लखनऊ: राजस्व विभाग की सेवाएं (आय, जाति एवं निवास) विगत कई वर्षों से ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल/ई-साथी के माध्यम से प्रदेश में स्थापित समस्त जन सेवा केन्द्रों द्वारा आम जनमानस को उपलब्ध करायी जा रही हैं। इसी क्रम में ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल पर उपलब्ध इन सेवाओं को APIs/Web Service के माध्यम से उमंग मोबाइल ऐप पर इण्टीग्रेट कर दिया गया है, जिसकी टेस्टिंग भी सफलतापूर्वक कर ली गयी है। यह जानकारी प्रमुख सचिव राजस्व द्वारा इस सम्बन्ध में समस्त अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारियों को सम्बोधित एक परिपत्र के माध्यम से दी गई है।
आई0टी0 एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के 03 दिसम्बर, 2020 को निर्गत शासनादेश के अनुसार, आम जनमानस द्वारा पेमेण्ट गेटवे का उपयोग करते हुए बिना जन सेवा केन्द्र जाए आवेदन की दशा में प्रत्येक शासकीय सेवा के लिए 15 रुपये यूजर चार्ज के रूप में लिया जाएगा। उमंग ऐप पर इन सेवाओं के आवेदन हेतु आम जनमानस से समान 15 रुपये यूजर चार्ज के रूप में लिया जाएगा, जिसका अंश विभाजन आई0टी0 एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग द्वारा जारी शासनादेश के अनुरूप ही किया जाएगा।
ज्ञातव्य है कि नेशनल ई-गवर्नेन्स डिवीजन, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा विकसित उमंग मोबाइल ऐप का उद्घाटन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा 23 नवम्बर, 2017 को किया गया था। उमंग ऐप का मुख्य उद्देश्य आम जनमानस को जी-2-सी सेवाएं एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराना है, जिससे आमजन को अलग-अलग विभागों के एप्स का उपयोग न करके, एक सिंगल ऐप में ही सभी सेवाएं उपलब्ध हो सकें। इस मोबाइल ऐप द्वारा नागरिक, केन्द्र व राज्य सरकार की विभिन्न सरकारी सेवाओं का लाभ प्राप्त कर सकता है।