लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने सिनेमा उद्योग को क्षति पहुंचाने वाले प्रमुख कारक वीडियों पाइरेसी करने वालों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं। यह जानकारी मनोरंजनकर आयुक्त श्री मृत्युंजय कुमार नारायण ने दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में वीडियो पाइरेसी के विरूद्ध कार्यवाही करने हेतु काॅपीराइट एक्ट 1957 के प्रावधान ही प्रभावशाली हैं। इसको प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश दिये गये हैं।
मनोरंजन कर आयुक्त ने बताया कि वीडियांे पाइरेसी करने वालो के विरूद्ध कठोर कार्यवाही करने के लिए मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन द्वारा सभी जिला मजिस्ट्रेट/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक को प्रत्येक जनपद में उपाधीक्षक स्तर के किसी अधिकारी को नोडल अधिकारी नामित करते हुए प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश जारी किये जा चुके हैं।
आयुक्त ने बताया कि शासन द्वारा सिनेमागृहों को सुदृढ़ करने की दिशा में ठोस पहल की जा रही है। वीडियो पाइरेसी एवं पाइरेटेड सीडी की बिक्री प्रतिबन्धित है। समस्त सीडी विक्रेताओं केबिल आपरेटरों को इस हेतु सख्त चेतावनी दी गयी है। उन्होंने कहा कि ऐसा करने वालों के विरूद्ध सख्त कानूनी कार्यवाही की जायेगी।