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जलवायु परिवर्तन व पर्यावरण संवर्धन को एक जन आन्दोलन मिशन के रूप में शुरू करना होगा: डा0 नवनीत सहगल

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: युवा पर्यावरणविदों और संरक्षणवादियों को सशक्त बनाने तथा जलवायु परिर्वतन के दुष्प्रभावों से युवाओं को सचेत करने हेतु पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, उत्तर प्रदेश ने यूनिसेफ, नेशनल म्यूसियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री, इको क्लब टेरी स्कूल ऑफ़ एडवांस्ड स्टडी के सहयोग से 11 अप्रैल को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में नेशनल क्लाइमेट कॉन्क्लेव 2023 के अंतर्गत यूथ क्लाइमेट कॉन्क्लेव स्पॉटलाइट इवेंट के रूप में आयोजित किया, जिसका संचालन एवं भागीदारी पूर्ण रूप से युवाओं के द्वारा की गई। यूथ क्लाइमेट कॉन्क्लेव में कुल तीन सत्रों का संचालन हुआ, जिनका उद्देश्य युवा पर्यावरणविदों, प्रकृतिवादियों, संरक्षणवादियों और 12-30 वर्ष की आयु के छात्रों को जलवायु परिवर्तन पर चर्चा करने और अपने विचारों को साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करना है।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में युवा कल्याण एवं खेल विभाग अपर मुख्य सचिव श्री नवनीत सहगल ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की कार्रवाई में विकासशील और विकसित अर्थव्यवस्था की वार्ता अनिवार्य है, लेकिन हम एक ऐसे चरण में हैं जहां हर किसी को किसी न किसी तरह से कार्य करना चाहिए। समाज में हर एक की भूमिका होती है। उन्होंने युवाओं का आवाह्न किया कि किसी भी देश में जलवायु परिवर्तन या पर्यावरण संवर्द्धन की कल्पना बिना युवाओं के नहीं की जा सकती है। जलवायु परिवर्तन उसके दुष्प्रभावों एवं उससे बचाव को एक जनआन्दोलन के रूप में खड़ा करने के लिए युवाओं को आगे लाना होगा। नेशनल क्लाइमेट कानक्लेव -2023 में यूथ क्लाइमेट कॉनक्लेव का आयोजन जलवायु परिवर्तन और इसके दुष्प्रभाव को रोकने की दिशा में एक सार्थक प्रयास है, किन्तु यह यहीं पर नहीं रूकेगा आगे भी युवाओं सम्मिलित कर इस प्रकार के आयोजनों को संचालित किया जाता रहेगा।
पहले सत्र “Role of Youth in spreading Awareness about Climate Change” जलवायु परिवर्तन के बारे में जागरूकता फैलाने में युवाओं की भूमिका का संचालन सिटी मोन्टेसरी स्कूल, लखनऊ की छात्रा आस्था माथुर द्वारा किया गया। इस पैनल का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के बारे में जागरूकता फैलाने और उन्हें कार्रवाई करने के लिए प्रोत्साहित करने में युवाओं की भागीदारी के महत्व को उजागर करना था।
दूसरे सत्र “Grassroot efforts and Innovations by Young Climate Warriors”  का संचालन सुश्री प्राची प्रशांत शेवगाउनकर, संस्थापक, कूल द ग्लोब एप द्वारा हुआ। इस पैनल का उद्देश्य युवा जलवायु योद्धाओं के जमीनी प्रयासों और नवीन विचारों को प्रदर्शित करना और उन्हें अपनी सफलता की कहानियों को साझा करने और दूसरों को प्रेरित करने के लिए एक मंच प्रदान करना है ।
अंतिम सत्र “Careers in Climate Change: Become a Climate Warrior”  का संचालन श्री जैलाब्दीन अज्जी मोहिदीन, परियोजना प्रबंधक घड़ियाल पारिस्थितिकी परियोजना के द्वारा संचालित किया गया । इस पैनल का उद्देश्य युवाओं का जलवायु परिवर्तन में करियर बनाने और स्वयं जलवायु योद्धा बनने के लिए मार्गदर्शन और प्रोत्साहित करना था।
सुश्री सिंथिया मैककैफी, यूनिसेफ की राष्ट्रीय प्रतिनिधि भी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रही। उन्होंने जलवायु कार्रवाई में युवाओं की भागीदारी के महत्व पर अपने विचार प्रस्तुत किए और कहा कि हम अपने जीवन को पैसा कमाने और व्यापार तक सीमित नहीं रख सकते। हमारे लिए ये पर्यावरण और जन जीवन का भी उतना ही महत्व होना चाहिए ।

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