्मचारीगण उपस्थित थे।