लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयन्ती ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के अवसर पर 75 मोटर साइकिल सवारों की रैली को अपने सरकारी आवास से हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। यह रैली काकोरी शहीद स्मारक पर जाकर समाप्त होगी।
इस अवसर पर अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज पूरे देश में स्वतंत्र भारत की एकता और अखण्डता के शिल्पी सरदार वल्लभ भाई पटेल की पावन जयन्ती बड़ी श्रद्धा और सम्मान के साथ आयोजित की जा रही है। पूूरा राष्ट्र आज भारत की राष्ट्रीय एकता व अखण्डता के लिए सरदार पटेल के योगदान को स्मरण करते हुए उन संकल्पांे से जुड़ने की प्रतिज्ञा ले रहा है, जो भारत की एकता और अखण्डता को अक्षुण्ण बनाए रख सकते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सदियों की गुलामी की बेड़ियों को तोड़ते हुए 15 अगस्त, 1947 को देश आजाद हुआ था। इस समय अनेक ऐसी रियासतें थीं, जो भारत गणराज्य के साथ जुड़ने में आना-कानी कर रही थीं। अंग्रेजों की कुटिल नीति ने भारत को कमजोर करने के लिए रियासतों को विकल्प प्रदान किया कि वे अपनी मर्जी से भारत या पाकिस्तान में शामिल हो सकती हैं अथवा स्वतंत्र रह सकती हैं। अपनी सूझ-बूझ तथा दृढ़ प्रतिज्ञ भाव के साथ प्रखर राष्ट्र भक्ति का परिचय देते हुए सरदार वल्लभ भाई पटेल ने भारत के गृह मंत्री व उप प्रधानमंत्री के रूप में भारत के एकीकरण के लिए अभियान चलाया। भारत की एकता एवं अखण्डता के शिल्पी सरदार वल्लभ भाई पटेल की पावन जयन्ती वर्ष 2014 से पूरा देश ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के रूप मना रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह वर्ष भारत की आजादी के अमृत महोत्सव का वर्ष है। साथ ही, यह चौरी-चौरा की घटना के सभी बलिदानियांे की स्मृति का शताब्दी वर्ष भी है। 04 फरवरी, 1922 को जनपद गोरखपुर के चौरी-चौरा में देश की आजादी को लेकर किसानों, मजदूरों एवं स्थानीय नागरिकों ने क्रान्तिकारियों से प्रेरणा लेकर राष्ट्रीय आन्दोलन को आगे बढ़ाया था। राष्ट्रीय चेतना को जागृत करने वाले चौरी-चौरा के इस ऐतिहासिक घटनाक्रम ने भारतीय इतिहास में अपना स्थान बनाया। इस वर्ष चौरी-चौरा की घटना का शताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई एवं आजादी से जुड़ी तिथियां सभी को अपने सनातन व पुरातन राष्ट्र को एकता एवं अखण्डता में बांधने के लिए निरन्तर प्रेरित करती हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि काकोरी ट्रेन एक्शन ने आजादी की लड़ाई को एक ऊंचाई प्रदान की। इसमें पं0 राम प्रसाद बिस्मिल, ठाकुर रोशन सिंह, अशफाक उल्ला खां, चन्द्रशेखर आजाद एवं अन्य महान क्रांतिकारियों ने पूरी दृढ़ता से ब्रिटिश हुकूमत से मोर्चा लिया था। उन्होंने कहा कि काकोरी नामक स्थान पर जहां यह ऐतिहासिक घटना घटित हुई, वह स्थान प्रदेश की राजधानी लखनऊ में है। आज आजादी के अमृत वर्ष के उपलक्ष्य में यहां से मोटर साइकिल रैली रवाना हुई है। यह रैली काकोरी शहीद स्मारक स्थल पहुंचकर शहीदों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करेगी।
इस अवसर पर विधि एवं न्याय मंत्री श्री बृजेश पाठक, मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, पुलिस महानिदेशक श्री मुकुल गोयल, अपर मुख्य सचिव गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव एम0एस0एम0ई0 एवं सूचना श्री नवनीत सहगल, लखनऊ के मण्डलायुक्त श्री रंजन कुमार, जिलाधिकारी श्री अभिषेक प्रकाश सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।