नई दिल्ली: केन्द्रीय वित्त, कॉरपोरेट मामले एवं सूचना और प्रसारण मंत्री श्री अरुण जेटली ने आज यहां नागरिक केन्द्रित सुशासन राष्ट्रीय कार्यशाला के समापन सत्र के मुख्य अतिथि के तौर पर भाग लिया। इस कार्यशाला का आयोजन औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग, नई दिल्ली, विकास और संचार संस्थान, चंडीगढ़ के सहयोग से सुशासन के लिए राष्ट्रीय केन्द्र, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) द्वारा किया गया। श्री जेटली ने कहा कि नागरिक केन्द्रित सुशासन में नागरिकों के जीवन को सहज बनाना तथा समाज में जरूरतों को पूरा करना जरूरी है। उन्होंने सरकारी एकाधिकारों को दूर करने के लिए कहा। उन्होंने सुझाव दिया कि सभी विभाग सरलीकरण करें। खासकर पुलिस विभाग जैसे जहां ज्यादातर जनसाधारण से वास्ता पड़ता है। उन्होंने पुलिस और जनता के बीच बेहतर संबंध बनाने पर बल दिया। उन्होंने भी कहा कि कराधान प्रणाली को विश्व के अनुरूप बनाया जाना चाहिए तथा निवेश के निर्णय तथा इस पर की जाने वाली कार्रवाई बीच के समय को कम कर उद्योगों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। केन्द्रीय राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (डीओएनईआर), राज्य मंत्री, प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, आणविक ऊर्जा एवं अंतरिक्ष डॉ. जितेन्द्र सिंह ने माननीय अतिथि के रूप में भाग लिया। उन्होंने नागरिक केन्द्रित सुशासन को प्राप्त करने के लिए न्यूनतम सरकार, अधिकतम सुशासन पर जोर दिया। उन्होंने नागरिकों तथा सरकार के बीच के विश्वास को बढ़ाने तथा प्रक्रियाओं को सरल बनाने का अनुमोदन किया।
सुबह कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के सचिव श्री संजय कोठारी ने कार्यशाला का उद्घाटन किया। अपने संबोधन में श्री कोठारी ने बताया कि प्रत्येक सामान्य नागरिक भले ही वह देश के दूरदराज भागों में रहता हो, उसके लिए भी सुशासन के सुधारों की प्रक्रिया को सरल बनाया जाना चाहिए।
कार्यशाला में नागरिकों के लिए प्रक्रिया, कार्यप्रणाली तथा प्रोफार्मा का सरलीकरण करने एवं निवेश को बढ़ावा देने पर विचार-विमर्श किया गया।