केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज यहां कहा कि नागरिक- केन्द्रीयता भारत /2047 शासन मॉडल का निर्धारण करेगी।
यहां विज्ञान भवन में 15वें सिविल सेवा दिवस समारोह का उद्घाटन करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि नए शासन मॉडल में सिविल सेवकों के लिए नागरिक अनुकूल दृष्टिकोण ही एकमात्र व्यवहार्य विकल्प होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘सिविल सेवा दिवस का सही अर्थ आम आदमी के प्रति समर्पण है और प्रत्येक सिविल सेवक को आम आदमी के जीवन में महत्वपूर्ण सुधार लाने के लिए दृढ़ संकल्पित होना चाहिए।’’
सिविल सेवा दिवस 2022 के लिए विषय ‘‘विजन इंडिया@2047-नागरिक और सरकार को करीब लाना’’ का उल्लेख करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में आम आदमी की उम्मीदें बढ़ी हैं और सिविल सेवकों को सेवाओं की आपूर्ति पर स्पष्ट ध्यान देते हुए अपनी भविष्य की भूमिका के बारे में गंभीर आत्मनिरीक्षण करना होगा। उन्होंने कहा कि हमें आगे 25 साल की सक्रिय सेवा करने वाले अधिकारियों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और वर्तमान अधिकारियों को भारत को 2047 तक एक अग्रणी राष्ट्र बनाने के लिए उसकी क्षमता निर्माण में मदद करनी चाहिए, जब देश स्वतंत्रता के 100वें वर्ष का जश्न मना रहा होगा। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि आज कोई 2022 के प्रिज्म के माध्यम से भारत@2047 की कल्पना नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि भविष्य के शासन मॉडल एक सिविल सेवक की भूमिका को फिर से परिभाषित कर सकते हैं और शासन अधिक से अधिक नागरिक डोमेन पर पास हो सकता है, इस प्रकार वास्तव में ‘न्यूनतम सरकार’ की भावना को मूर्त रूप दिया जा रहा है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि 2047 के लिए प्रासंगिक सूचकांकों की प्रकृति की पूरी तरह से कल्पना की जानी चाहिए।
डॉ. सिंह ने कहा कि आने वाले वर्षों में प्रौद्योगिकी, नए सूचकांकों और कृत्रिम बुद्धिमत्ता का एक जटिल इंटरवॉवन इंटरफ़ेस बड़े पैमाने पर अपनी जगह ले सकता है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि सिविल सेवा दिवस सिविल सेवकों के सही काम करने और नवीन दृष्टिकोणों का उपयोग करके महत्वपूर्ण क्षेत्रों में परिणाम देने के अनकहे उदाहरणों का जश्न मनाने का अवसर है। यह भारतीय प्रशासन में मौलिक परिवर्तनों को चिह्नित करने, राष्ट्र की सेवा में उत्कृष्टता की खोज के लिए खुद को फिर से समर्पित करने का भी अवसर है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने मेटकाफ हाउस, नई दिल्ली में भारतीय प्रशासनिक सेवा के पहले बैच को सरदार पटेल के संबोधन का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘आपके पूर्ववर्तियों का पालन-पोषण उन परंपराओं में हुआ था, जिनसे उन्होंने खुद को आम लोगों के जीवन से अलग रखा था। भारत के आम आदमी को अपना मानना आपका परम कर्तव्य होगा।’’
मिशन कर्मयोगी के ‘‘रूल टू रोल’’ के मुख्य मंत्र का उल्लेख करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि सिविल सेवकों को एक नए और चुनौतीपूर्ण कार्य के लिए खुद को प्रशिक्षित करना चाहिए, क्योंकि सरकार की अधिकांश प्रमुख योजनाएं अब विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर आधारित हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने पहचान किए गए प्राथमिकता कार्यक्रमों और नवाचारों पर 2019, 2020 और 2021 की पुरस्कृत पहलों पर एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया और ‘‘विजन इंडिया@2047- शासन’’ विषय पर एक पूर्ण सत्र की अध्यक्षता की।
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अपने संबोधन में कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने कहा कि सिविल सेवा दिवस उत्सव का दिन होने के साथ-साथ चिंतन और आत्मनिरीक्षण का दिन भी है। उन्होंने कहा कि आकांक्षी जिलों का परिवर्तनकारी दृष्टिकोण यह साबित करता है कि नियमित संकेतक आधारित निगरानी क्या हासिल कर सकती है और अब समग्र दृष्टिकोण यह सुनिश्चित करेगा कि कल्याणकारी योजनाओं का लाभ कतार में खड़े अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे।
डीएआरपीजी के सचिव श्री वी. श्रीनिवास ने अपने संबोधन में कहा कि लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार की स्थापना केंद्र और राज्य सरकारों के जिलों और संगठनों द्वारा आम नागरिकों के कल्याण के लिए किए गए असाधारण और अभिनव कार्यों को मान्यता देने के लिए की गई है।
सिविल सेवा दिवस 2022 पर प्रदान किए जाने वाले पुरस्कारों के लिए निम्नलिखित 6 प्राथमिकता कार्यक्रमों की पहचान की गई हैः ‘‘जनभागीदारी’’ या पोषण अभियान में लोगों की भागीदारी को बढ़ावा देना, खेलो इंडिया योजना के माध्यम से खेल और स्वास्थ्य में उत्कृष्टता को बढ़ावा देना, डिजिटल भुगतान और पीएम स्वनिधि में सुशासन योजना, एक जिला एक उत्पाद योजना के माध्यम से समग्र विकास, मानव हस्तक्षेप:जिला / अन्यः और नवाचारों:केंद्र, राज्य और जिलोंः के बिना सेवाओं की निर्बाध, एंड-टू-एंड आपूर्ति।
5 चिन्हित प्राथमिकता कार्यक्रमों के लिए 10 पुरस्कार इस वर्ष दिए जाएंगे, जबकि 6 पुरस्कार केंद्र/राज्य सरकार/जिले के संगठनों को नवाचारों के लिए दिए जाएंगे।
विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में पूर्व कैबिनेट सचिव, पूर्व सचिव, सचिव, अतिरिक्त सचिव, संयुक्त सचिव, मुख्य सचिव/एसीएस/प्रधान सचिव और केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थानों के प्रमुख/रेजीडेंट आयुक्त शामिल हुए। पीसीसीएसएफ/डीजीएसपी/अतिरिक्त डीजीएसपी/जिला कलेक्टर, शैक्षणिक संस्थान, राज्य एटीआई/सहायक सचिव और 2013-17 बैच के आईएएस अधिकारी जिन्होंने सहायक सचिव के रूप में कार्य किया है, वे भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
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