लखनऊ: ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन कार्य को परिवार की संख्या के आधार पर किसी ग्राम पंचायत के लिए निर्धारित वित्तीय सहायता से प्रत्येक ग्राम पंचायत के लिए परियोजना आधार पर शुरू किया जाना है ताकि सभी ग्राम पंचायतें स्थायी ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन परियोजनाओं को कार्यान्वित करने में समर्थ हो सकें।
इस घटक के तहत कम्पोस्ट पिट, वर्मी कंपोस्टिंग, सार्वजनिक एवं निजी बायोगैस संयंत्र, कम लागत वाली निकासी, सीवेज चैनल/गड्ढा, अपशिष्ट जल का पुनः इस्तेमाल और संग्रहण प्रणाली, घरेलू कचरा को अलग-अलग करना तथा उसका निपटान करना इत्यादि जैसे क्रियाकलाप किये जा सकते हैं।
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन परियोजनाओं के लिए कुल सहायता का निर्धारण प्रत्येक ग्राम पंचायत में परिवारों की कुल संख्या के आधार पर किया जाता है, जो कि 150 परिवार वाली ग्राम पंचायत के लिए अधिकतम 7 लाख रूपये, 150 से अधिक तथा 300 परिवारों तक की ग्राम पंचायत के लिए 12 लाख रुपये, 300 से अधिक तथा 500 परिवारों तक की ग्राम पंचायत के लिए 15 लाख रुपये तथा 500 से अधिक परिवारों के लिए 20 लाख रुपये की धनराशि प्रदान की जाती है।
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अन्तर्गत ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए वित्त-पोषण केन्द्र तथा राज्य सरकार द्वारा 70ः30 के अनुपात में किया जाता हैं ग्राम पंचायतों की कार्ययोजना तैयार कर जिला स्वच्छता समिति से अनुमोदन के उपरान्त पंचायतीराज निदेशालय को भेजी जाती है। निदेशालय स्तर पर गठित स्टेट लेविल स्कीम सेन्सनिंग कमेटी द्वारा अनुमोदन प्रदान किया जाता है।
ग्राम पंचायत में उपलब्ध समस्त प्रकार के सड़ने योग्य कचरे जैसे-गोबर, जानवरों का बचा चारा, खेत की निराई के उपरान्त प्राप्त घास-फूस, संगंध फसलों के आसवन के उपरान्त प्राप्त अपशिष्ट, ग्रामीण हाट में उपलब्ध खराब तथा सड़ी सब्जी वं फल इत्यादि का उपयोग कर घेरलू गैस ईंधन उत्पादन का संयंत्र बायो इनर्जी मिशन सेल, नियोजन विभाग, उ0प्र0 तथा यूनिसेफ, लखनऊ के संयुक्त प्रयास से विकसित किया गया हैं इससे घरेलू उपयोग हेतु गैस ईंधन के साथ-साथ उच्च गुणवत्ता की आर्गेनिक खाद भी प्राप्त होती हैं। आवश्यकता पड़ने पर इस गैस का उपयोग घरेलू/व्यवसायिक उपयोग हेतु विद्युत उत्पादन में भी किया जा सकता है। बी0इ0एम0सी0 नामक इस माॅडल की विस्तृत जानकारी ग्राम पंचायतों /किसान भाइयों के उपयोगार्थ उपलब्ध करायी जा रही है। यूनिसेफ के सहयोग से ग्राम मुल्लाही खेड़ा नटकुर में बायोगैस ऊर्जा प्लाण्ट सक्रिय है।