नई दिल्लीः हाल ही में मीडिया की खबरों में कहा गया है कि भारत सरकार ने निजी तौर पर आश्वासन दिया है कि वह अब अनिवार्य लाइसेंस जारी नहीं करेगी। यहां यह स्पष्ट किया जाता है कि ऐसी खबरों के तथ्य गलत है। इस संबंध में यह अधिसूचित किया जाता है कि आईपीआरएस की सुरक्षा के लिए देश में पूर्ण विकसित टीआरआईपीएस अनुवर्ती वैधानिक, प्रशासनिक और न्यायिक ढांचा है। टीआरआईपीएस सार्वजनिक स्वास्थ्य समझौते पर दोहा घोषणा के अंतर्गत प्रत्येक सदस्य को अनिवार्य लाइसेंस प्राप्त करने और ऐसे लाइसेंस किस आधार पर दिए गए है इसे जानने की का अधिकार है।
भारत सरकार द्वारा निजी अधिकारों की रक्षा और नवाचार की आवश्यकता के प्रति सचेत रहने के बावजूद, उसने अंतर्राष्ट्रीय आईपीआर व्यवस्था में उपलब्ध लचीलेपन का उपयोग करने में संप्रभु अधिकार को बनाए रखा है। यह ध्यान देने योग्य है कि आज की तारीख तक देश में काफी विचार-विमर्श और प्रक्रियाओं के बाद अनिवार्य लाइसेंस का केवल एक मामला सामने आया है, जिसे बाद में देश के उच्चतम न्यायालय ने भी सही ठहराया था।