नई दिल्ली: यह स्पष्टीकरण कोरोना जैसी उभरती हुई वायरल बीमारियों के संबंध में आयुष मंत्रालय द्वारा जारी सामान्य सुरक्षात्मक और रोग निरोधी उपायों के संदर्भ में है। 29 जनवरी, 2020 को दो परामर्श (एडवायजरी) जारी किए गए थे, जो ऐसे वायरल बीमारियों के संदर्भ में सामान्य सुरक्षात्मक उपायों पर आधारित थे। ये उपाय चिकित्सा पद्धति के उन सिद्धातों पर आधारित हैं जिसमें वायरल बीमारियों के तहत श्वसन संबंधी समस्या स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ती है। ये परामर्श कोरोना वायरस के प्रभावी इलाज का न तो दावा करते हैं और न ही कोरोना वायरस से लड़ने के लिए किसी विशिष्ट दवा का सुझाव देते हैं। व्यक्तिगत स्वच्छता उपाय और कुछ हर्बल दवाएं स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायक हो सकती हैं, जैसा कि परामर्श में बताया गया है। यह भी सलाह दी जाती है कि इन दवाओं का उपयोग संबंधित चिकित्सा प्रणाली के पंजीकृत चिकित्सकों के परामर्श से ही किया जाना चाहिए।
इस संबंध में यह तथ्य संज्ञान में आया है कि मीडिया तथा चिकित्सा संगठनों में कुछ ऐसी रिपोर्टें आई हैं जो स्वास्थ्य देखभाल की आयुष प्रणालियों की छवि को धूमिल करती है और इन चिकित्सा प्रणालियों के प्रति लोगों में अविश्वास फैलाती हैं। अभी इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है। ऐसी स्थिति में कही से भी कोई सहायता मिलती हैं तो इसका स्वागत किया जाना चाहिए। आयुष परामर्श के प्रयास को सही दृष्टिकोण में देखा जाना चाहिए।