नई दिल्ली: ग्रामीण विकास तथा पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री श्री बीरेन्दर सिंह ने आज कहा कि स्वच्छ भारत अभियान के लक्ष्य को
प्राप्त करने के लिए धन की कमी नहीं होने दी जाएगी। छत्तीसगढ़ के रायपुर में आज ग्रामीण स्वच्छता एवं जलापूर्ति सप्ताह के अंतिम दिन उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान (ग्रामीण) और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए राज्यों को उनकी मांग के अनुसार धनराशि दी जाएगी। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय के निर्माण की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। उल्लेखनीय है कि इस संबंध में घरों में शौचालय और सामुदायिक शौचालयों के निर्माण में पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, राजस्थान और महाराष्ट्र अग्रणी हैं। उन्होंने बताया कि कई राज्य 02 अक्तूबर, 2019 के लक्ष्य के काफी पहले 2017 या 2018 में खुले में शौच जाने से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं। सिक्किम और केरल खुले में शौच जाने से मुक्त हो चुके हैं।
श्री बीरेन्दर सिंह ने कहा कि केवल शौचालय के निर्माण का लक्ष्य प्राप्त करने से ही स्वच्छता अभियान का उद्देश्य पूरा नहीं हो सकता बल्कि इसके लिए यह आवश्यक है कि कार्यक्रम सतत रूप से चलता रहे और लोगों की मानसिकता में बदलाव हो। मंत्री महोदय ने बताया कि मंत्रालय के बजट का 8 से 10 प्रतिशत विभिन्न भावी अभियान रणनीतियों पर खर्च किया जाएगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कार्यक्रम की सफलता के लिए जरूरी है कि देश के नागरिक इसे अपना काम समझकर इसमें भागीदारी करें।
श्री सिंह ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के साथ राज्य के 24 स्वच्छता चैंपियनों को पुरस्कार प्रदान किए। उन्होंने राज्य की 110 ग्राम पंचायतों और 154 गांवों को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया। डॉ. रमन सिंह ने घोषणा की कि छत्तीसगढ़ दिसम्बर 2018 तक खुले में शौच जाने से मुक्त राज्य बन जाएगा।
पेयजल एवं स्वच्छता राज्य मंत्री श्री राम कृपाल यादव ने 16 मार्च को पंजाब के मोहाली में ग्रामीण स्वच्छता एवं जलापूर्ति सप्ताह का उद्घाटन किया। महात्मा गांधी की 150वीं वर्षगांठ के मद्देनजर 02 अक्तूबर, 2019 तक उनके “स्वच्छ भारत” के स्वप्न को पूरा करने के लक्ष्य के साथ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 02 अक्तूबर, 2014 को शुरू किए गए स्वच्छ भारत अभियान के तहत ऐसे आयोजन वार्षिक रूप से किये जा रहे हैं।