नई दिल्ली: सरकार जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) के लिए अपनी पोस्ट-2020 जलवायु कार्य योजना को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है। लीमा में 2014 में आयोजित पक्षकारों के सम्मेलन में लिए गए निर्णयों के अनुसार, जिसमें सभी पक्षकारों को 1 अक्टूबर, 2015 को आयोजित होने वाले सम्मेलन के 21वें सत्र से पहले अपने राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदानों (आईएनडीसी) को इस तरह से सूचित करना है
जिससे उनके राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदानों में स्पष्टता, पारदर्शिता और समझ का पता चले, भारत सरकार ने संभावित तिथि से पहले अपने आईएनडीसी को जमा करने के लिए उसे अंतिम रूप देने हेतु व्यापक बहुभागीदारों की बैठकों की श्रृंखला विभिन्न मंत्रालयों, विचार केंद्रों, संस्थानों औद्योगिक संघों, एनजीओ और सिविल सोसाएटी के साथ आयोजित की।
भारत जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) के सिद्धांत और प्रावधानों के अनुसार पेरिस में एक मजबूत और महत्वाकांक्षी निष्कर्ष की तरफदारी कर रहा है। भारत जलवायु परिवर्तन पर नई सरकार के मजबूत घरेलू पहलों पर प्रकाश डाल रहा है। भारत जी-77 और चीन, बेसिक (ब्राजील, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) देशों के समूह और ऐसे ही समझ वाले विकासशील (एलएमडीसी) देशों के साथ पेरिस में एक न्यायसंगत, व्यापक और संतुलित समझौते को सुनिश्चित करने के लिए साथ तालमेल कर रहा है।