नई दिल्ली: देश के 10 नए विरासत स्थलों ने आज अपने स्वच्छता मानकों को उदाहरणीय स्तर तक बढ़ाने के लिए कार्य योजना बनाई। यह स्थान हैं- श्री राघवेन्द्र स्वामी मठ मंत्रालयम (आंध्र प्रदेश), हजारदुआरी पैलेस (पश्चिम बंगाल), श्री ब्रह्म सरोवर मंदिर (हरियाणा), विदुर कुटी मंदिर (उत्तर प्रदेश), माणा गांव (उत्तराखंड), पनगोंग त्सो (जम्मू और कश्मीर), श्री नाग वासुकी मंदिर (उत्तर प्रदेश), नुपी किथेल (मणिपुर), श्री धर्म आस्था मंदिर (केरल) और कण्वाश्रम (उत्तराखंड)। पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय के समन्वय से यह स्वच्छ प्रतिष्ठित स्थानों (एसआईपी) का तीसरा चरण है। यह स्वच्छ भारत मिशन की पहल है।
केन्द्र तथा राज्य सरकार की एजेंसियों, स्थानीय प्रशासनों तथा प्रतिष्ठित स्थानों के ट्रस्ट/बोर्ड के बीच हैदराबाद में दो दिन के विचार-विमर्श के बाद कार्य योजना तैयार की गई। इस विचार-विमर्श में पूरे देश से आए 100 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए। कार्यक्रम के अंतर्गत चुने गए सभी 30 स्वच्छ प्रतिष्ठित स्थानों की ओर से अपने स्थानों को प्लास्टिक से मुक्त बनाने का संकल्प व्यक्त किया।
साथ-साथ चरण एक और चरण दो में स्वच्छ प्रतिष्ठित स्थानों में शुरू किए गए 20 कार्यों की समीक्षा की गई। चरण-एक के अंतर्गत कार्यक्रम 2016 में मीनाक्षी मंदिर (तमिलनाडु), अजमेर शरीफ दरगाह (राजस्थान), छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (महाराष्ट्र), श्री जगन्नाथ मंदिर (ओडिशा), मणिकर्णिका घाट (उत्तर प्रदेश) स्वर्ण मंदिर (पंजाब), कामख्या देवी श्राइन (असम), ताज महल (उत्तर प्रदेश), श्री माता देवी वैष्णो देवी मंदिर (जम्मू और कश्मीर) तथा तिरूमला तिरूपति देवस्थानम (आंध्र प्रदेश) हैं।
चरण दो के अंतर्गत अन्य 10 स्थलों पर कार्य 2017 में प्रारंभ हुआ। ये स्थल हैं- श्री महाकालेश्वर मंदिर (मध्य प्रदेश), चार मीनार (तेलंगाना), कॉन्वेंट एंड चर्च ऑफ फ्रांसिस ऑफ एसीसी (गोवा), सोमनाथ मंदिर (गुजरात), गोमातेश्वर मूर्ति (कर्नाटक), कलाडी (केरल), गंगोत्री मंदिर (उत्तराखंड), यमुनोत्री मंदिर, गया, तीर्थ (बिहार) तथा बैद्यनाथ मंदिर (झारखंड)।
स्वच्छ प्रतिष्ठित स्थल कार्यक्रम का उद्देश्य इन स्थानों पर उच्च स्तरीय स्वच्छता हासिल करना विशेषकर आसपास के क्षेत्रों में स्वच्छता है। स्वच्छता को प्रत्येक व्यक्ति का कार्य बनाने के प्रधानमंत्री के आह्वान का अनुसरण करते हुए केन्द्र और चुने गए राज्यों ने देश के प्रतिष्ठित स्थलों को स्वच्छ बनाने का साझा प्रयास शुरू किया गया है।
सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों का कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व समर्थन भी इन स्थानों पर विशेष स्वच्छता अभियान में मिला है।
विचार-विमर्श और समीक्षा की अध्यक्षता करते हुए पेयजल और स्वच्छता सचिव श्री परमेश्वरन अय्यर ने अंतर-क्षेत्रीय पहल से हुए प्रगति कार्य पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने सभी हितधारकों से और अधिक समन्वित रूप से कार्य करने को कहा और इसमें स्थानीय लोगों और आगंतुकों को शामिल करने का आग्रह किया।
श्री अय्यर के साथ एसआईपी के भागीदारों ने हैदराबाद के चार मीनार के आसपास स्वच्छता कार्य को देखा। स्वच्छ भारत मिशन की विशेष परियोजनाओं के महानिदेशक श्री अक्षय राउत ने पिछले दो वर्षों में किए गए कार्यों के बारे में प्रजेंटेशन दिया।