चमोली: उत्तराखंड में चमोली के घाट ब्लॉक में बादल फटने सेभयंकर बारिश हुई। यहां लांखी, बांजबगड़ और आली गांवों में 3 बच्चे, एक युवक, एक युवती और एक महिला की मौत हो गई। इसके अलावा 45 बकरियां, 2 गाय और एक बछड़े की जान चली गई। गांव को जोड़ने वाले पैदल रास्ते, पेयजल और विद्युत लाईनें क्षतिग्रस्त हो गईं। चुफलागाड नदी में आए उफान से बाढ़ का संकट पैदा गया। घाट बाजार में दो व्यवसायिक भवन तबाह हो गए। तबाही का पता चलने पर पुलिस-प्रशासन और एसडीआरएफ की टीमें राहत एवं बचाव अभियान में जुट गईं।
बांजबगड में 6 लोगों के शव मिले
संवाददाता के अनुसार, लांखी और बांजबगड़ में मलबे में दबे शवों को निकाला जा रहा है। चमोली के प्रभारी जिलाधिकारी हंसादत्त पांडे ने बताया कि घाट ब्लॉक के लांखी और बांजबगड गांवों में आई आपदा में 6 लोगों के शव मिले हैं। अब ग्रामीणों को राहत राशि एवं दैनिक उपयोगी वस्तुओं की आपूर्ति करवाई जा रही है। घाट बाजार में नदी किनारे की 30 दुकानें खाली करवा दी गई हैं।
ऐसे ध्वस्त हुए मकान, दबकर मरे परिवार
बता दें कि, घाट ब्लॉक में रविवार देर रात्रि बारिश शुरू हुई। तब से सुबह करीब साढ़े चार बजे तक बारिश हुई। उसके बाद लांखी गांव में बादल फट गए। जिससे शंकर लाल का आवासीय भवन तबाह हो गया। घर में मौजूद शंकर लाल की 8 वर्षीय बेटी आरती और 6 वर्षीय अंजली और 24 वर्षीय अजय पुत्र सुरेंद्र लाल निवासी नौरख पीपकोटी मलबे में दब गए।
शवों को दोपहर 12 बजे निकाला जा सका
छह घंटे की मशक्कत के बाद स्थानीय ग्रामीणों और एसडीआरएफ द्वारा शवों को दोपहर 12 बजे निकाला जा सका। वहीं, इस दौरान बांजबगड गांव में हुए भूस्खन से स्थानीय निवासी अब्बल सिंह के आवासीय भवन का एक हिस्सा भी क्षतिग्रस्त हो गया। यहां हुई घटना में अब्बल सिंह की 33 वर्षीय पत्नी रुपा देवी और 9 माह की बेटी चंदा मलबे में दब गये।
45 बकरियां, 2 गाय व 1 बछडा जिंदा दफन
आली गांव में भूस्खलन की चपेट में आने से नैनू राम के भवन क्षतिग्रस्त होने उसकी 20 वर्षीय पुत्री नौरती की भी मौत हो गई। जबकि, घटना में 2 गौशालाओं के क्षतिग्रस्त होने से 45 बकरियां, 2 गाय व 1 बछडा जिंदा दफन हो गये। वहीं, आपदा से यहां लांखी और बांजबगड़ क्षेत्रों को सप्लाई होने वाली पेयजल लाइनें, पैदल रास्ते और विद्युत लाइनें क्षतिग्रस्त हो गई। जिससे गांवों की स्थिति दयनीय बनी हुई है। source: oneindia