नई दिल्ली: शहरी विकास मंत्री श्री वैंकेया नायडू ने स्वच्छ भारत अभियान को इसकी विशिष्टता के कारण केंद्र सरकार की ओर से प्रारंभ सारे अभियानों की जननी बताया है। उन्होंने मिशन का एक वर्ष पूरा होने के अवसर पर आज यहां मीडियाकर्मियों को संबोधित किया। मिशन के उद्देश्यों और विशिष्टताओं पर विस्तार से बात करते हुए श्री नायडू ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान अन्य अभियानों से इस मायने में भिन्न है कि यह लोगों के ज़हन को लक्षित करता है, जबकि अन्य अभियान लोगों की पहले से महसूस की जा रही ज़रूरतों को पूरा करने के लिहाज से बनाए गए हैं। दूसरे शब्दों में जहां अन्य अभियान लोगों की ज़रूरतों के हिसाब से चालित होते हैं, स्वच्छ भारत अभियान का उद्देश्य स्वच्छता सेवाओं और इसकी अवसंरचना की ज़रूरत पर बल देना है। ‘स्वच्छ भारत’ सबसे महत्वपूर्ण आदर्श वाक्य है जो हमारा देश विश्व को दे सकता है।
मंत्री महोदय ने कहा कि गत वर्ष अक्टूबर में प्रधानमंत्री द्वारा मिशन की शुरूआत के साथ ही इसके दर्शन और उद्देश्यों के प्रति पूरा देश और सभी आयु वर्ग के लोग प्रेरित हुए हैं। पिछले एक वर्ष में यह बड़ी उपलब्धि है। श्री नायडू ने बताया कि लोगों के व्यवहार में ठोस परिवर्तन लाने के लिए पिछले माह की 25 तारीख से एक तीव्र अभियान छेड़ा गया है जो अगले वर्ष मार्च तक जारी रहेगा। इस के अंतर्गत ग्यारह विभिन्न क्षेत्रों में स्वच्छता के लिए तीव्र मिशन चलाया जाएगा। यह ग्यारह क्षेत्र हैं- कृषि और अनाज बाज़ार, धार्मिक और पर्यटन स्थल, शैक्षणिक संस्थाएं, आरडबल्यूए, पुल एवं उपमार्ग, छावनी बोर्ड, जलीय और विहार स्थल, चिकित्सालय, पुराना शहर और सरकारी कार्यालय।
श्री वैंकेया नायडू ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में मिशन के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए पिछले एक वर्ष में संख्याबल उत्साहजनक रहा है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष अगस्त तक मिली रिपोर्ट के अनुसार गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा ने घरों में शौचालयों के निर्माण में अच्छा प्रदर्शन किया है।
श्री नायडू ने बताया कि मार्च 2016 तक शहरी घरों में 25 लाख शौचालयों के निर्माण के लक्ष्य के अंतर्गत 16.45 लाख शौचालयों का निर्माण शुरू किया गया, जिनमें से 4.65 लाख शौचालय पहले ही बनाए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि बिहार, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में अभी इस काम का ज़ोर पकड़ना शेष है। उन्होंने विश्वास जताया कि इस बारे में लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा।
श्री नायडू ने बताया कि पांच केंद्र शासित प्रदेशों- अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, चण्डीगढ़, दमन, दादरा और नागर हवेली, दिल्ली, केरल और तमिलनाडु के अलावा चार उत्तर-पूर्वी राज्यों अरुणाचल प्रदेश, नगालैण्ड, मेघालय और त्रिपुरा में शौचालय निर्माण का काम अभी शुरू होना बाक़ी है।
कई राज्यों में दिखे उत्साह का ज़िक्र करते हुए श्री नायडू ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में प्रति शौचालय 4000 रुपए की केंद्रीय सहायता के अलावा, 13 राज्य 4000 से 13000 रुपए तक की अतिरिक्त सहायता मुहैया करवा रहे हैं।
शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण के बारे में श्री नायडू ने बताया कि मार्च 2016 तक एक लाख शौचालयों के लक्ष्य के अंतर्गत 94653 शौचालयों का निर्माण कार्य हाथ में लिया जा चुका है और 24233 शौचालय बनाए जा चुके हैं।